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यात्रियों की प्यास बुझाने वाले गुरना धारे को बचाने के लिए उठी आवाज, सरकार के इस प्रोजेक्ट से है खतरे में - जल संरक्षण

घाट-पिथौरागढ़ ऑल वेदर सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते गुरना धारा के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए इसे संरक्षित करने पर जोर दिया जाने लगा है.

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गुरना धारा
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Published : Feb 6, 2020, 9:54 PM IST

पिथौरागढ़: घाट-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड निर्माण की जद में आ रहे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले गुरना धारे के संरक्षण की कवायद तेज हो गई है. विभिन्न संगठनों के विरोध के बाद एसडीएम ने गुरना धारे का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान लोगों ने धारे को किसी भी कीमत पर बचाए जाने की मांग की है. वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि धारे के संरक्षण के लिए तकनीकी विभाग की टीम से बातचीत करने के बाद इसका समाधान निकाला जाएगा.

बता दें कि जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर गुरना स्थित प्राकृतिक धारे का पानी लंबे अरसे से यात्रियों और स्थानीय लोगों की प्यास बुझाता आ रहा है, लेकिन घाट-पिथौरागढ़ ऑल वेदर सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते इस धारे के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. जिसे देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठन इस धारे को बचाने की मांग पर अड़े हुए हैं.

गुरना धारे के संरक्षण की कवायद तेज.

ये भी पढ़ेंः ऐसे कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया सरकार! टावर तो लगा दिए, पर नेटवर्क गायब

गुरना धारा संरक्षण समिति का कहना है कि गुरना धारा पिथौरागढ़ जिले की पहचान है. घाट से पिथौरागढ़ मार्ग में इस तरह का कोई दूसरा प्राकृतिक जल स्त्रोत नहीं है. ऐसे में ये जल स्त्रोत ऑलवेदर रोड की जद में आता है तो इससे मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को ग्रीष्म काल में पेयजल के लिए खासा परेशान होना पड़ेगा.

पिथौरागढ़: घाट-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड निर्माण की जद में आ रहे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले गुरना धारे के संरक्षण की कवायद तेज हो गई है. विभिन्न संगठनों के विरोध के बाद एसडीएम ने गुरना धारे का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान लोगों ने धारे को किसी भी कीमत पर बचाए जाने की मांग की है. वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि धारे के संरक्षण के लिए तकनीकी विभाग की टीम से बातचीत करने के बाद इसका समाधान निकाला जाएगा.

बता दें कि जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर गुरना स्थित प्राकृतिक धारे का पानी लंबे अरसे से यात्रियों और स्थानीय लोगों की प्यास बुझाता आ रहा है, लेकिन घाट-पिथौरागढ़ ऑल वेदर सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते इस धारे के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. जिसे देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठन इस धारे को बचाने की मांग पर अड़े हुए हैं.

गुरना धारे के संरक्षण की कवायद तेज.

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गुरना धारा संरक्षण समिति का कहना है कि गुरना धारा पिथौरागढ़ जिले की पहचान है. घाट से पिथौरागढ़ मार्ग में इस तरह का कोई दूसरा प्राकृतिक जल स्त्रोत नहीं है. ऐसे में ये जल स्त्रोत ऑलवेदर रोड की जद में आता है तो इससे मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को ग्रीष्म काल में पेयजल के लिए खासा परेशान होना पड़ेगा.

Intro:पिथौरागढ़ : घाट-पिथौरागढ़ ऑलवेदर की चपेट में आ रहे एतिहासिक और धार्मिक महत्व के गुरना धारे के संरक्षण की कवायद तेज हो गयी है। विभिन्न संगठनों विरोध के बाद एसडीएम ने गुरना धारे का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान लोगों ने धारे को किसी भी कीमत पर बचाए जाने की मांग की है। वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि धारे के संरक्षण के लिए तकनीकी विभाग की टीम से बातचीत कर हल निकाला जाएगा।

Body:जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर गुरना स्थित प्राकृतिक धारे का पानी लम्बे अर्से से यात्रियों और स्थानीय लोगों की प्यास बुझाता आ रहा है। मगर घाट-पिथौरागढ़ ऑलवेदर सड़क में हो रहे चौड़ीकरण के कार्य के चलते इस धारे के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जिसे देखते हुए विभिन्न सामाजिक संगठन इस धारे को बचाने की मांग पर अ़डे हुए है। गुरना धारा संरक्षण समिति का कहना है कि गुरना धारा पिथौरागढ़ जिले की पहचान है और घाट से पिथौरागढ़ मार्ग में इस तरह का कोई दूसरा प्राकृतिक जलस्त्रोत नही है। अगर ये जल स्त्रोत ऑलवेदर रोड की चपेट में आता है तो इससे मार्ग में सफर करने वाले यात्रियों को ग्रीष्म काल में पेयजल के लिए खासा परेशान होना पड़ेगा।

Byte1: गोविन्द महर, अध्यक्ष, गुरना धारा संरक्षण समिति
Byte2; तुषार सैनी, एसडीएम, पिथौरागढ़ Conclusion:
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