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देहरादून के व्यक्ति से ट्रेडिंग के नाम पर ₹35 लाख की ठगी, मुकेश अंबानी का भी रोल आया सामने! - CYBER ​​FRAUD

साइबर ठगों ने ट्रेडिंग के नाम पर देहरादून के व्यक्ति से लाखों की ठगी की. ठगी के लिए मुकेश अंबानी को हथियार बनाया.

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देहरादून के व्यक्ति से ट्रेडिंग के नाम पर ₹35 लाख की ठगी (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 5, 2025, 3:14 PM IST

देहरादूनः साइबर ठग ठगी करने के अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. एक मामले में ठगों ने मुकेश अंबानी के वीडियो को हथियार बनाकर एक व्यक्ति से 35 लाख रुपए की ठगी कर डाली. ठगों ने व्यक्ति को ट्रेडिंग में रुपए लगाकर लाखों रुपए मुनाफे का लालच देकर गाढ़ी कमाई को एक झटके में हड़प लिया. पीड़ित ने ठगों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद ठगों की तलाश शुरू हो गई है.

देहरादून निवासी व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि वह एक बिजनेसमैन है. एक दिन उसने फेसबुक पर मुकेश अंबानी का वीडियो देखा. वीडियो में बताया गया कि 22 हजार रुपए निवेश करके अच्छा लाभ कमाएं. पीड़ित को रुपयों की जरूरत थी तो पीड़ित ने वीडियो क्लिक कर दिया. इसके बाद एक वेबसाइट खुली और उसमें फॉर्मेट आया. पीड़ित द्वारा फॉर्मेट भरने के बाद 28 जुलाई 2024 को व्हाट्सएप नंबर से मयंक माहेश्वरी नाम के व्यक्ति का फोन आया.

व्यक्ति ने बताया कि वह फिनिक्स ट्रेडिंग ग्रुप का फाइनेंशियल एडवाइजर है और उसने निवेश खाता खोलने के लिए एक लाख रुपए मांगे. पीड़ित के रकम भेजने के बाद व्यक्ति ने कहा कि उनकी धनराशि को गोल्ड कमोडिटी में लगा दिया जाएगा. उसके बाद पीड़ित की ईमेल आईडी पर फर्जी रिजर्व बैंक का मेल आया. जिसमें बताया गया कि आपको एक करोड़ 57 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है. इसके बदले साइबर ठगों ने पीड़ित से घोषणा शुल्क, कन्वर्जन शुल्क और अन्य फीसों के बदले 34 लाख रुपए मांगे. पीड़ित ने 34 लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिए.

इसके बाद भी ठग गिरोह के अलग-अलग सदस्य लगातार पीड़ित से धनराशि जमा करने का दबाव बनाते रहे. उसके बाद ट्रेडिंग ग्रुप के ईशान चोपड़ा और दीपक गुप्ता नाम के दो व्यक्ति ने तीन लाख रुपए की ओर डिमांड की और कहा कि इसके बाद आपकी पूरी रकम खाते में आ जाएगी. लेकिन पीड़ित के खाते में धनराशि नहीं होने के कारण वह रुपए नहीं भेज पाया. जिसके बाद साइबर ठगों ने फोन उठाना बंद कर दिया.

साइबर सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित के शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच कर रही है. साथ ही पीड़ित द्वारा जिन खातों में रुपए ट्रांसफर हुए हैं, उन खातों की जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ेंः साइबर ठग ने बेटा बनकर बुजुर्ग महिला से ठगे लाखों रुपए, जांच में जुटी पुलिस

देहरादूनः साइबर ठग ठगी करने के अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. एक मामले में ठगों ने मुकेश अंबानी के वीडियो को हथियार बनाकर एक व्यक्ति से 35 लाख रुपए की ठगी कर डाली. ठगों ने व्यक्ति को ट्रेडिंग में रुपए लगाकर लाखों रुपए मुनाफे का लालच देकर गाढ़ी कमाई को एक झटके में हड़प लिया. पीड़ित ने ठगों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद ठगों की तलाश शुरू हो गई है.

देहरादून निवासी व्यक्ति ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि वह एक बिजनेसमैन है. एक दिन उसने फेसबुक पर मुकेश अंबानी का वीडियो देखा. वीडियो में बताया गया कि 22 हजार रुपए निवेश करके अच्छा लाभ कमाएं. पीड़ित को रुपयों की जरूरत थी तो पीड़ित ने वीडियो क्लिक कर दिया. इसके बाद एक वेबसाइट खुली और उसमें फॉर्मेट आया. पीड़ित द्वारा फॉर्मेट भरने के बाद 28 जुलाई 2024 को व्हाट्सएप नंबर से मयंक माहेश्वरी नाम के व्यक्ति का फोन आया.

व्यक्ति ने बताया कि वह फिनिक्स ट्रेडिंग ग्रुप का फाइनेंशियल एडवाइजर है और उसने निवेश खाता खोलने के लिए एक लाख रुपए मांगे. पीड़ित के रकम भेजने के बाद व्यक्ति ने कहा कि उनकी धनराशि को गोल्ड कमोडिटी में लगा दिया जाएगा. उसके बाद पीड़ित की ईमेल आईडी पर फर्जी रिजर्व बैंक का मेल आया. जिसमें बताया गया कि आपको एक करोड़ 57 लाख रुपए का मुनाफा हुआ है. इसके बदले साइबर ठगों ने पीड़ित से घोषणा शुल्क, कन्वर्जन शुल्क और अन्य फीसों के बदले 34 लाख रुपए मांगे. पीड़ित ने 34 लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिए.

इसके बाद भी ठग गिरोह के अलग-अलग सदस्य लगातार पीड़ित से धनराशि जमा करने का दबाव बनाते रहे. उसके बाद ट्रेडिंग ग्रुप के ईशान चोपड़ा और दीपक गुप्ता नाम के दो व्यक्ति ने तीन लाख रुपए की ओर डिमांड की और कहा कि इसके बाद आपकी पूरी रकम खाते में आ जाएगी. लेकिन पीड़ित के खाते में धनराशि नहीं होने के कारण वह रुपए नहीं भेज पाया. जिसके बाद साइबर ठगों ने फोन उठाना बंद कर दिया.

साइबर सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित के शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच कर रही है. साथ ही पीड़ित द्वारा जिन खातों में रुपए ट्रांसफर हुए हैं, उन खातों की जांच की जा रही है.

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