रुद्रप्रयाग: युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सत्र न्यायाधीश श्रीकांत पांडे ने एक युवक को मामले में दोषी पाते हुए 6 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं, पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर आरोपी को पुरसाड़ी जेल भेज दिया है.
शासकीय अधिवक्ता सुदर्शन चौधरी ने बताया कि युवती द्वारा खुदकुशी करने के मामले में बीते साल 9 मई को नरेंद्र लाल ने अगस्त्यमुनि थाने में तहरीर दी थी. नरेंद्र ने बताया था कि उनकी बेटी को अर्जुन कुमार नाम के युवक ने आत्महत्या के लिए उकसाया था. जिस पर पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 306 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर लिया था. विवेचना पूरी होने के बाद मामला जिला न्यायालय पहुंचा. पीड़ित ने बताया कि युवती की सगाई मनोज कुमार नाम के युवक से हुई थी, जो कि वीणा मल्ला पोखरी का रहने वाला था.
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इसके बाद से आरोपी अर्जुन कुमार उनकी बेटी को फोन पर उसे उसके होने वाले पति और पिता को जान से मारने की धमकी देता रहता था. यहां तक कि उसने उनकी बेटी के मंगेतर को दोनों के बीच प्रेम संबंध होने सहित अन्य कई बातें भी कही थी. आरोपी द्वारा लगातार परेशान किए जाने से तंग आकर युवती ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. वहीं, शासकीय अधिवक्ता की दलीलों और सबूतों को मद्देनजर रखते हुए सत्र न्यायाधीश श्रीकांत पांडे ने कहा कि ये अपराधी माफी के जरा भी लायक नहीं है.
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वहीं, इस मामले में सत्र न्यायाधीश श्रीकांत पांडे ने आरोपी को दोषी पाते हुए 6 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी द्वारा जेल में अभीतक काटी गई सजा को वर्तमान में सुनाई गई सजा में समायोजित किया है.