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132 Km का सफर तय करके जिला मुख्यालय पहुंचे ग्रामीण, शिक्षकों की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

राजकीय इंटर कॉलेज सैंणराथी में शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 132 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन.
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Published : Jul 18, 2019, 8:42 PM IST

पिथौरागढ़: राजकीय इंटर कॉलेज सैंणराथी में शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 132 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र का इंटर कॉलेज मात्र दो शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. जिस कारण करीब 150 से अधिक बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 30 जुलाई तक शिक्षकों के पद नहीं भरे गए तो 1 अगस्त से ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन.

बता दें कि साल 2014 में सैंणराथी राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना की गई थी. इस विद्यालय में किमखेत, बेडुमहर और सैंणराथी के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं. लेकिन वर्तमान में इस इंटर कॉलेज में मात्र 2 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जिस कारण छात्रों को शिक्षा के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

पढ़ें: सामान की कीमत को लेकर भिड़े दुकानदार और पर्यटक, जमकर की मारपीट

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के इस स्कूल ने कई विषमताओं के बावजूद मेधावी छात्र दिए हैं. लेकिन अब शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों का भविष्य खतरे में है. इस दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 30 जुलाई तक शिक्षकों के पद नहीं भरे गए तो 1 अगस्त से ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

पिथौरागढ़: राजकीय इंटर कॉलेज सैंणराथी में शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 132 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र का इंटर कॉलेज मात्र दो शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. जिस कारण करीब 150 से अधिक बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 30 जुलाई तक शिक्षकों के पद नहीं भरे गए तो 1 अगस्त से ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन.

बता दें कि साल 2014 में सैंणराथी राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना की गई थी. इस विद्यालय में किमखेत, बेडुमहर और सैंणराथी के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए आते हैं. लेकिन वर्तमान में इस इंटर कॉलेज में मात्र 2 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जिस कारण छात्रों को शिक्षा के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के इस स्कूल ने कई विषमताओं के बावजूद मेधावी छात्र दिए हैं. लेकिन अब शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों का भविष्य खतरे में है. इस दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 30 जुलाई तक शिक्षकों के पद नहीं भरे गए तो 1 अगस्त से ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

Intro:पिथौरागढ़: राजकीय इंटर कॉलेज सैंणराथी में शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 132 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र का इंटर कॉलेज मात्र दो शिक्षकों के सहारे चल रहा है। जिस कारण करीब 150 से अधिक बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर 30 जुलाई तक शिक्षकों के पद नही भरे गए तो 1 अगस्त से ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

वर्ष 2014 में सैंणराथी राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना की गई थी। इस विद्यालय में किमखेत, बेडुमहर और सैंणराथी के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं पड़ने के लिए आते है। मगर वर्तमान में इस इंटर कॉलेज में मात्र 2 शिक्षक ही कार्यरत है जिस वजह से छात्रों को शिक्षा के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के इस स्कूल ने कई विषमताओं के बावजूद कई मेधावी छात्र दिए है। मगर शिक्षक ना होने से अब छात्रों का भविष्य अंधकार में डूब गया है।

Byte: प्रह्लाद राम, प्रदर्शनकारी ग्रामीण



Body:पिथौरागढ़: राजकीय इंटर कॉलेज सैंणराथी में शिक्षकों की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 132 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र का इंटर कॉलेज मात्र दो शिक्षकों के सहारे चल रहा है। जिस कारण करीब 150 से अधिक बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर 30 जुलाई तक शिक्षकों के पद नही भरे गए तो 1 अगस्त से ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

वर्ष 2014 में सैंणराथी राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना की गई थी। इस विद्यालय में किमखेत, बेडुमहर और सैंणराथी के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं पड़ने के लिए आते है। मगर वर्तमान में इस इंटर कॉलेज में मात्र 2 शिक्षक ही कार्यरत है जिस वजह से छात्रों को शिक्षा के लिए पलायन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सीमांत क्षेत्र के इस स्कूल ने कई विषमताओं के बावजूद कई मेधावी छात्र दिए है। मगर शिक्षक ना होने से अब छात्रों का भविष्य अंधकार में डूब गया है।

Byte: प्रह्लाद राम, प्रदर्शनकारी ग्रामीण



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