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मौत का ताल बने बेरीनाग के कालीताल पर बाल कल्याण समिति ने मांगा जवाब, डूब चुके हैं चार लोग - एसडीएम अनिल शुक्ला

पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में कांडे गांव का कालीताल मौत का ताल बन चुका है. कालीताल में डूबकर चार लोगों की मौत हो चुकी है. ईटीवी भारत इन खबरों को लगातार प्रकाशित करता रहा है. अब खबर का असर हुआ है. जिला बाल कल्याण समिति ने स्थानीय प्रशासन से कालीताल को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है.

Kalital of Berinag
कालीताल बेरीनाग
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Published : Oct 15, 2022, 7:39 AM IST

Updated : Oct 15, 2022, 8:31 AM IST

बेरीनाग: तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कांडे गांव में स्थित कालीताल पर हो रही मौतों पर लगातार ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ खबरें प्रकाशित की. कालीताल में डूबकर अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. इन खबरों का जिला बाल कल्याण समिति ने संज्ञान लिया है. समिति ने स्थानीय प्रशासन से इन मौतों पर स्पष्टीकरण मांग लिया है.

मौत का ताल बना कालीताल: एक अक्टूबर को भट्टीगांव के 15 वर्षीय युवक राहुल चन्याल की मौत कालीताल में डूबकर हुई थी. पूर्व में भी यहां पर डूबकर तीन बच्चों समेत चार लोगों की असामयिक मौत हो चुकी है. इस स्थल पर पुलिस अधीक्षक की तरफ से केवल एक चेतावनी बोर्ड लगाया गया है. सब परिस्थितियों को लेकर के पिथौरागढ़ बाल कल्याण समिति ने खेद जताते हुए बेरीनाग के उप जिलाधिकारी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों से कालीताल झील में बरती जा रही लापरवाही पर पर्यटन गतिविधियों के संचालन पर सवाल उठाए हैं.
ये भी पढ़ें: कालीताल में शराब पीकर 'मौत' की छलांग लगा रहे युवा, प्रशासन मौन

बाल कल्याण समिति ने स्थानीय प्रशासन से मांगा जवाब: समिति ने खेद व्यक्त करते हुए कालीताल में सुरक्षा के बोर्ड के अलावा पुलिस और पर्यटन विभाग के द्वारा आज तक किए गए उपायों की जानकारी मांगी है. ज्ञातव्य है कि बाल कल्याण समिति न्यायिक मजिस्ट्रेट की पीठ है और नाबालिग बच्चों के संरक्षण व पुनर्वास से लेकर तमाम गतिविधियों पर सक्रिय रूप से भागीदार है. उल्लेखनीय है कि कालीताल पर लम्बे समय से स्थानीय लोग प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद भी यहां पर रोक नहीं लग पा रही है.
ये भी पढ़ें: बेरीनाग: कालीताल में डूबने से छात्र की मौत, दोस्तों के साथ गया था नहाने

चेतावनी बोर्ड और तारबाड़ के बाद भी आते हैं बच्चे और नौजवान: कालीताल में पहली मौत के बाद पुलिस के द्वारा ताल के पास चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही ताल के चारों और कंटीली तारबाड़ लगा दी गई थी. वहीं तहसील प्रशासन के द्वारा नहाने वाले 12 लोगों का चालान भी किया गया था. इसके बाद भी लोग चोरी छुपे नहाने के लिए यहां पहुंच जा रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या में नशा करने वाले नौजवान और मासूम बच्चे शामिल हैं. इस स्थल के चारों ओर शराब, बियर की बोतलें भी इसकी गवाही देती हैं.

