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पिथौरागढ़: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बार्डर पर मेडिकल टीमें गठित, यात्रियों पर रखी जा रही नजर - Medical Team posted

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न टीमें गठित कर दी गई हैं. ये टीमें नेपाल को पिथौरागढ़ जिले से जोड़ने वाले धारचूला, झूलाघाट, बलुवाकोट और जौलजीबी झूलापुल पर नेपाल से भारत आ रहे यात्रियों की जांच कर रही है.

Corona Virus Prevention News
नेपाल से आने वाले यात्रियों की जांच करते चिकित्सक.
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Published : Jan 28, 2020, 5:51 PM IST

पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है. जिसके चलते भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झुलापुलों पर मेडिकल टीम तैनात की गई है. ये टीम नेपाल से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है.

वहीं सीमांत क्षेत्र के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं. यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत उसका कंडीशनल इलाज किया जाएगा. रोगी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे जिला अस्पताल रेफर करने के लिए सीमांत के अस्पतालों में एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए रोगी के सैंपल पुणे लैब भेजे जाएंगे. साथ ही जिला अस्पताल के ही आइसोलेशन वार्ड में रोगी को कंडीशनल इलाज दिया जाएगा.

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मेडिकल टीमें गठित.

डॉक्टर नोनिहाल सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, सांस फूलना और कमजोरी का एहसास होता है. इसके अलावा फेफड़ों पर भी इसका असर पड़ता है. कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर मरीजों का कंडीशनल इलाज किया जाएगा. साथ ही सीमांत के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाये गए हैं.

ये भी पढ़ें: टिहरी: हॉस्पिटल में लंबे समय से डॉक्टरों का टोटा, मरीज भटकने को मजबूर

उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल की तरह ही चीन और नेपाल की भी सीमाएं खुली हैं. ऐसे में नेपाल से भारत आने वाले नागरिकों से पूछताछ की जा रही है कि वो या उनका परिवार हाल के दिनों में चीन गया है या नहीं. इसके साथ ही नेपाली नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है. अभी तक 200 से अधिक नेपाल से आए लोगों की जांच की जा चुकी है. जिनमें से किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं.

पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है. जिसके चलते भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झुलापुलों पर मेडिकल टीम तैनात की गई है. ये टीम नेपाल से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है.

वहीं सीमांत क्षेत्र के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाये गए हैं. यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत उसका कंडीशनल इलाज किया जाएगा. रोगी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे जिला अस्पताल रेफर करने के लिए सीमांत के अस्पतालों में एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है. कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए रोगी के सैंपल पुणे लैब भेजे जाएंगे. साथ ही जिला अस्पताल के ही आइसोलेशन वार्ड में रोगी को कंडीशनल इलाज दिया जाएगा.

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए मेडिकल टीमें गठित.

डॉक्टर नोनिहाल सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, सांस फूलना और कमजोरी का एहसास होता है. इसके अलावा फेफड़ों पर भी इसका असर पड़ता है. कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर मरीजों का कंडीशनल इलाज किया जाएगा. साथ ही सीमांत के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाये गए हैं.

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उन्होंने बताया कि भारत-नेपाल की तरह ही चीन और नेपाल की भी सीमाएं खुली हैं. ऐसे में नेपाल से भारत आने वाले नागरिकों से पूछताछ की जा रही है कि वो या उनका परिवार हाल के दिनों में चीन गया है या नहीं. इसके साथ ही नेपाली नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है. अभी तक 200 से अधिक नेपाल से आए लोगों की जांच की जा चुकी है. जिनमें से किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं.

Intro:पिथौरागढ़: भारत-नेपाल सीमा पर कोरोना वायरस के अलर्ट के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमें ने कमर कस ली है। एक तरफ भारत-नेपाल को जोड़ने वाले झुलापूलों पर मेडिकल टीम तैनात की गई है। जो नेपाल से आने वाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। वहीं सीमांत क्षेत्र के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाये गए है। अगर किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते है तो पहले उनका कंडीशनल इलाज किया जाएगा। वहीं इलाज के बावजूद रोगी की तबियत बिगड़ने पर उनको जिला अस्पताल रैफर करने के लिए सीमांत के अस्पतालों में एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए रोगी का सेंपल पुणे लैब भेजा जाएगा। साथ ही जिला अस्पताल के ही आइसोलेशन वार्ड में रोगी को कंडीशनल इलाज दिया जाएगा।

Body:कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न टीमें गठित कर दी गई हैं। ये टीमें नेपाल को पिथौरागढ़ जिले से जोड़ने वाले धारचूला, झूलाघाट, बलुवाकोट और जौलजीबी झूलापुल पर नेपाल से आने वाली नागरिकों की जांच कर रही है।

भारत-नेपाल की तरह ही चीन और नेपाल की भी खुली सीमाएं है। ऐसे में नेपाल से भारत आने वाले नागरिकों से पूछताछ की जा रही है कि वो या उनका परिवार हाल के दिनों में चीन गया है या नही। इसके साथ ही नेपाली नागरिकों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है। अब तक 200 से अधिक नेपाली से आने वाले लोगों की जांच की जा चुकी है। मगर राहत की बात ये है कि किसी में भी कोरोना वायरस के लक्षण नही पाए गए है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण में सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, सांस फूलना और कमजोरी का एहसास होता है। इसके अलावा फेफड़ों पर इसका पड़ता है। कोरोना वायरस के लक्षण पाये जाने पर मरीजों का कंडीशनल इलाज किया जाएगा। साथ ही सीमांत के अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाये गए है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस चीन से दुनिया के अन्य देशों में भी फैल रहा है, जिसकी रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा नेपाल की खुली सीमा पर अलर्ट घोषित किया गया है।

Byte1: डॉ0 नोनिहाल सिंह, चिकित्सकConclusion:
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