पिथौरागढ़: वन विभाग की कार्यप्रणाली इन दिनों सवालों के घेरे में है. विभाग ने उन इलाकों में काम के लिए टेंडर जारी किया है, जहां इन दिनों आठ से दस फीट तक बर्फ जमी है. विभाग ने जिले के उच्च हिमालयी इलाकों में पैदल मार्गों के पुननिर्माण, रेस्क्यू सेंटर और यात्री सेल्टर के लिए 74 लाख 28 हजार के टेंडर जारी किए हैं. भारी बर्फबारी वाले इलाकों में इन दिनों टेंडर किए जाने पर जिला पंचायत सदस्यों ने भी सवाल खड़े किए हैं.
दरअसल, वन विभाग की ओर से जारी निविदा के अनुसार धारचूला के रूपलिंग-करंगदाग और पांगू-सेला पैदल मार्ग में मरम्मत का कार्य होना है. साथ ही इन मार्गों में रेस्क्यू सेंटर के अलावा यात्री सेल्टर भी बनाए जाने हैं. इन कार्यों के लिए मात्र दो महीने का ही समय तय है. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं.
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टेंडर के मुताबिक रूपलिंग-करंगदाग पैदल मार्ग में 40 लाख 59 हजार की लागत से रास्ते की मरम्मत की जानी है. साथ ही रेस्क्यू सेंटर और यात्री सेल्टर भी बनाया जाना है, जबकि पांगू-सेला में भी 33 लाख 63 हजार की लागत से यही काम होना है.
टेंडर में ये साफ कहा गया है कि दो महीने के भीतर काम पूरा होना है, लेकिन इन इलाकों में जमी भारी बर्फ के चलते अप्रैल के अंत तक कोई इंसान तो दूर जानवर भी नहीं जा सकता है. जबकि, 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर जनवरी-फरवरी में ये काम होने हैं.
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इतना ही नहीं जिले के उच्च हिमालयी इलाकों में विकास कार्यों की आड़ को लेकर पहले भी कई घोटाले सामने आ चुके हैं. जिला पंचायत सदस्य जीवन ठाकुर का कहना है कि मामले में पूरी संभावना है कि 74 लाख की भारी-भरकम धनराशि की बंदरबांट हो सकती है. उधर, मामला तूल पकड़ने पर जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने वन विभाग से काम को उचित समय पर करने के निर्देश दिए हैं.