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70 गांवों को जोड़ने वाला मोटरपुल हो रहा खोखला, जिम्मेदार अधिकारी मौन - गंगानगर मोटरपुल रुद्रप्रयाग

विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के 70 से अधिक गांवों की जीवन रेखा कहे जाने वाले गंगानगर पुल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

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70 गांवों को जोड़ने वाला मोटरपुल हो रहा खोखला
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Published : Feb 16, 2021, 10:00 PM IST

रुद्रप्रयाग: विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के 70 से अधिक गांवों के आवागमन की जीवन रेखा गंगानगर मोटरपुल की नींव खोखला होने लगा है. साथ ही पुल को सुरक्षित रखने को लेकर लगाया गया पुश्ता भी ढह गया है. ऐसे में क्षेत्रीय जनता को डर सताने लगा है कि किसी भी दिन मोटरपुल धराशायी हो सकता है, जिससे उनके जान को खतरा है.

बता दें कि साल 2013 की प्रलयकारी केदारनाथ आपदा में गंगानगर मोटरपुल काफी क्षतिग्रस्त हो गया था. गनीमत यही रही कि मोटरमार्ग मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में नहीं बहा. वहीं, मंदाकिनी नदी का पानी कम होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई रूप से पुल के ट्रीटमेंट को लेकर लाखों की लागत से पुश्ते का निर्माण किया. लेकिन पुल का स्थाई ट्रीटमेंट न होने के कारण आज गंगानगर पुल धराशायी होने के कगार पर है. पुल की नींव खोखला होता जा रहा है और पुश्ता भी धंस रहा है, जिससे कभी भी यह पुल ध्वस्त हो सकता है.

पढ़ें-रिसाव के चलते तपोवन टनल में रुका रेस्क्यू कार्य, अब तक 58 शव बरामद

स्थानीय मोहन रौतेला ने कहा कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक के सत्तर से अधिक गांवों के आवागमन की जीवन रेखा कहलाने वाला गंगानगर मोटरपुल केदारनाथ आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई रूप से वायर क्रेट से ठीक किया और अस्सी लाख खर्च करके एनएच की दीवार बनाई. स्थाई व्यवस्था न करने से दीवार पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गयी है और पुल का अबेटमेंट भी खोखला होता जा रहा है.

ऐसे में मोटरपुल और जवाहरनगर बस्ती को खतरा पैदा हो गया है. जिला महामंत्री ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजते हुए मोटरपुल के क्षतिग्रस्त अबेटमेंट को दुरूस्त करने की मांग की है. वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि गंगानगर मोटरपुल की सुरक्षा को लेकर लोक निर्माण विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं. जल्द ही पुल के अबेटमेंट का कार्य शुरू करवाया जायेगा.

रुद्रप्रयाग: विकासखण्ड अगस्त्यमुनि के 70 से अधिक गांवों के आवागमन की जीवन रेखा गंगानगर मोटरपुल की नींव खोखला होने लगा है. साथ ही पुल को सुरक्षित रखने को लेकर लगाया गया पुश्ता भी ढह गया है. ऐसे में क्षेत्रीय जनता को डर सताने लगा है कि किसी भी दिन मोटरपुल धराशायी हो सकता है, जिससे उनके जान को खतरा है.

बता दें कि साल 2013 की प्रलयकारी केदारनाथ आपदा में गंगानगर मोटरपुल काफी क्षतिग्रस्त हो गया था. गनीमत यही रही कि मोटरमार्ग मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में नहीं बहा. वहीं, मंदाकिनी नदी का पानी कम होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई रूप से पुल के ट्रीटमेंट को लेकर लाखों की लागत से पुश्ते का निर्माण किया. लेकिन पुल का स्थाई ट्रीटमेंट न होने के कारण आज गंगानगर पुल धराशायी होने के कगार पर है. पुल की नींव खोखला होता जा रहा है और पुश्ता भी धंस रहा है, जिससे कभी भी यह पुल ध्वस्त हो सकता है.

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स्थानीय मोहन रौतेला ने कहा कि अगस्त्यमुनि ब्लॉक के सत्तर से अधिक गांवों के आवागमन की जीवन रेखा कहलाने वाला गंगानगर मोटरपुल केदारनाथ आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे लोक निर्माण विभाग ने अस्थाई रूप से वायर क्रेट से ठीक किया और अस्सी लाख खर्च करके एनएच की दीवार बनाई. स्थाई व्यवस्था न करने से दीवार पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गयी है और पुल का अबेटमेंट भी खोखला होता जा रहा है.

ऐसे में मोटरपुल और जवाहरनगर बस्ती को खतरा पैदा हो गया है. जिला महामंत्री ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजते हुए मोटरपुल के क्षतिग्रस्त अबेटमेंट को दुरूस्त करने की मांग की है. वहीं, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि गंगानगर मोटरपुल की सुरक्षा को लेकर लोक निर्माण विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं. जल्द ही पुल के अबेटमेंट का कार्य शुरू करवाया जायेगा.

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