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भारत-नेपाल सीमा विवाद का कूटनीतिक हल निकाले सरकार: महाकाली संघर्ष समिति

सीमा विवाद के चलते भारत नेपाल के बिगड़ते रिश्तों को सुधारने के लिए महाकाली संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से कूटनीतिक हल निकालने की मांग की है. दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी के रिश्तों को फिर से बहाल करने के लिए महाकाली संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है.

pithoragarh
महाकाली संघर्ष समिति की सरकार से मांग
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Published : Sep 6, 2020, 9:34 PM IST

पिथौरागढ़: भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्तों को फिर से बहाल करने के लिए महाकाली संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. समिति का कहना है कि जिस प्रकार सीमांत क्षेत्र की जनता भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते की हिमायती है, उसी प्रकार दोनों देशों के राजनेताओं को भी इन रिश्तों को कायम रखने के लिए ठोस नीतियां बनानी चाहिए. दोनों देशों को वार्ता के माध्यम से सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए. गौरतलब है कि 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख सड़क का उद्घाटन किया था. जिसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गहरा गया है.

महाकाली संघर्ष समिति की मांग

सीमा विवाद के चलते भारत नेपाल के बिगड़ते रिश्तों को सुधारने के लिए महाकाली संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से कूटनीतिक हल निकालने की मांग की है. समिति के संयोजक शंकर सिंह खडायत का कहना है कि भारत नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते सिर्फ और सिर्फ बॉर्डर इलाकों में बसे लोगों के हैं. नेपाल के साथ बिगड़ते रिश्तों का दर्द सिर्फ उन लोगों को पता है, जिनकी बेटी नेपाल में ब्याही गई हैं और जिनकी बहू मूल रूप से नेपाल की रहने वाली हैं.

ये भी पढ़े: 12 सितंबर से शुरू होगा देहरादून-कोटा के बीच नंदा देवी एक्सप्रेस का संचालन

आपको बता दें कि सीमा विवाद के साथ ही दोनों मुल्कों के रोटी-बेटी के रिश्तो पर कोरोना की भी मार पड़ी है. नेपाल में कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा था, जिसके बाद से दोनों मुल्कों को जोड़ने वाले सभी पुल बंद हैं. हालांकि, अति आवश्यक सेवा के तहत दोनों मुल्कों की प्रशासनिक सहमति के आधार पर आवाजाही हो रही है.

पिथौरागढ़: भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्तों को फिर से बहाल करने के लिए महाकाली संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. समिति का कहना है कि जिस प्रकार सीमांत क्षेत्र की जनता भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते की हिमायती है, उसी प्रकार दोनों देशों के राजनेताओं को भी इन रिश्तों को कायम रखने के लिए ठोस नीतियां बनानी चाहिए. दोनों देशों को वार्ता के माध्यम से सीमा विवाद को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए. गौरतलब है कि 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख सड़क का उद्घाटन किया था. जिसके बाद से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद गहरा गया है.

महाकाली संघर्ष समिति की मांग

सीमा विवाद के चलते भारत नेपाल के बिगड़ते रिश्तों को सुधारने के लिए महाकाली संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार से कूटनीतिक हल निकालने की मांग की है. समिति के संयोजक शंकर सिंह खडायत का कहना है कि भारत नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते सिर्फ और सिर्फ बॉर्डर इलाकों में बसे लोगों के हैं. नेपाल के साथ बिगड़ते रिश्तों का दर्द सिर्फ उन लोगों को पता है, जिनकी बेटी नेपाल में ब्याही गई हैं और जिनकी बहू मूल रूप से नेपाल की रहने वाली हैं.

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आपको बता दें कि सीमा विवाद के साथ ही दोनों मुल्कों के रोटी-बेटी के रिश्तो पर कोरोना की भी मार पड़ी है. नेपाल में कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा था, जिसके बाद से दोनों मुल्कों को जोड़ने वाले सभी पुल बंद हैं. हालांकि, अति आवश्यक सेवा के तहत दोनों मुल्कों की प्रशासनिक सहमति के आधार पर आवाजाही हो रही है.

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