पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है. जिसके चलते भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झुलापुलों पर मेडिकल टीम तैनात की गई है. ये टीम नेपाल से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है.
वहीं सीमांत क्षेत्र के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं. यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत उसका कंडीशनल इलाज किया जाएगा. रोगी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे जिला अस्पताल रेफर करने के लिए सीमांत के अस्पतालों में एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए रोगी के सैंपल पुणे लैब भेजे जाएंगे. साथ ही जिला अस्पताल के ही आइसोलेशन वार्ड में रोगी को कंडीशनल इलाज दिया जाएगा.
डॉक्टर नोनिहाल सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, सांस फूलना और कमजोरी का एहसास होता है. इसके अलावा फेफड़ों पर भी इसका असर पड़ता है. कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर मरीजों का कंडीशनल इलाज किया जाएगा. साथ ही सीमांत के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाये गए हैं.
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उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल की तरह ही चीन और नेपाल की भी सीमाएं खुली हैं. ऐसे में नेपाल से भारत आने वाले नागरिकों से पूछताछ की जा रही है कि वो या उनका परिवार हाल के दिनों में चीन गया है या नहीं. इसके साथ ही नेपाली नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है. अभी तक 200 से अधिक नेपाल से आए लोगों की जांच की जा चुकी है. जिनमें से किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं.