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पिथौरागढ़ की राजनीति में महिलाओं का दबदबा, 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी

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Published : Dec 2, 2019, 8:51 AM IST

पिथौरागढ़ जिले की राजनीति में पहली बार 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं चुनकर पदों पर आसीन हुई हैं. इतिहास में पहली बार जिले को दो महिला विधायक मिली हैं.

pithoragarh-politics
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पिथौरागढ़: राजनीतिक तौर पर पिथौरागढ़ जिले में महिला जनप्रतिनिधियों का दबदबा बढ़ रहा है. यह पहला मौका है जब जिले के अधिकांश बड़े पदों पर महिला जनप्रतिनिधि चुनी गई हैं. जिले में महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी कुछ इस कदर बढ़ी है कि पुरुषों की हिस्सेदारी संकट में आ गयी है.

पिथौरागढ़ की राजनीति में महिलाओं का दबदबा

इतिहास में पहली बार पिथौरागढ़ जिले को दो महिला विधायक मिली हैं. गंगोलीहाट से मीना गंगोला और पिथौरागढ़ में चंद्रा पंत विधानसभा पहुंची हैं. इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद भी महिला के खाते में गया है. दीपिका बोरा जिले की पहली महिला अध्यक्ष बनी हैं. जिले के 8 क्षेत्र प्रमुखों में से धारचूला को छोड़कर शेष 7 प्रमुख महिलाओं के कब्जे में है. वहीं 33 मेंबर वाली जिला पंचायत में 19 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं.

पढ़ें- यूकेडी के युवा प्रकोष्ठ का द्विवार्षिक अधिवेशन संपन्न, राजेंद्र सिंह बिष्ट चुने गए अध्यक्ष

ऐसा ही कुछ हाल बीडीसी सदस्य और ग्राम पंचायतों में भी देखने को मिल रहा है. यहां भी आधे से अधिक पदों पर महिलाएं विराजमान हो चुकी हैं. ये पहला मौका है जब पिथौरागढ़ की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक हो गयी है.

पिथौरागढ़: राजनीतिक तौर पर पिथौरागढ़ जिले में महिला जनप्रतिनिधियों का दबदबा बढ़ रहा है. यह पहला मौका है जब जिले के अधिकांश बड़े पदों पर महिला जनप्रतिनिधि चुनी गई हैं. जिले में महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी कुछ इस कदर बढ़ी है कि पुरुषों की हिस्सेदारी संकट में आ गयी है.

पिथौरागढ़ की राजनीति में महिलाओं का दबदबा

इतिहास में पहली बार पिथौरागढ़ जिले को दो महिला विधायक मिली हैं. गंगोलीहाट से मीना गंगोला और पिथौरागढ़ में चंद्रा पंत विधानसभा पहुंची हैं. इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद भी महिला के खाते में गया है. दीपिका बोरा जिले की पहली महिला अध्यक्ष बनी हैं. जिले के 8 क्षेत्र प्रमुखों में से धारचूला को छोड़कर शेष 7 प्रमुख महिलाओं के कब्जे में है. वहीं 33 मेंबर वाली जिला पंचायत में 19 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं.

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ऐसा ही कुछ हाल बीडीसी सदस्य और ग्राम पंचायतों में भी देखने को मिल रहा है. यहां भी आधे से अधिक पदों पर महिलाएं विराजमान हो चुकी हैं. ये पहला मौका है जब पिथौरागढ़ की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक हो गयी है.

Intro:पिथौरागढ़: राजनीतिक तौर पर पिथौरागढ़ जिले में महिला जनप्रतिनिधियों का बोलबाला देखने को मिल रहा है। ये पहला मौका है जब जिले के अधिकांश बड़े पदों पर महिला जनप्रतिनिधी चुनी गई है। जिले में महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी कुछ इस कदर बड़ी है कि पुरुषों की हिस्सेदारी संकट में आ गयी है।

इतिहास में पहली बार पिथौरागढ़ जिले को दो महिला विधायक मिली है। गंगोलीहाट से मीना गंगोला और पिथौरागढ़ में चंद्रा पंत विधानसभा पहुंची है। वहीं इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद भी महिला के खाते में गया है। दीपिका बोरा जिले की पहली महिला बनी है। जिले के 8 क्षेत्र प्रमुखों में से धारचूला को छोड़कर शेष 7 प्रमुख महिलाओं के कब्जे में है। वहीं 33 मेंबर वाली जिला पंचायत में 19 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं। ऐसा ही कुछ हाल बीटीसी सदस्य और ग्राम पंचायतों में भी देखने को मिल रहा है। यहां भी आधे से अधिक पदों पर महिलाएं विराजमान हो चुकी हैं। ये पहला मौका है जब पिथौरागढ़ के सभी अहम पदों पर महिलाओं का दबदबा है। अगर देखा जाए तो यहां महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक हो गयी है।Body:अहम पदों पर महिलाओं की मौजूदगी बराबरी का अहसास जरूर करा रही है। मगर इसका असल फायदा महिलाओं को तभी मिल पाएगा, जब महिला जनप्रतिनिधि खुद फैसलें लें और उस पर अमल भी करवाएं। क्योंकि राजनीति की एक कड़वी सच्चाई ये भी है कि कुर्सी में भले ही महिला काबिज हों, लेकिन सत्ता पिछले दरवाजे से पुरूष ही चलाते आये है।
Conclusion:
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