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दूसरे कैंपों में शिफ्ट किए गए नेपाली मजदूर, सोशल डिस्टेंसिंग बनी वजह

पिथौरागढ़ में जिला प्रशासन ने जौलजीबी में रोके गए करीब 250 नेपाली मजदूरों को दूसरे कैंपों में शिफ्ट कर दिया है.

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दूसरे कैंपों में शिफ्ट किए गए नेपाली मजदूर
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Published : Apr 14, 2020, 8:17 PM IST

पिथौरागढ़: जिला प्रशासन ने नेपाल से सटे जौलजीबी में रोके गए करीब 250 नेपाली मजदूरों को दूसरे कैंपों में शिफ्ट कर दिया है. जिला प्रशासन के मुताबिक जौलजीबी जैसे छोटे इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना कठिन हो रहा था. जिसको देखते हुए नेपाली मजदूरों को जिला मुख्यालय के डिग्री कॉलेज और कनाली छीना राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है.

दूसरे कैंपों में शिफ्ट किए गए नेपाली मजदूर

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा: दूसरे राज्यों से एयरलिफ्ट होंगे मुख्य पुजारी? पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट

भारत और नेपाल में लॉकडाउन के चलते हजारों नेपाली मजदूर बॉर्डर इलाकों में फंसे हुए है. भारी तादात में मजदूरों के फंसे होने के कारण प्रशासन को सोशल डिस्टेंसिंग पालन कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने 250 नेपाली मजदूरों को कनाली छीना और पिथौरागढ़ के दूसरे राहत कैंपों में भेज दिया है. मजदूरों के रहने और खाने का इंतजाम जिला प्रशासन और सामाजिक संगठन कर रहे हैं. वहीं, नेपाल सरकार द्वारा पुल नहीं खोले जाने पर नेपाली मजदूरों में भारी आक्रोश है.

पिथौरागढ़: जिला प्रशासन ने नेपाल से सटे जौलजीबी में रोके गए करीब 250 नेपाली मजदूरों को दूसरे कैंपों में शिफ्ट कर दिया है. जिला प्रशासन के मुताबिक जौलजीबी जैसे छोटे इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना कठिन हो रहा था. जिसको देखते हुए नेपाली मजदूरों को जिला मुख्यालय के डिग्री कॉलेज और कनाली छीना राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है.

दूसरे कैंपों में शिफ्ट किए गए नेपाली मजदूर

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