पिथौरागढ़: प्री-मॉनसून बारिश ने पिथौरागढ़-टनकपुर ऑलवेदर रोड की पोल खोलकर रख दी है. बॉर्डर की लाइफलाइन कहा जाने वाला ये हाईवे भारी लैंडस्लाइड के चलते पिछले 30 घंटे से बंद हैं. हाईवे में जगह-जगह लगातार मलबा गिर रहा है. हाईवे बंद होने से सैकड़ों यात्री भूखे-प्यासे जहां-तहां फंसे हैं. वहीं, जिले में जरूरी सेवाएं की आपूर्ति भी बाधित हो गयी है.
पिथौरागढ़ जिले में प्री-मॉनसून बारिश ने सड़कों की पोल खोल दी है. बीते रोज से हो रही बारिश के कारण एनएच-125 जगह-जगह बंद पड़ा है. हाईवे के बंद होने से ऑलवेदर रोड पर भी सवाल उठ रहे हैं. हर तरफ आफत के पहाड़ दरक रहे हैं.
सैकड़ों यात्री फंसे
150 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर दर्जनों जगह भारी बोल्डर्स और मलबा गिर रहा है. लैंडस्लाइड होने से जगह-जगह यात्री कैद हो गए है. सैकड़ों यात्री भूखे-प्यासे जंगल के बीच हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं.
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ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट पर सवाल
दरअसल, केन्द्र सरकार के सहयोग से 11 सौ करोड़ की लागत से इस हाईवे को ऑलवेदर रोड में तब्दील किया गया है. दावा किया गया था कि अब बॉर्डर जिले को जोड़ने वाला एनएच हर मौसम में खुला रहेगा, लेकिन बॉर्डर को जोड़ने वाले इकलौते एनएच में हर तरफ आफत के पहाड़ दरके हैं.
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एनएचएआई के सहायक अधिशासी अभियंता दिनेश गिरीराज ने बताया कि उनके मशीनों के जरिए मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन कुछ एरिया ऐसे भी जहां मलबा हटाते ही पहाड़ी से और मलबा गिर रहा है. उन्होंने बताया कि एनएच में पड़ने वाले लैंडस्लाइड जोन के ट्रीटमेंट के लिए प्लान तैयार किया गया है. सरकार से मंजूरी मिलने पर कार्य शुरू किया जाएगा.