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कैलाश मानसरोवर यात्रा में होता है आस्था और एडवेंचर का अद्भुत संगम, बढ़ रहा युवाओं में क्रेज - एडवेंचर

एक दौर था जब विश्व की सबसे दुर्गम यात्राओं में शुमार कैलाश-मानसरोवर यात्रा में उम्र का पड़ाव पार कर चुके लोग ही शिरकत करते थे. लेकिन आज का युवा इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है और एडवेंचर के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य का भरपूर मजा ले रहा हैं.

कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर बढ़ रहा युवाओं में क्रेज
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Published : Jul 22, 2019, 4:57 PM IST

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा का जादू युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. एक दौर था जब इस यात्रा में उम्र का पड़ाव पार कर चुके लोग ही शिरकत करते थे. लेकिन आज का युवा इसे एक ऐसी साहसिक यात्रा के रूप में देख रहा है, जिसमें एडवेंचर के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य भी भरपूर है.

बता दें कि, कुछ सालों पहले मानसरोवर यात्रा को सिर्फ और सिर्फ धार्मिक नजरिए से देखा जाता था. यही वजह थी कि इस यात्रा में ज्यादातर भागीदारी बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में नजारा काफी बदला है. देश का युवा आज इस यात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी कर रहा है, युवाओं के इस बढ़ते क्रेज के पीछे धार्मिक भावना तो है ही, साथ ही नेचर को जानने की ललक भी है.

कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर बढ़ रहा युवाओं में क्रेज

यात्रा को लेकर युवाओं में बढ़ते क्रेज को देखते हुए उनकी प्रकृति को जानने की ललक और जोखिम लेने की प्रवर्ति भी साफ नजर आ रही है. युवा तीर्थयात्री विश्व की इस सबसे दुर्गम यात्रा को ट्रैकिंग के रूप में भी देख रहे हैं. वहीं कुछ तीर्थयात्री प्रकृति के मनमोहक पलों को कैद करने के लिए भी यात्रा में शिरकत कर रहे हैं. इस यात्रा में शामिल होने के लिए धार्मिक आस्था के साथ ही स्वस्थ शरीर का होना भी बेहद जरूरी है. जिस कारण युवाओं को ये यात्रा ज्यादा रास आ रही है.

पिथौरागढ़: कैलाश मानसरोवर यात्रा का जादू युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है. एक दौर था जब इस यात्रा में उम्र का पड़ाव पार कर चुके लोग ही शिरकत करते थे. लेकिन आज का युवा इसे एक ऐसी साहसिक यात्रा के रूप में देख रहा है, जिसमें एडवेंचर के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य भी भरपूर है.

बता दें कि, कुछ सालों पहले मानसरोवर यात्रा को सिर्फ और सिर्फ धार्मिक नजरिए से देखा जाता था. यही वजह थी कि इस यात्रा में ज्यादातर भागीदारी बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की हुआ करती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में नजारा काफी बदला है. देश का युवा आज इस यात्रा में बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी कर रहा है, युवाओं के इस बढ़ते क्रेज के पीछे धार्मिक भावना तो है ही, साथ ही नेचर को जानने की ललक भी है.

कैलाश-मानसरोवर यात्रा को लेकर बढ़ रहा युवाओं में क्रेज

यात्रा को लेकर युवाओं में बढ़ते क्रेज को देखते हुए उनकी प्रकृति को जानने की ललक और जोखिम लेने की प्रवर्ति भी साफ नजर आ रही है. युवा तीर्थयात्री विश्व की इस सबसे दुर्गम यात्रा को ट्रैकिंग के रूप में भी देख रहे हैं. वहीं कुछ तीर्थयात्री प्रकृति के मनमोहक पलों को कैद करने के लिए भी यात्रा में शिरकत कर रहे हैं. इस यात्रा में शामिल होने के लिए धार्मिक आस्था के साथ ही स्वस्थ शरीर का होना भी बेहद जरूरी है. जिस कारण युवाओं को ये यात्रा ज्यादा रास आ रही है.

Intro:पिथौरागढ़: एक दौर था जब कैलाश मानसरोवर यात्रा में उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके लोग ही शिरकत किया करते थे। मगर अब इस यात्रा का जादू युवाओं के भी सर चढ़कर बोल रहा है। धार्मिक भावना से ओतप्रोत युवा इसे साहसिक यात्रा के रूप में देख रहे है। इस यात्रा में युवाओं को एडवेंचर के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने को मिल रहा है। पेश है एक रिपोर्ट।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को सिर्फ और सिर्फ धार्मिक नजरिये से ही देखा जाता रहा है। यही वजह थी कि कुछ साल पूर्व तक इस यात्रा में ज्यादातर भागीदारी बुजुर्गों की ही रहती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में नजारा एकदम बदला सा दिख रहा है। देश के युवा भी इस यात्रा में बड चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे है। यात्रा को लेकर युवाओं में बढ़ते क्रेज धार्मिक आस्था तो है ही साथ ही प्रकृति को जानने की ललक और जोखिम लेने की प्रवर्ति भी साफ नजर आ रही है। युवा तीर्थयात्री विश्व की इस सबसे दुर्गम यात्रा को ट्रेकिंग के रूप में भी देख रहे है। वहीं कुछ तीर्थयात्री प्रकृति के मनमोहक पलों को कैद करने के लिए भी यात्रा में शिरकत कर रहे है। इस यात्रा में शामिल होने के किये धार्मिक आस्था के साथ ही स्वस्थ शरीर का होना भी निहायत जरूरी है। जिस कारण युवाओं को ये यात्रा ज्यादा रास आ रही है।

Byte1: अजय, युवा तीर्थयात्री (गुजरात)
Byte2: पंकज गहलोत, युवा तीर्थयात्री (राजस्थान)


Body:पिथौरागढ़: एक दौर था जब कैलाश मानसरोवर यात्रा में उम्र का एक पड़ाव पार कर चुके लोग ही शिरकत किया करते थे। मगर अब इस यात्रा का जादू युवाओं के भी सर चढ़कर बोल रहा है। धार्मिक भावना से ओतप्रोत युवा इसे साहसिक यात्रा के रूप में देख रहे है। यात्रा में युवाओं को एडवेंचर के साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने को मिल रहा है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को सिर्फ और सिर्फ धार्मिक नजरिये से ही देखा जाता रहा है। यही वजह थी कि कुछ साल पूर्व तक इस यात्रा में ज्यादातर भागीदारी बुजुर्गों की ही रहती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में नजारा एकदम बदला सा दिख रहा है। देश के युवा भी इस यात्रा में बड चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे है। यात्रा को लेकर युवाओं में बढ़ते क्रेज धार्मिक आस्था तो है ही साथ ही प्रकृति को जानने की ललक और जोखिम लेने की प्रवर्ति भी साफ नजर आ रही है। युवा तीर्थयात्री विश्व की इस सबसे दुर्गम यात्रा को ट्रेकिंग के रूप में भी देख रहे है। वहीं कुछ तीर्थयात्री प्रकृति के मनमोहक पलों को कैद करने के लिए भी यात्रा में शिरकत कर रहे है। इस यात्रा में शामिल होने के किये धार्मिक आस्था के साथ ही स्वस्थ शरीर का होना भी निहायत जरूरी है। जिस कारण युवाओं को ये यात्रा ज्यादा रास आ रही है।

Byte1: अजय, युवा तीर्थयात्री (गुजरात)
Byte2: पंकज गहलोत, युवा तीर्थयात्री (राजस्थान)


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