ग्राम प्रधान ने क्या कहा: प्रेमा देवी ग्राम प्रधान ने कांडे कालीताल में लगातार हो रही मौतों पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यहां पर प्रशासनिक बदइंतजामी को देखते हुए इस ताल के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए. इस संबंध में पूर्व में कई बार पुलिस प्रशासन को लिखित में दिया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यह अत्यंत दुःखद है.
ये भी पढ़ें: दोस्तों के साथ नहाने गए युवक की ताल में डूबने से मौत, परिवार में छाया मातम

एसडीएम अनिल शुक्ला का ये कहना है: अनिल कुमार शुक्ला एसडीएम, बेरीनाग का कहना है कि कालीताल में नहाने पर अब पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. सुरक्षा के उपाय किये जा रहे हैं. इस संदर्भ में बीडीओ को जाली और तारबाड़ करने के निर्देश कर दिए हैं.
ये भी पढ़ें: खबर का असर: कालीताल में नहाने पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने जारी किए आदेश

बेरीनाग: तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कांडे गांव में स्थित कालीताल पर हो रही मौतों पर लगातार ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ खबरें प्रकाशित की. कालीताल में डूबकर अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. इन खबरों का जिला बाल कल्याण समिति ने संज्ञान लिया है. समिति ने स्थानीय प्रशासन से इन मौतों पर स्पष्टीकरण मांग लिया है.

मौत का ताल बना कालीताल: एक अक्टूबर को भट्टीगांव के 15 वर्षीय युवक राहुल चन्याल की मौत कालीताल में डूबकर हुई थी. पूर्व में भी यहां पर डूबकर तीन बच्चों समेत चार लोगों की असामयिक मौत हो चुकी है. इस स्थल पर पुलिस अधीक्षक की तरफ से केवल एक चेतावनी बोर्ड लगाया गया है. सब परिस्थितियों को लेकर के पिथौरागढ़ बाल कल्याण समिति ने खेद जताते हुए बेरीनाग के उप जिलाधिकारी समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों से कालीताल झील में बरती जा रही लापरवाही पर पर्यटन गतिविधियों के संचालन पर सवाल उठाए हैं.
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बाल कल्याण समिति ने स्थानीय प्रशासन से मांगा जवाब: समिति ने खेद व्यक्त करते हुए कालीताल में सुरक्षा के बोर्ड के अलावा पुलिस और पर्यटन विभाग के द्वारा आज तक किए गए उपायों की जानकारी मांगी है. ज्ञातव्य है कि बाल कल्याण समिति न्यायिक मजिस्ट्रेट की पीठ है और नाबालिग बच्चों के संरक्षण व पुनर्वास से लेकर तमाम गतिविधियों पर सक्रिय रूप से भागीदार है. उल्लेखनीय है कि कालीताल पर लम्बे समय से स्थानीय लोग प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. इसके बाद भी यहां पर रोक नहीं लग पा रही है.
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चेतावनी बोर्ड और तारबाड़ के बाद भी आते हैं बच्चे और नौजवान: कालीताल में पहली मौत के बाद पुलिस के द्वारा ताल के पास चेतावनी बोर्ड लगाने के साथ ही ताल के चारों और कंटीली तारबाड़ लगा दी गई थी. वहीं तहसील प्रशासन के द्वारा नहाने वाले 12 लोगों का चालान भी किया गया था. इसके बाद भी लोग चोरी छुपे नहाने के लिए यहां पहुंच जा रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या में नशा करने वाले नौजवान और मासूम बच्चे शामिल हैं. इस स्थल के चारों ओर शराब, बियर की बोतलें भी इसकी गवाही देती हैं.

ग्राम प्रधान ने क्या कहा: प्रेमा देवी ग्राम प्रधान ने कांडे कालीताल में लगातार हो रही मौतों पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यहां पर प्रशासनिक बदइंतजामी को देखते हुए इस ताल के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए. इस संबंध में पूर्व में कई बार पुलिस प्रशासन को लिखित में दिया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यह अत्यंत दुःखद है.
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एसडीएम अनिल शुक्ला का ये कहना है: अनिल कुमार शुक्ला एसडीएम, बेरीनाग का कहना है कि कालीताल में नहाने पर अब पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. सुरक्षा के उपाय किये जा रहे हैं. इस संदर्भ में बीडीओ को जाली और तारबाड़ करने के निर्देश कर दिए हैं.
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Last Updated : Oct 15, 2022, 8:31 AM IST
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