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ग्रामीणों को तीन साल से सड़क का इंतजार, कई जतन के बाद अब फूटा गुस्सा

नेपाल सीमा से लगे रोछड़ा गांव को जोड़ने के लिए तीन साल पूर्व सड़क की स्वीकृति मिली थी. इसके बावजूद अभी तक गांव में सड़क निर्माण नहीं किया गया.

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Published : Feb 17, 2020, 9:59 PM IST

protester
सड़क की मांग

पिथौरागढ़: सड़क की मांग को लेकर रोछड़ा गांव के ग्रामीणों ने 36 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना है कि तीन साल पहले उनके गांव के लिए रोड स्वीकृत की गई थी. लेकिन ठेकेदार ने अभी तक गांव में सड़क नहीं पहुंचाई है. जबकि सड़क का पूरा भुगतान किया जा चुका है. ग्रामीणों ने ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए सड़क जांच की मांग की है. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि सड़क निर्माण का कार्य जल्द पूरा नही हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

सड़क की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में गरजे ग्रामीण.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सड़क के अभाव में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में मुश्किल होती है. चार किलोमीटर दूर से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को डोली में बिठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: 17 फरवरी : छत्रपति शिवाजी ने मुगलों को हराकर सिंहगढ़ किले पर किया था कब्जा

वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि नेपाल सीमा से लगे रोछड़ा गांव को जोड़ने के लिए तीन साल पूर्व सड़क की स्वीकृति मिली थी. इसके बावजूद अभी तक गांव में सड़क निर्माण नहीं किया गया. सड़क बुगौर गांव तक ही काटी गई. ग्रामीणों का कहना है कि सूचना के अधिकार में जानकारी मिली है कि 47 लाख 50 हजार की धनराशि खर्च कर सड़क कार्य को पूरा दिखाया गया है.

पिथौरागढ़: सड़क की मांग को लेकर रोछड़ा गांव के ग्रामीणों ने 36 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना है कि तीन साल पहले उनके गांव के लिए रोड स्वीकृत की गई थी. लेकिन ठेकेदार ने अभी तक गांव में सड़क नहीं पहुंचाई है. जबकि सड़क का पूरा भुगतान किया जा चुका है. ग्रामीणों ने ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए सड़क जांच की मांग की है. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि सड़क निर्माण का कार्य जल्द पूरा नही हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

सड़क की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में गरजे ग्रामीण.

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सड़क के अभाव में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में मुश्किल होती है. चार किलोमीटर दूर से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को डोली में बिठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है.

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वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि नेपाल सीमा से लगे रोछड़ा गांव को जोड़ने के लिए तीन साल पूर्व सड़क की स्वीकृति मिली थी. इसके बावजूद अभी तक गांव में सड़क निर्माण नहीं किया गया. सड़क बुगौर गांव तक ही काटी गई. ग्रामीणों का कहना है कि सूचना के अधिकार में जानकारी मिली है कि 47 लाख 50 हजार की धनराशि खर्च कर सड़क कार्य को पूरा दिखाया गया है.

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