पिथौरागढ़: 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में शिवोत्सव 2021 का विधिवत शुभारंभ हो गया है. इस मौके पर व्यास ऋषी मंदिर के प्रांगण में पूजा-अर्चना कर विधायक हरीश धामी ने शिवोत्सव का आगाज किया. शिवोत्सव के शुभारंभ अवसर पर ग्राम सभा गुंजी, नाबी, नपलच्यू के साथ बरम, कनार के ढोल और नैनी-सैनी के छोलिया दल की ओर से झांकी निकाली गई. जिसके बाद देव डांगरों ने पूजा अर्चना की.
भगवान शिव की नगरी गुंजी में आज से तीन दिवसीय शिव महोत्सव शुरु हो गया है. सर्दियों के मौसम में आयोजित हुए इस मेले को लेकर स्थानीय लोगों में खास उत्साह देखने को मिला. जिला प्रशासन, रंग कल्याण संस्था, व्यास मेला समिति और अन्य संस्थाओं के सहयोग से आयोजित इस शिवोत्सव में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही साहसिक खेलों से जुड़ी गतिविधियां भी आयोजित की जा रही है. शिवोत्सव के शुभारंभ के मौके पर मोटर बाइकिंग रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
ये भी पढ़ेंः खतरे में पद्मश्री जीवन सिंह का तिदांग गांव, 80 फीसदी जमीन निगल चुके नदी और नाले
चद्रमोहन पांडेय के नेतृत्व में 11 सदस्यीय बाइकर्स की ओर से 26 किलोमीटर नाभीढांग (ओम पर्वत) की यात्रा पूरी कर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया. इसके साथ ही बॉलीबॉल मैच का भी शुभारंभ किया गया. पहले दिन बॉलीबॉल मैच ग्राम सभा कुटी और गुंजी के बीच का आयोजन कराया गया. इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर विधायक हरीश धामी ने कहा कि जिला प्रशासन की जो शिवोत्सव और अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, आने वाले समय में इसे और अधिक भव्य किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि शिवोत्सव के जरिये सीमांत क्षेत्र गुंजी को एक नई पहचान मिलेगी.
बता दें कि उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण इस महोत्सव की तारीख को आगे बढ़ाया गया. इससे पहले इस महोत्सव का आयोजन 18 से 20 अक्टूबर तक होना था. ये पहला मौका है, जब शिव की धरती पर शिव महोत्सव आयोजित होने जा रहा है. बता दें कि कोरोना संकट के कारण बीते दो साल से कैलाश मानसरोवर यात्रा और इंडो चाइना ट्रेड बंद है. ऐसे में पिथौरागढ़ प्रशासन की पहल पर उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी में तीन दिवसीय शिव महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस महोत्सव के जरिए चीन बॉर्डर पर मौजूद व्यापारिक केंद्र गुंजी को एक नई पहचान मिलेगी.
ये भी पढ़ेंः महादेव की धरती पर 'शिव महोत्सव', चीन सीमा पर गूंजेंगे 5100 शंख
कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव है गुंजीः कैलाश मानसरोवर यात्रा और इंडो-चाइना ट्रेड होने पर ये इलाका 4 महीने तक गुलजार रहता था, लेकिन कोरोना संकट के कारण पिछले 2 साल से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव होने के साथ ही गुंजी भारत-चीन स्थलीय व्यापार का भी महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां की बाजार चीनी सामान से पटी रहती है. लिपुलेख दर्रे तक सड़क की कटिंग के बाद गुंजी पहुंचना आसान हो गया है, लेकिन बीते दो सालों में यहां के लोगों की दिक्कतों में खासा इजाफा हुआ है.
दुनिया के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक है गुंजीः चीन और नेपाल बॉर्डर पर स्थित गुंजी दुनिया के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम रूट होने के साथ ही इस इलाके में आदि कैलाश और ऊं पर्वत भी मौजूद है. साल भर यहां गगनचुंबी चोटियां बर्फ से लकदक रहती है. जबकि, शीतकाल में 6 महीने तक ये इलाका बर्फ से ढका रहता है. साहसिक खेलों के लिए यहां कई बेहतरीन ट्रैक रूट भी मौजूद हैं.