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प्रदीप टम्टा ने की उडियारी गांव के लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग, प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी - प्रदीप टम्टा की प्रेस कॉन्फ्रेंस

पिथौरागढ़ में बेरीनाग के उडियारी गांव में पानी को लेकर हाहाकार मचा है. 12 मार्च को ग्रामीणों ने पानी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और चक्का जाम किया था. प्रशासन को ग्रामीणों का ये विरोध रास नहीं आया. उडियारी गांव के 70 से ज्यादा ग्रामीणों के खिलाफ प्रशासन ने मार्ग बाधित करने को लेकर मामला दर्ज कर लिया. प्रशासन की इस कार्रवाई का हर तरफ विरोध हो रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा ने मुकदमे वापस नहीं लेने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाने की चेतावनी दी है.

Pradeep Tamta
बेरीनाग समाचार
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Published : Apr 4, 2023, 11:32 AM IST

Updated : Apr 4, 2023, 5:06 PM IST

पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा.

बेरीनाग: तहसील के उडियारी गांव के ग्रामीणों के खिलाफ पानी की मांग करने पर मुकदमा दर्ज होने का विरोध हो रहा है. पुलिस प्रशासन के द्वारा 70 ग्रामीणों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने बेरीनाग में प्रेस वार्ता की. टम्टा ने ग्रामीणों पर मुकदमे दर्ज करने की निंदा की. उन्होंने कहा कि पानी ग्रामीणों का मूल अधिकार है. प्रशासन की इस दमनकारी कार्रवाई से सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है.

प्रदीप टम्टा ने सांसद और विधायक को लिया आड़े हाथ: प्रदीप टम्टा ने कहा कि ग्रामीणों को पानी देने के बजाय जेल भेजने की कार्रवाई करना सरकार की विकास के प्रति क्या सोच है यह दिखाता है. पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने गांव में पानी नहीं पहुंचाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने स्थानीय सांसद और विधायक पर भी आरोप लगाया कि अभी तक इस मामले में चुप्पी साधकर बैठना उनकी कार्य प्रणाली दिखाता है. टम्टा ने कहा कि यदि ग्रामीणों पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है, तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी.

ग्रामीणों ने 12 मार्च को किया था चक्का जाम: गौरतलब है कि उडियारी के ग्रामीणों ने पेयजल की मांग को लेकर 12 मार्च को धरना प्रदर्शन और सांकेतिक चक्का किया था. आरोप है कि इस पर पुलिस ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया है. इसको लेकर लगातार ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. वहीं ग्राम प्रधान दीपा देवी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर मुकदमे वापस नहीं होते हैं, तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Case Filed For Water Protest: पानी मांगा तो मिला मुकदमा, भड़के ग्रामीण, देहरादून कूच और उग्र आंदोलन की तैयारी

17 करोड़ की योजना के बाद भी ग्रामीणों के हलक सूखे: ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, जिले के प्रभारी मंत्री चंदन रामदास सहित सीएम से मांग की जा चुकी है. ग्रामीणों के अनुसार एक माह का समय पूरा होने जा रहा है, लेकिन मुकदमा वापसी की अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उडियारी गांव में लगभग 400 परिवार निवास करते हैं. पिछले दो दशक से ये ग्रामीण पानी की मांग कर रहे हैं. इस गांव के लिए जल निगम गंगोलीहाट के द्वारा 17 करोड़ की योजना बनाई गयी है. लेकिन उस योजना से अन्य गांवों को जोड़ दिया है. पिछले दिनों एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने इस योजना की जांच के निर्देश भी दिए हैं.

पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा.

बेरीनाग: तहसील के उडियारी गांव के ग्रामीणों के खिलाफ पानी की मांग करने पर मुकदमा दर्ज होने का विरोध हो रहा है. पुलिस प्रशासन के द्वारा 70 ग्रामीणों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई को लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने बेरीनाग में प्रेस वार्ता की. टम्टा ने ग्रामीणों पर मुकदमे दर्ज करने की निंदा की. उन्होंने कहा कि पानी ग्रामीणों का मूल अधिकार है. प्रशासन की इस दमनकारी कार्रवाई से सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है.

प्रदीप टम्टा ने सांसद और विधायक को लिया आड़े हाथ: प्रदीप टम्टा ने कहा कि ग्रामीणों को पानी देने के बजाय जेल भेजने की कार्रवाई करना सरकार की विकास के प्रति क्या सोच है यह दिखाता है. पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने गांव में पानी नहीं पहुंचाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने स्थानीय सांसद और विधायक पर भी आरोप लगाया कि अभी तक इस मामले में चुप्पी साधकर बैठना उनकी कार्य प्रणाली दिखाता है. टम्टा ने कहा कि यदि ग्रामीणों पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है, तो कांग्रेस पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी.

ग्रामीणों ने 12 मार्च को किया था चक्का जाम: गौरतलब है कि उडियारी के ग्रामीणों ने पेयजल की मांग को लेकर 12 मार्च को धरना प्रदर्शन और सांकेतिक चक्का किया था. आरोप है कि इस पर पुलिस ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों पर नामजद मुकदमा दर्ज किया है. इसको लेकर लगातार ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है. वहीं ग्राम प्रधान दीपा देवी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर मुकदमे वापस नहीं होते हैं, तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Case Filed For Water Protest: पानी मांगा तो मिला मुकदमा, भड़के ग्रामीण, देहरादून कूच और उग्र आंदोलन की तैयारी

17 करोड़ की योजना के बाद भी ग्रामीणों के हलक सूखे: ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, जिले के प्रभारी मंत्री चंदन रामदास सहित सीएम से मांग की जा चुकी है. ग्रामीणों के अनुसार एक माह का समय पूरा होने जा रहा है, लेकिन मुकदमा वापसी की अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उडियारी गांव में लगभग 400 परिवार निवास करते हैं. पिछले दो दशक से ये ग्रामीण पानी की मांग कर रहे हैं. इस गांव के लिए जल निगम गंगोलीहाट के द्वारा 17 करोड़ की योजना बनाई गयी है. लेकिन उस योजना से अन्य गांवों को जोड़ दिया है. पिछले दिनों एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला ने इस योजना की जांच के निर्देश भी दिए हैं.

Last Updated : Apr 4, 2023, 5:06 PM IST
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