पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा का जादू युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. एक दौर था जब इस यात्रा में उम्र का पड़ाव पार कर चुके लोग ही शिरकत करते थे. लेकिन आज का युवा इसे एक ऐसी साहसिक यात्रा के रूप में देख रहा है, जिसमें एडवेंचर के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य भी भरपूर है.
बता दें कि, कुछ सालों पहले मानसरोवर यात्रा को सिर्फ और सिर्फ धार्मिक नजरिए से देखा जाता था. यही वजह थी कि इस यात्रा में ज्यादातर भागीदारी बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में नजारा काफी बदला है. देश का युवा आज इस यात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी कर रहा है, युवाओं के इस बढ़ते क्रेज के पीछे धार्मिक भावना तो है ही, साथ ही नेचर को जानने की ललक भी है.
यात्रा को लेकर युवाओं में बढ़ते क्रेज को देखते हुए उनकी प्रकृति को जानने की ललक और जोखिम लेने की प्रवर्ति भी साफ नजर आ रही है. युवा तीर्थयात्री विश्व की इस सबसे दुर्गम यात्रा को ट्रैकिंग के रूप में भी देख रहे हैं. वहीं कुछ तीर्थयात्री प्रकृति के मनमोहक पलों को कैद करने के लिए भी यात्रा में शिरकत कर रहे हैं. इस यात्रा में शामिल होने के लिए धार्मिक आस्था के साथ ही स्वस्थ शरीर का होना भी बेहद जरूरी है. जिस कारण युवाओं को ये यात्रा ज्यादा रास आ रही है.