पिथौरागढ़: पहाड़ में हुई बर्फबारी से भले ही ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से लिपट गयी हो, लेकिन बारिश के इंतजार ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. इन्द्रदेव की ये बेरुखी रबी की फसलों पर भारी पड़ती दिख रही है. आलम ये है कि गेहूं, मसूर, सरसों, जौ, चना और मटर को जहां भारी नुकसान हो रहा है. तो वहीं जाड़ों की सब्जियां उगने से पहले ही दम तोड़ने लगी हैं. गुजरा महीना इन फसलों के लिए काफी अहम था, लेकिन पहाड़ों में पिछले साढ़े तीन महीने बिना बारिश के ही गुजर गये हैं.
पढ़ें- हरिद्वार कुंभ की फरवरी अंत तक जारी होगी अधिसूचना, जानिए कितने दिन का होगा महाकुंभ
पिछले साढ़े तीन महीनों से पहाड़ों में एक बूंद पानी नहीं बरसा है. मौसम की इस बेरुखी से रबी की फसल चौपट होने की कगार पर है. हालात यूं ही बने रहे तो, रबी की फसलें बिना विकसित हुए ही पकने लगेंगी. ऐसी में फसलों के चौपट होने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं.
मौसम की बेरुखी के शिकार पर्वतीय इलाकों के किसान ज्यादा हो रहे हैं. पहाड़ों में आज भी 90 फीसदी खेती मौसम पर निर्भर है. ऐसे में किसानों की पूरी उम्मीद बारिश पर ही टिकी रहती है. कृषि विशेषज्ञ पूजा पुनेठा का कहना है कि रवि की फसल की बुआई के समय से ही बारिश नहीं हुई है. अगर आगे भी यही हाल रहा तो फसलों के उत्पादन और गुणवत्ता पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.