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घोषणा के 8 साल बाद भी जिला नहीं बना डीडीहाट, लोगों ने केक काटकर किया प्रदर्शन - announcement of Didihat district

साल 2011 में रानीखेत, डीडीहाट, यमुनोत्री और कोटद्वार को तत्कालीन निशंक सरकार ने जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ समय बाद निशंक मुख्यमंत्री पद से हट गए और मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते गुस्साए क्षेत्रवासियों ने रामलीला मैदान में जिला बनाओ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर विरोध जताते हुए केक काट कर विरोध प्रदर्शन किया.

लोगों ने केक काटकर किया प्रदर्शन.
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Published : Aug 16, 2019, 3:19 PM IST

पिथौरागढ़: डीडीहाट जिले की घोषणा को आठ साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज तक डीडीहाट जिला नहीं बन पाया है. जिसके चलते गुस्साए क्षेत्रवासियों ने रामलीला मैदान में जिला बनाओ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर विरोध जताते हुए केक काट कर विरोध प्रदर्शन किया.

घोषणा के 8 साल बाद भी जिला नहीं बना डीडीहाट.

बता दें कि साल 1962 से डीडीहाट को जिला बनाने की मांग चली आ रही है. जिसके चलते साल 2011 में रानीखेत, डीडीहाट, यमुनोत्री और कोटद्वार को तत्कालीन निशंक सरकार ने जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ समय बाद निशंक मुख्यमंत्री पद से हट गए और मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते लोगों ने केक काट कर विरोध प्रदर्शन किया.

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साथ ही डीडीहाट की जनता ने जिले की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है. रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सभी दलों के सदस्यों के साथ स्थानीय जनता ने भी प्रतिभाग किया. इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने कहा की राज्य सरकार क्षेत्र हित को देखते हुए तत्परता से डीडीहाट जिले की घोषणा कर देनी चाहिए.

पिथौरागढ़: डीडीहाट जिले की घोषणा को आठ साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज तक डीडीहाट जिला नहीं बन पाया है. जिसके चलते गुस्साए क्षेत्रवासियों ने रामलीला मैदान में जिला बनाओ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर विरोध जताते हुए केक काट कर विरोध प्रदर्शन किया.

घोषणा के 8 साल बाद भी जिला नहीं बना डीडीहाट.

बता दें कि साल 1962 से डीडीहाट को जिला बनाने की मांग चली आ रही है. जिसके चलते साल 2011 में रानीखेत, डीडीहाट, यमुनोत्री और कोटद्वार को तत्कालीन निशंक सरकार ने जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ समय बाद निशंक मुख्यमंत्री पद से हट गए और मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके चलते लोगों ने केक काट कर विरोध प्रदर्शन किया.

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साथ ही डीडीहाट की जनता ने जिले की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है. रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सभी दलों के सदस्यों के साथ स्थानीय जनता ने भी प्रतिभाग किया. इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने कहा की राज्य सरकार क्षेत्र हित को देखते हुए तत्परता से डीडीहाट जिले की घोषणा कर देनी चाहिए.

Intro:डीडीहाट जिले की घोषणा के आठ साल पुरे होने पर सरकार पर कोरी घोषणा का आरोप लगाते हुए जिला संयुक्त मोर्चा ने केक काटकर सरकार के निर्णय पर विरोध प्रकट कियाBody:
**डीडीहाट जिले की घोषणा के आठ साल पूरे होने पर केक काट कर जताया विरोध**

---रामलीला मैदान। में जिला बनाओ संयुक्त मोर्चा ने सामूहिक तौर से केक काटा

डीडीहाट के रामलीला मैदान में डीडीहाट जिले की घोषणा के आठ साल पूरे होने पर यहां विरोध जताते हुए जिला बनाओ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर केक काट कर विरोध प्रदर्शन किया।

15 अगस्त 2011, यही वो दिन था जब रानीखेत, डीडीहाट, यमुनोत्री और कोटद्वार को तत्कालीन निशंक सरकार द्वारा जिला घोषित किया गया था। डीडीहाट जिले की मांग जो की 1962 से चली आ रही है मुख्यमंत्री निशंक द्वारा जिलों की घोषणा के बाद ऐसा लगा जैसे 15 अगस्त के दिन एक और आजादी डीडीहाट को मिल गयी। जिले की घोषणा के पश्चात हर और जश्न का माहोल बन गया था।यही जश्न बाकि के तीन घोषित जिलों में भी हुआ लगा रहा था एक सपना जिसे देखते हुए कई पीढ़िया स्वर्ग सिधार गयी, सच हो गया था।

लेकिन ये चारों घोषित जिलों का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि कुछ समय बाद ही निशंक मुख्यमंत्री पद से हट गए और खंडूरी ने जिलों का मामला ठन्डे बास्ते में डाल दिया। उसके बाद भी कांग्रेस के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी इस मामले को लटकाने का ही काम किया।

15 अगस्त 2019 को इन घोषित जिलों को 8 साल पूरे होने पर डीडीहाट कि जनता ने केक काट कर विरोध दर्ज करने का अनूठा काम किया है और सरकार को आइना दिखाया है। डीडीहाट कि जनता का जिले की मांग को लेकर आर पार की लड़ाई करने का संकल्प लिया है।रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सभी दलों के सदस्यों के साथ स्थानीय जनता ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों ने कहा की राज्य सरकार क्षेत्र हित को देखते हुए ततपरता से डीडीहाट जिले की घोषणा कर देनी चाहिए।

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ये रहे मौजूद

लवी कफलिया,लोकेश भड़,मनोज साह,चञ्चल चौहान,ललित चुफाल,गोविन्द लाल साह, धन सिंह कफलिया,दान सिंह कन्याल,रविन्द्र बोरा,चेतन साही, रविन्द्र बोरा,पवन टोलिया,ललित भंडारी सहित दर्ज़नो लोग मौजूद थे।

Conclusion:डीडीहाट जिले की मांग यहां की जनता 1962 से करती आ रही है।इस दौरान सभी सरकारों ने चुनावी मुद्दों। में डीडीहाट जिले के गठन को प्राथमिक मुद्दा बनाया है।हर बार के आस्वासन के पश्चात डीडीहाट जिला के घोषणा नही किये जाने पर क्षेत्र की जनता में आक्रोश व्याप्त है।

1,2 विजुअल

3 बाईट। रघुनाथ सिंह चौहान अध्यक्ष बार संघ
4 बाईट धन सिंह कफलिया सामाजिक कार्यकर्ता
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