रुद्रप्रयाग: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने चारधाम राजमार्ग के लिये रुद्रप्रयाग में टनल और पुल निर्माण के लिए 248 करोड़ मंजूर किए हैं. इसके निर्माण के बाद शहर में जाम की गंभीर समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. चारधाम यात्रा के दौरान रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार में जाम की समस्या से जनता काफी परेशान रहती है. साथ ही देश-विदेश से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भी भारी समस्या से जूझना पड़ता है.
लम्बे समय से इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर जनता उम्मीद पाले हुए थी, जो अब जाकर साकार हो रही है. बताया जा रहा है कि ढाई वर्ष के भीतर टनल और पुल बनकर तैयार हो जाएंगे.
गौर हो कि वर्ष 2003-2004 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रुद्रप्रयाग शहर की भौगोलिक परिस्थिति व जनता की मांग पर जवाड़ी बाईपास के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी. इसके तहत दो चरणों में कार्य पूरा होना था. प्रथम चरण में गुलाबराय से जवाड़ी होते हुए गौरीकुंड हाइवे पर बाईपास को जुड़ना था, जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. जबकि दूसरे चरण में गौरीकुंड हाइवे पर लोनिवि रुद्रप्रयाग खंड कार्यालय के पास से सुरंग का निर्माण कर रुद्रप्रयाग चोपता-पोखरी मार्ग पर बेलणी के निकट तक 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है.
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इसके साथ ही अलकनंदा नदी पर 190 मीटर लंबे पुल का निर्माण कर इसे बदरीनाथ हाइवे से जोड़ना है. प्रथम चरण का कार्य पूरा होने के बाद जनता दूसरे चरण के कार्य का इंतजार कर रही थी. अब द्वितीय चरण का कार्य भी जल्द शुरू हो जाएगा. इसके लिए नेशनल हाइवे लोनिवि की ओर से टेंडर जारी कर दिए गए हैं. अप्रैल महीने में टेंडर ओपन किए जाएंगे. इसके बाद निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. यह निर्माण 30 महीने में पूरा हो जाएगा.
रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे पर जागतोली से रुद्रप्रयाग-पोखरी मार्ग पर निकलने वाली 900 मीटर सुरंग और रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग से बदरीनाथ हाईवे को जोड़ने के लिए 200 मीटर पुल निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद एनएच लोनिवि सक्रिय हो गया है. भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 248 करोड़ की स्वीकृति मिलने के बाद लोनिवि करीब 4 महीने में इस प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य शुरू करेगा. इससे रुद्रप्रयाग और आसपास की तस्वीर बदल जाएगी.
लंबे समय से केदारनाथ हाईवे एनएच 107 पर जागतोली के पास 900 मीटर सुरंग को लेकर पूर्व में कई बार सर्वे किए गये. हालांकि अब भारत सरकार द्वारा इस कार्य के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग एनएच को स्वीकृति दे दी गई है. वहीं, रुद्रप्रयाग-पोखरी मोटर मार्ग पर डबल रोड के पास से बदरीनाथ हाईवे (जिसे एनएच 07 कहा जाता है) पर 200 मीटर लम्बा पुल बनाया जाएगा.
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लोनिवि के ईई जेपी त्रिपाठी ने बताया कि यह दोनों कार्य एक ही प्रोजेक्ट में शामिल हैं. टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाएगी, जबकि टेंडर खुलने के बाद कार्य शुरू किया जाएगा. त्रिपाठी ने बताया कि कार्य शुरू होने में करीब 4 महीने लग सकते हैं. इधर यह सुरंग और पुल केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बड़े मददगार बनेंगे. उन्हें शहर में प्रवेश करना है या नहीं यह सब अब यात्रा पर ही निर्भर करेगा.
उधर, राष्ट्रीय राजमार्ग लोनिवि खंड के अधिशासी अभियंता जितेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का मुख्य उद्देश्य रुद्रप्रयाग शहर में जाम की स्थिति से देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को निजात दिलाना है. वर्तमान में सरकार ने चारधाम परियोजना के तहत हाइवे को चौड़ा तो किया है, लेकिन यात्रा सीजन में वाहनों का दबाव ज्यादा रहता है. शहर में जाम की समस्या से जनता परेशान रहती है और घंटों जाम लगने से तीर्थयात्री अपने गंतव्य को भी समय से नहीं पहुंच पाते.
दूसरे चरण में गौरीकुंड हाइवे पर लोनिवि रुद्रप्रयाग खंड कार्यालय के पास से सुरंग का निर्माण कर रुद्रप्रयाग चोपता-पोखरी मार्ग पर बेलणी के निकट तक सुरंग का निर्माण किया जायेगा. अलकनंदा नदी पर पुल का निर्माण कर बदरीनाथ हाइवे से इसे जोड़ा जाएगा. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गौरीकुंड, कलेक्ट्रेट व कोटेश्वर की ओर जाने वाले लोग सीधे पुल से होकर निकल जाएंगे. बदरीनाथ जाने वाले सुरंग से होकर निकलेंगे. ऐसे में उन्हें रुद्रप्रयाग शहर की ओर नहीं आना पड़ेगा और जाम की समस्या भी नहीं बनेगी.