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पिथौरागढ़ में एक साल से कोमा में नर्स मधु, पति का कोचिंग सेंटर हुआ बंद, अब मिलेगी नौकरी - पिथौरागढ़ की नर्स मधु

Nurse Madhu Devi in Coma नियति की मार नरेंद्र पर ऐसी पड़ी कि पत्नी का इलाज कराते-कराते हालात खस्ता हो गए. दरअसल, बीते एक साल से उनकी पत्नी मधु देवी कोमा में है, जो एक साल से अस्पताल के बेड पर पड़ी हैं. ऐसे में मधु की देखरेख की वजह से नरेंद्र को अपना कोचिंग सेंटर तक बंद करना पड़ा. अब इलाज तक के पैसे नहीं बचे, लेकिन राज्य आंदोलनकारी गोपू महर उनके लिए मददगार साबित हुए और उनकी पीड़ा स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचाई. अब स्वास्थ्य मंत्री ने नरेंद्र को नौकरी पर रखने के निर्देश दिए हैं.

Nurse Madhu Devi
कोमा में मधु
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 28, 2023, 12:37 PM IST

पिथौरागढ़ः बीते एक साल से नर्स मधु देवी कोमा में है. मधु एक साल से पिथौरागढ़ जिला अस्पताल के बेड पर पड़ी हुई हैं. उनके पति कोचिंग सेंटर छोड़कर मधु की देखभाल में जुटे हैं. मधु का इलाज कराते-कराते परिवार की माली हालत खराब हो गई है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मानवीय रुख अपनाते हुए मधु के पति को आउटसोर्स के जरिए बेस अस्पताल में नौकरी पर रखने के निर्देश दिए हैं.

Nurse Madhu Devi
अस्पताल के बेड पर मधु

प्रसव ऑपरेशन के बाद कोमा में गई मधु: बता दें कि एक साल पहले कनालीछीना के पंत सेरा निवासी मधु देवी का (उम्र 26 वर्ष) प्रसव की वजह से ऑपरेशन हुआ था, लेकिन ऑपरेशन के बाद वो कोमा में चली गई थी. मधु स्वास्थ्य विभाग में बतौर नर्स के पद पर तैनात थी. मधु के कोमा में चले जाने के बाद उनके पति नरेंद्र सिंह ने विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया. मधु की हालत जस की तस बनी हुई है.

Nurse Madhu Devi
मधु की देखभाल करते पति नरेंद्र

मधु की देखभाल के लिए पति को बंद करना पड़ा कोचिंग सेंटर: मधु एक साल से पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में भर्ती हैं. उनके पति नरेंद्र बीते एक साल से उनकी देखभाल कर रहे हैं. मधु के बेड के बगल में ही अपना बिस्तर लगाकर दिन रहते हैं. इससे पहले नरेंद्र कोचिंग सेंटर चलाते थे. पत्नी की हालत और हर पल उसकी देखरेख की वजह से उन्हें कोचिंग सेंटर बंद करना पड़ा. अब उनके सामने पत्नी की देखरेख के साथ ही रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
ये भी पढ़ेंः संगीत नाटक अकादमी विजेता लोक कलाकार रामलाल की किडनी फेल, मदद की दरकार

सिर्फ पलकें झपकाती है मधु, गोपू महर बने मददगार: मधु केवल अपनी पलकों को झपकाती हैं. ज्यादातर समय उसके आंखों से आंसू निकलते रहते हैं. वहीं, मधु की हालत को देख राज्य आंदोलनकारी और जाग उठा पहाड़ के संयोजक गोपू महर ने देहरादून में स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की. साथ ही मधु और उसके पति के बारे में बताया. उन्होंने मंत्री रावत से मधु के पति नरेंद्र को अस्पताल में ही तैनाती दिए जाने की मांग भी रखी. ताकि, नरेंद्र अस्पताल में काम करने के साथ ही अपनी पत्नी की देखरेख भी कर सकें.

नरेंद्र को आउटसोर्स के जरिए अस्पताल में दी जाएगी नौकरी, मधु का होगा बेहतर इलाज: वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मामले में मानवीय रुख अपनाते हुए पिथौरागढ़ बेस अस्पताल के प्रभारी से वार्ता की और नरेंद्र को आउटसोर्स के माध्यम से अस्पताल में तैनाती दिए जाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने प्रभारी को मधु के इलाज के लिए हायर सेंटर में व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

पिथौरागढ़ः बीते एक साल से नर्स मधु देवी कोमा में है. मधु एक साल से पिथौरागढ़ जिला अस्पताल के बेड पर पड़ी हुई हैं. उनके पति कोचिंग सेंटर छोड़कर मधु की देखभाल में जुटे हैं. मधु का इलाज कराते-कराते परिवार की माली हालत खराब हो गई है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मानवीय रुख अपनाते हुए मधु के पति को आउटसोर्स के जरिए बेस अस्पताल में नौकरी पर रखने के निर्देश दिए हैं.

Nurse Madhu Devi
अस्पताल के बेड पर मधु

प्रसव ऑपरेशन के बाद कोमा में गई मधु: बता दें कि एक साल पहले कनालीछीना के पंत सेरा निवासी मधु देवी का (उम्र 26 वर्ष) प्रसव की वजह से ऑपरेशन हुआ था, लेकिन ऑपरेशन के बाद वो कोमा में चली गई थी. मधु स्वास्थ्य विभाग में बतौर नर्स के पद पर तैनात थी. मधु के कोमा में चले जाने के बाद उनके पति नरेंद्र सिंह ने विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया. मधु की हालत जस की तस बनी हुई है.

Nurse Madhu Devi
मधु की देखभाल करते पति नरेंद्र

मधु की देखभाल के लिए पति को बंद करना पड़ा कोचिंग सेंटर: मधु एक साल से पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में भर्ती हैं. उनके पति नरेंद्र बीते एक साल से उनकी देखभाल कर रहे हैं. मधु के बेड के बगल में ही अपना बिस्तर लगाकर दिन रहते हैं. इससे पहले नरेंद्र कोचिंग सेंटर चलाते थे. पत्नी की हालत और हर पल उसकी देखरेख की वजह से उन्हें कोचिंग सेंटर बंद करना पड़ा. अब उनके सामने पत्नी की देखरेख के साथ ही रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
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सिर्फ पलकें झपकाती है मधु, गोपू महर बने मददगार: मधु केवल अपनी पलकों को झपकाती हैं. ज्यादातर समय उसके आंखों से आंसू निकलते रहते हैं. वहीं, मधु की हालत को देख राज्य आंदोलनकारी और जाग उठा पहाड़ के संयोजक गोपू महर ने देहरादून में स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की. साथ ही मधु और उसके पति के बारे में बताया. उन्होंने मंत्री रावत से मधु के पति नरेंद्र को अस्पताल में ही तैनाती दिए जाने की मांग भी रखी. ताकि, नरेंद्र अस्पताल में काम करने के साथ ही अपनी पत्नी की देखरेख भी कर सकें.

नरेंद्र को आउटसोर्स के जरिए अस्पताल में दी जाएगी नौकरी, मधु का होगा बेहतर इलाज: वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मामले में मानवीय रुख अपनाते हुए पिथौरागढ़ बेस अस्पताल के प्रभारी से वार्ता की और नरेंद्र को आउटसोर्स के माध्यम से अस्पताल में तैनाती दिए जाने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने प्रभारी को मधु के इलाज के लिए हायर सेंटर में व्यवस्था करने का निर्देश दिया.

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