बेरीनागः पिथौरागढ़ के बेरीनाग में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. यहां एक युवक कुछ लोगों से एक करोड़ की धनराशि लेकर फरार हो गया. जिसके बाद पीड़ित लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. वहीं, मामले में पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.
दरअसल, चौकोड़ी निवासी पांच लोगों ने बेरीनाग पुलिस को एक तहरीर सौंपी है. जिसमें उन्होंने बताया है कि मनीष पाठक पुत्र जयदत्त पाठक वर्तमान में चौकोडी में रहता था. वो खुद को कराला का निवासी बताता था. आरोप है कि मनीष हल्द्वानी में जमीन और मकान बनाने, मुबंई एयरपोर्ट बनाने, चौकोड़ी में जूता फैक्ट्री खोलने समेत नौकरी का प्रलोभन देकर धनराशि मांगता रहा. जिस पर कुछ लोगों ने उसे रुपए भी दिए. इतना ही नहीं मनीष ने कुछ धनराशि समय पर वापस कर दी. जिससे लोगों का विश्वास बढ़ गया.
आरोपी चौकोड़ी में आयोजित होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग भी करने लगा. ऐसे में लोगों ने झांसे में आकर उसको धनराशि दे दी. पुलिस की मानें तो चौकोड़ी निवासी केदार सिंह ने 32 लाख, भीम सिंह ने 20 लाख, हरीश सिंह ने 15 लाख, हीरा सिंह ने 8 लाख व 6 तोला सोना और धर्म सिंह ने 5 लाख समेत अन्य कई लोगों से भी रुपए लेकर फरार (Youth absconding with crore Rupees from Chaukori) हो गया.
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जब पीड़ित लोगों ने मनीष को फोन किया तो वो धनराशि वापस करने की बात करने लगा, लेकिन एक हफ्ते पहले उसने अपना फोन बंद कर दिया. जिसके बाद लोगों को ठगी का शिकार होने की भनक लगी. अब पुलिस ने पीड़ितों की लोगों की तहरीर पर मनीष पाठक के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. थानाध्यक्ष हेम चंद्र तिवारी ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
चौकोड़ी में सामाजिक कार्यक्रमों में करता था प्रतिभागः मनीष पाठक पर लोगों ने धोखाधड़ी कर धनराशि हड़पने का आरोप लगाया है, लेकिन मनीष पिछले 6 सालों चौकोड़ी में रहकर स्थानीय होने की बात कहता था. साथ ही सभी सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करने के साथ रामलीला में भी हिस्सा लेता था. स्थानीय सामाजिक कार्यक्रमों में हमेशा अग्रणी रहता था. जिससे लोग उस पर विश्वास करने लगे थे.
आरोपी का नाम और गांव भी संदिग्धः स्थानीय लोगों ने बताया कि मनीष पाठक खुद को कराला निवासी बताता था, लेकिन वर्तमान में इस नाम से कोई भी गांव में नहीं है. उसे कोई जानता तक नहीं था. सिर्फ एक व्यक्ति को विश्वास में रखकर उसे अपना परिवार का सदस्य बनाया था. चौकोड़ी में कई परिवारों को अपना सदस्य बताकर कई तरह के संबंध भी रखता था. उसने यहां पर आधार कार्ड, परिवार रजिस्टर, स्थाई निवास, राशन कार्ड बना लिया था. साथ ही बैंकों से भी लोन लिया था.