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अवैध खनन से नाराज ग्रामीणों ने पुलिस और जिला प्रशासन का किया घेराव, खनन बंद करने की मांग

नाचनी क्षेत्र में लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण आपदा का खतरा मंडरा रहा है. जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष बना हुआ है.

अवैध खनन से नाराज ग्रामीण.
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Published : Jul 16, 2019, 6:40 PM IST

पिथौरागढ़: नाचनी क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों में रोष बना हुआ है. इसी के विरोध में सोमवार को ग्रामीणों ने गांव से 70 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचकर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन का घेराव किया. इस दौरान उन्होंने खनन कार्य को जल्द से जल्द बंद कराने की मांग की.

अवैध खनन से नाराज ग्रामीण.


ग्रामीणों का कहना है कि खनन विभाग ने नाचनी क्षेत्र में रामगंगा नदी से निकाले गए आरबीएम की निकासी के लिए 500 टन रेता-बजरी का रवन्ना जारी किया है. जबकि भंडारण स्थल में मात्र 10 गाड़ी रेता मलबा पड़ा हुआ है. ग्रामीणों ने खननकर्ता पर आरोप लगाते हुए कहा कि रवन्ने की आड़ में भैंसखाल क्षेत्र के साथ ही थल, नाचनी और मुवानी क्षेत्र में भी रामगंगा नदी पर अवैध खनन किया जा रहा है.


बता दें कि लगातार हो रहे खनन के कारण नाचनी क्षेत्र में आपदा का खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार इस मामले की शिकायत प्रशासन से की, लेकिन अभी तक इसपर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामिणों की मांग है कि जल्द से जल्द इस मामले का स्थलीय निरीक्षण कर इसकी जांच की जाए.

पिथौरागढ़: नाचनी क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों में रोष बना हुआ है. इसी के विरोध में सोमवार को ग्रामीणों ने गांव से 70 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचकर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन का घेराव किया. इस दौरान उन्होंने खनन कार्य को जल्द से जल्द बंद कराने की मांग की.

अवैध खनन से नाराज ग्रामीण.


ग्रामीणों का कहना है कि खनन विभाग ने नाचनी क्षेत्र में रामगंगा नदी से निकाले गए आरबीएम की निकासी के लिए 500 टन रेता-बजरी का रवन्ना जारी किया है. जबकि भंडारण स्थल में मात्र 10 गाड़ी रेता मलबा पड़ा हुआ है. ग्रामीणों ने खननकर्ता पर आरोप लगाते हुए कहा कि रवन्ने की आड़ में भैंसखाल क्षेत्र के साथ ही थल, नाचनी और मुवानी क्षेत्र में भी रामगंगा नदी पर अवैध खनन किया जा रहा है.


बता दें कि लगातार हो रहे खनन के कारण नाचनी क्षेत्र में आपदा का खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार इस मामले की शिकायत प्रशासन से की, लेकिन अभी तक इसपर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामिणों की मांग है कि जल्द से जल्द इस मामले का स्थलीय निरीक्षण कर इसकी जांच की जाए.

Intro:पिथौरागढ़: मानसून सीजन में आपदाग्रस्त नाचनी क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के विरोध में ग्रामीणों ने 70 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचकर अपना विरोध जताया। इस मौके पर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन का घेराव किया और खनन कार्य को जल्द से जल्द बंद करने की मांग की।

ग्रामीणों का कहना है कि खनन विभाग द्वारा नाचनी क्षेत्र के भैंसखाल में रामगंगा नदी से निकाले गए आरबीएम की निकासी के लिए 500 टन रेता बजरी का रवन्ना जारी किया है। जबकि भंडारण स्थल में मात्र 10 गाड़ी रेता मलबा पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि खननकर्ता द्वारा रवन्ने की आड़ में भैंसखाल क्षेत्र के साथ ही थल, नाचनी और मुवानी क्षेत्र में भी रामगंगा नदी पर अवैध खनन किया जा रहा है। जिस वजह से आपदाग्रस्त नाचनी क्षेत्र में खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों के विरोध करने पर खननकर्ता द्वारा ग्रामीणों को डराया धमकाया जा रहा है साथ ही एससीएसटी एक्ट में फंसाने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा खननकार्य बंद नही करवाया गया तो वो न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर होंगे। वहीं प्रशासन का कहना है कि इस मामले में स्थलीय निरीक्षण करवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

Byte: जीवन सिंह दानू, स्थानीय ग्रामीण




Body:पिथौरागढ़: मानसून सीजन में आपदाग्रस्त नाचनी क्षेत्र में हो रहे खनन के विरोध में ग्रामीणों ने 70 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ मुख्यालय पहुंचकर अपना विरोध जताया। इस मौके पर ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन का घेराव किया और खनन कार्य को जल्द से जल्द बंद करने की मांग की।

ग्रामीणों का कहना है कि खनन विभाग द्वारा नाचनी क्षेत्र के भैंसखाल में रामगंगा नदी से निकाले गए आरबीएम की निकासी के लिए 500 टन रेता बजरी का रवन्ना जारी किया गया है। जबकि भंडारण स्थल में मात्र 10 गाड़ी रेता मलबा पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि खननकर्ता द्वारा रवन्ने की आड़ में भैंसखाल क्षेत्र के साथ ही थल, नाचनी और मुवानी क्षेत्र में भी रामगंगा नदी पर अवैध खनन किया जा रहा है। जिस वजह से आपदाग्रस्त नाचनी क्षेत्र में खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों के विरोध करने पर खननकर्ता द्वारा ग्रामीणों को डराया धमकाया जा रहा है साथ ही एससीएसटी एक्ट में फंसाने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा खननकार्य बंद नही करवाया गया तो वो न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर होंगे। वहीं प्रशासन का कहना है कि इस मामले में स्थलीय निरीक्षण करवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

Byte: जीवन सिंह दानू, स्थानीय ग्रामीण




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