बेरीनाग: पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर गराऊ गांव के 21 वर्षीय सूरज का 17 जुलाई को मुंबई में ट्रेन से कटा शव मिला था. परिजनों ने बताया कि 17 दिन बाद भी उनको न तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है और न ही मृत्यु प्रमाण पत्र. बेटे की मौत के बाद परिवार गहरे सदमे आ गया.
मृतक सूरज के पिता सोबन राम ने बताया कि अपने बेटे सूरज को दो साल पहले मुंबई इसलिए भेजा था कि वह परिवार का भरण-पोषण कर सके. दो साल बाद उनका परिवार मुसीबत से धीरे-धीरे बाहर निकल रहा था कि 17 जुलाई को छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेल पुलिस मुंबई ने सूचना दी कि उनके 21 वर्षीय बेटे सूरज कुमार का शव कटा हुआ मिला है.
सोबन राम ने मुंबई जाने में असमर्थता जता दी. उन्होंने पोस्टमॉर्टम करने के बाद अंतिम संस्कार करने को कहा और बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र भिजवाने की बात कही. 17 दिन के बाद भी परिजनों को ना तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है और ना ही मृत्यु प्रमाण पत्र.
मां मुन्नी देवी ने बताया जिस दिन बेटे की मृत्यु की सूचना मिली, उससे पहले दो घंटे फोन से बात भी हुई थी. मां कहना है कि उनके बेटे की दुर्घटना में मौत नहीं हुई है, उसकी हत्या की गयी है. उन्होंने मामले की स्तरीय जांच की मांग की है. इसको लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और सांसद अजय टम्टा को पत्र भेजकर इसकी उच्च स्तरीय जांच की गुहार लगाई है.
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बता दें, सोबन राम पर लगातार दुखों का पहाड़ टूट रहा है. तीन साल पहले अचानक मकान गिरने के बाद से गांव के प्राथमिक विद्यालय में शरण ले रखी है. 5 साल पहले बेटी के पति की मृत्यु के बाद वह भी बच्चों के साथ आकर यहीं पर रह रही है. परिवार का भरण-पोषण करने के लिए 21 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार पिता का सहारा बन रहा था. उसकी भी मौत के बाद सोबन राम गहरे सदमे में हैं.