पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में फीस जमा नहीं करने पर छात्रों को स्कूल से निकालने का मामला सामने आया है. जहां कोरोना संकट के दौरान डेढ़ साल की स्कूल फीस जमा नहीं करने पर एक निजी विद्यालय ने कई बच्चों को टीसी थमा दी और स्कूल से निकाल दिया. इससे आक्रोशित अभिभावकों ने बच्चों के साथ डीएम कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया.
दरअसल, पिथौरागढ़ नगर के एक निजी विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावक कोरोना संकट के दौरान डेढ़ साल की स्कूल फीस जमा नहीं करा पाए. जिस पर विद्यालय प्रबंधन ने बच्चों को टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) थमा दी. नाराज अभिभावकों ने डीएम कार्यालय में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया. अभिभावकों का कहना है कि कोरोना संकट के कारण उनकी आर्थिक स्थिति पटरी से उतर गई है. जबकि, बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई का भी लाभ भी नहीं मिल पाया. ऐसे में ऐसे में फीस कैसे चुकाएं?
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वहीं, अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय प्रबंधन अब डेढ़ साल की करीब 30,000 रुपए फीस देने का दबाव बना रहा है और फीस जमा नहीं करने पर बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया. जिस कारण बच्चे मानसिक अवसाद से पीड़ित है. अभिभावकों ने डीएम आशीष चौहान से मिलकर गुहार लगाई है कि मानवीय पक्ष को देखते हुए उनकी फीस माफ करवाई जाए. जिससे उनके बच्चे पढ़ाई से वंचित न रह सके.
खस्ताहाल सड़कों को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शनः पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय और उससे सटे क्षेत्रों की खस्ताहाल सड़कों के विरोध में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिथौरागढ़ में कुछ महीने पहले तैयार किया गया हॉटमिक्स पहली बरसात भी नहीं झेल पाया. जिससे साबित होता है कि हॉटमिक्स कार्य में भारी पैमाने पर धांधली हुई है.
कांग्रेस ने निराडा गांव को जोड़ने वाली सड़क के साथ ही जाजरदेवल-नैनी सैनी मोटर मार्ग और आठगांवशीलिंग से खतेड़ा मोटरमार्ग की खस्ताहाली पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेसियों ने लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने की मांग की.