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पिथौरागढ़ में टम्टा VS टम्टा के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला, चाचा-भतीजा में होगी टक्कर

भाजपा की ओर से जहां अजय टम्टा का टिकट तय माना जा रहा है, वहीं इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के पास प्रदीप टम्टा से बड़ा कोई चेहरा नहीं है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर लड़ाई टम्टा VS टम्टा होने जा रही है जो कि अपने आप में बेहद दिलचस्प होगी.

पिथौरागढ़ में चाचा-भतीजा में होगी टक्कर
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Published : Mar 21, 2019, 2:26 AM IST

पिथौरागढ़: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट पर इस बार भी मुकाबला अजय टम्टा बनाम प्रदीप टम्टा के बीच होने के आसार नजर आ रहे हैं. भाजपा की ओर से जहां अजय टम्टा का टिकट तय माना जा रहा है, वहीं इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के पास प्रदीप टम्टा से बड़ा कोई चेहरा नहीं है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर लड़ाई टम्टा VS टम्टा होने जा रही है जो कि अपने आप में बेहद दिलचस्प होगी.

पिथौरागढ़ में चाचा-भतीजा में होगी टक्कर

पढ़ें- 'मैं भी चौकीदार' पर हरदा ने कसा तंज, कहा- जब माल्या, मोदी देश को लूट रहे थे तब चौकीदार पड़ोस में घूमने गये थे

साल 2009 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट आरक्षित की गई थी. तब से इस सीट पर प्रदीप टम्टा बनाम अजय टम्टा के बीच ही मुकाबला रहा है. 2009 में जहां ये सीट कांग्रेस की झोली में गयी थी, वहीं 2014 में ये सीट भाजपा के खाते में आई. साल 2014 में मोदी लहर के चलते इस सीट पर अजय टम्टा के सिर जीत का सेहरा बंधा. जिसके बाद अजय टम्टा को केंद्र की मोदी सरकार में भी जिम्मेदारी दी गई.

वहीं जुलाई 2016 में कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को राज्य के कोटे से राज्यसभा भेजा. राज्यसभा में प्रदीप टम्टा का कार्यकाल 2021 तक है. लेकिन अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा न होने के कारण कांग्रेस टम्टा को इस सीट से उतार सकती है. अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो कांग्रेस को राज्यसभा की सीट से हाथ धोना पड़ेगा. क्योंकि विधानसभा में बहुमत होने के कारण राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में चली जायेगी. बहरहाल अभी तक दोनों पार्टियों ने प्रत्याशियों का औपचारिक एलान नहीं किया है, लेकिन दोनों ही नेता लंबे समय से अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं.


मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे अजय टम्टा की स्थिति 2014 के चुनावों से इस बार अधिक मजबूत लग रही है. ऐसे में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस प्रदीप टम्टा को फिर से टिकट दे सकती है. पार्टी हाईकमान किस नेता के नाम पर मोहर लगाती है ये तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल दोनों नेता अपने संसदीय क्षेत्र में वोटरों को लुभाने के अभियान में जुटे गये हैं.

पिथौरागढ़: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट पर इस बार भी मुकाबला अजय टम्टा बनाम प्रदीप टम्टा के बीच होने के आसार नजर आ रहे हैं. भाजपा की ओर से जहां अजय टम्टा का टिकट तय माना जा रहा है, वहीं इस आरक्षित सीट पर कांग्रेस के पास प्रदीप टम्टा से बड़ा कोई चेहरा नहीं है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर लड़ाई टम्टा VS टम्टा होने जा रही है जो कि अपने आप में बेहद दिलचस्प होगी.

पिथौरागढ़ में चाचा-भतीजा में होगी टक्कर

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साल 2009 में अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट आरक्षित की गई थी. तब से इस सीट पर प्रदीप टम्टा बनाम अजय टम्टा के बीच ही मुकाबला रहा है. 2009 में जहां ये सीट कांग्रेस की झोली में गयी थी, वहीं 2014 में ये सीट भाजपा के खाते में आई. साल 2014 में मोदी लहर के चलते इस सीट पर अजय टम्टा के सिर जीत का सेहरा बंधा. जिसके बाद अजय टम्टा को केंद्र की मोदी सरकार में भी जिम्मेदारी दी गई.

वहीं जुलाई 2016 में कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को राज्य के कोटे से राज्यसभा भेजा. राज्यसभा में प्रदीप टम्टा का कार्यकाल 2021 तक है. लेकिन अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा न होने के कारण कांग्रेस टम्टा को इस सीट से उतार सकती है. अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो कांग्रेस को राज्यसभा की सीट से हाथ धोना पड़ेगा. क्योंकि विधानसभा में बहुमत होने के कारण राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में चली जायेगी. बहरहाल अभी तक दोनों पार्टियों ने प्रत्याशियों का औपचारिक एलान नहीं किया है, लेकिन दोनों ही नेता लंबे समय से अपनी अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं.


मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहे अजय टम्टा की स्थिति 2014 के चुनावों से इस बार अधिक मजबूत लग रही है. ऐसे में भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस प्रदीप टम्टा को फिर से टिकट दे सकती है. पार्टी हाईकमान किस नेता के नाम पर मोहर लगाती है ये तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल दोनों नेता अपने संसदीय क्षेत्र में वोटरों को लुभाने के अभियान में जुटे गये हैं.

Intro:सलग -होलिका दहन
रिपोर्टर- भावनाथ पंडित/ स्थान हल्द्वानी
एंकर - हल्द्वानी सहित पूरे जिले में बुराई पर सच्चाई की जीत के प्रतीक होलिका दहन किया गया इस दौरान पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं होली का माता का पूजन किया जिसके बाद रात 9:00 बजे विधि विधान के साथ होलिका दहन किया गया।


Body:होलिका दहन के दौरान लोग भक्त प्रह्लाद ,होलिका माता के जयकारे के साथ होलिका दहन किया और उनका माता का परिक्रमा किया इस दौरान ब्राह्मणों द्वारा विधि विधान के साथ पूजा अर्चना किया गया और होलिका का दान किया गया
होलिका दहन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस भी चाक चौबंद रहे साथी अग्निशमन की गाड़ी मौके पर मौजूद रहे।


Conclusion:वही होलिका दहन के साथ होली का शुरुआत हो गया है होलिका दहन के बाद लोग रंग गुलाल लगाकर एक दूसरे की होली की बधाई दे रहे हैं साथ ही लोग मस्ती के साथ होली के गीतों पर झूम झूम रहे है कल रंगो की होली खेली जाएगी
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