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पर्यटकों से गुलजार हुआ मुनस्यारी, खलिया टॉप में सुविधा नहीं मिलने से सैलानी मायूस

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Published : Nov 4, 2020, 1:17 PM IST

समुद्र तल से 3,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खलिया टॉप में इन दिनों पर्यटकों की काफी चहल-पहल है. लेकिन पर्यटक सुविधाएं नहीं मिलने से थोड़ा मायूस नजर आ रहे हैं.

khaliya top
खलिया टॉप

बेरीनागः लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद पर्यटक स्थल मुनस्यारी इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है. मुनस्यारी से 8 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खलिया टॉप भी पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है.

khaliya top
मुनस्यारी का खूबसूरत दृश्य.

यहां पर बुग्याल होने के साथ हिमालय का दीदार करने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर सरकार और पर्यटन विभाग की ओर से सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं. जिससे पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है.

khaliya top
पंचाचूली का खूबसूरत नजारा.

गौर हो कि एक दशक पहले कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) ने खलिया टॉप के पास एक पर्यटक आवास गृह बनाया था. लेकिन यहां पर बिजली, पानी, सड़क आदि कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस कारण पर्यटक यहां रुकना पसंद नहीं करते थे. हालांकि, बाद में केएमवीएन ने इसे पीपीपी मोड में सौंप दिया. इसके बावजूद भी यहां पर आज तक बिजली, इंटरनेट समेत अन्य कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.

khaliya top
खलिया टॉप पैदल मार्ग.

आलम तो ये है कि खलिया टॉप पहुंचने के लिए बनाया गया पैदल रास्ता भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है.

khaliya top
खलिया टॉप का दीदार करने पहुंचे पर्यटक.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ में पड़ रही कड़ाके की ठंड, ऐसे गर्माहट ला रहे पर्यटक और पुजारी

स्थानीय लोग कई बार यहां पर रोपवे लगाने और बिजली, इंटरनेट की व्यवस्था सुचारू करने की मांग कर चुके हैं. लेकिन उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. पर्यटन प्रदेश की आय का साधन भी है.

पर्यटकों से गुलजार हुआ मुनस्यारी.

सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात तो करती है, लेकिन खलिया टॉप जैसे कई पर्यटक स्थल ऐसे हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने सरकार से सुविधा मुहैया कर पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की है.

बेरीनागः लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद पर्यटक स्थल मुनस्यारी इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है. मुनस्यारी से 8 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 3,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खलिया टॉप भी पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है.

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मुनस्यारी का खूबसूरत दृश्य.

यहां पर बुग्याल होने के साथ हिमालय का दीदार करने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर सरकार और पर्यटन विभाग की ओर से सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं. जिससे पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है.

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पंचाचूली का खूबसूरत नजारा.

गौर हो कि एक दशक पहले कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) ने खलिया टॉप के पास एक पर्यटक आवास गृह बनाया था. लेकिन यहां पर बिजली, पानी, सड़क आदि कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इस कारण पर्यटक यहां रुकना पसंद नहीं करते थे. हालांकि, बाद में केएमवीएन ने इसे पीपीपी मोड में सौंप दिया. इसके बावजूद भी यहां पर आज तक बिजली, इंटरनेट समेत अन्य कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है.

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खलिया टॉप पैदल मार्ग.

आलम तो ये है कि खलिया टॉप पहुंचने के लिए बनाया गया पैदल रास्ता भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिसकी कोई सुध नहीं ली जा रही है.

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खलिया टॉप का दीदार करने पहुंचे पर्यटक.

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स्थानीय लोग कई बार यहां पर रोपवे लगाने और बिजली, इंटरनेट की व्यवस्था सुचारू करने की मांग कर चुके हैं. लेकिन उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. पर्यटन प्रदेश की आय का साधन भी है.

पर्यटकों से गुलजार हुआ मुनस्यारी.

सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात तो करती है, लेकिन खलिया टॉप जैसे कई पर्यटक स्थल ऐसे हैं, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने सरकार से सुविधा मुहैया कर पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की है.

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