पिथौरागढ़: जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में खराब मौसम के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दारमा घाटी के सीपू और मार्छा के बीच ग्लेशियर आने से पैदल रास्ते पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं. जिस कारण ग्रामीणों को अपनी जान दांव पर लगाकर आवाजाही करनी पड़ रही है. व्यास घाटी में सीतावन के पास भारी भूस्खलन होने से चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख रोड भी बंद पड़ी है. बॉर्डर की ये मुख्य रोड 8 जून से बंद है.
प्री-मॉनसून ने पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले इलाको में लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं. दारमा घाटी में भारी ग्लेशियर खिसकने से माइग्रेशन विलेज सीपू और मार्छा के बीच आवाजाही बाधित हो गई है. भारी ग्लेशियर आने से सीपू और मार्छा के बीच 3 किलोमीटर के दायरे में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. जिस कारण लोग अपनी जान हथेली पर रखकर रास्तों को पार कर रहे हैं.
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7 गांव के ग्रामीण चढ़ रहे 10 किमी की चढ़ाई
वहीं व्यास घाटी में भी भारी बारिश के चलते चीन और नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाली लिपुलेख रोड लगातार विभिन्न जगहों पर बाधित हो रही है. जिसे खोलने में बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन जुटा हुआ है. व्यास घाटी के सीतावन में मार्ग बंद होने से पिछले एक हफ्ते से घाटी के 7 गांवों के ग्रामीणों को 10 किलोमीटर के चढ़ाई चढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.