रुद्रप्रयाग: जिले की तैला-सिलगढ़ पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से तैला गांव में पानी का संकट गहरा गया है. पिछले दो माह से ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. स्थिति यह है कि ग्रामीण गांव से डेढ़ किमी दूर पेयजल स्त्रोत से पानी ढो रहे हैं. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि, दो माह पूर्व सिरवाड़ी क्षेत्र में बादल फटने से तैला-सिलगढ़ पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी. तब से तैला सहित अन्य गांवों में पानी की समस्या बनी हुई है. जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं. गांव के छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक डेढ़ किमी दूर पेयजल स्त्रोत से पानी ढोने को मजबूर हैं. गांव में सार्वजनिक कार्य के लिए घोड़े-खच्चरों से पानी का ढुलान करवाना पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि, तैला गांव के 140 परिवार रहते हैं. इन सभी के सामने पानी की समस्या है. सिलगढ़ पेयजल लाइन के बार-बार क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है. उन्होंने गांव में दो फिटर नियुक्त करने की मांग की.
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जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने तैला गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या को सुना. उन्होंने कहा कि गांव में पिछले दो माह से पानी की समस्या बनी हुई है. इसके बावजूद अभी तक पानी की आपूर्ति नहीं हुई है. उन्होंने जल संस्थान से जल्द पेयजल आपूर्ति करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि, भरदाई कटाई नामक स्त्रोत से गांव के लिए अलग से पेयजल लाइन निर्माण और तैला में हैंडपंप लगाए जाने की मांग की.
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ताकि ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना न पड़े. उन्होंने कहा कि अगर जल्द पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो ग्रामीणों के साथ जिला मुख्यालय में आंदोलन किया जाएगा. जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने कहा कि, पेयजल लाइन की मरम्मत का काम जारी है. जल्द पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी जाएगी.