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मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग खस्ताहाल, बल्लियों पर चलकर गश्त करने चीन सीमा पर जा रहे जवान - भारत चीन सीमा पिथौरागढ़ समाचार

चीन सीमा को जोड़ने वाले मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग की हालत खराब है. इस मार्ग पर बर्फबारी के चलते कुल 5 पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तख्ते और बल्लियों के सहारे उफनते हुए नालों को पार करना पड़ रहा है.

 Munsiyari-Milam-Dung walking route
चीन सीमा को जोड़ने वाला मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग खस्ताहाल.
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Published : Jun 14, 2020, 7:16 PM IST

पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाला मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग बुरी तरह खस्ताहाल है. इस मार्ग पर 5 स्थानों पर अस्थायी पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण आर्मी की सप्लाई रुकी हुई है. यही नहीं सीमा पर तैनात जवानों को गश्त पर जाने के लिए यहां उफनते नालों को पार करना पड़ता है. माइग्रेशन करने वाले लोग भी रास्ता खराब होने के कारण गांव को नहीं लौट पा रहे हैं. इस मार्ग के रखरखाव का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के पास है. विभाग ने मार्ग और पुलों के निर्माण के लिए 34 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन अभी तक विभाग को कोई धनराशि नही मिल पाई है.

सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग भारी बर्फबारी के बाद से ही खस्ताहाल पड़ा है. इस मार्ग पर बर्फबारी के चलते कुल 5 पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तख्ते और बल्लियों के सहारे उफनते हुए नालों को पार करना पड़ रहा है. मुनस्यारी से मिलम तक 58 किलोमीटर मार्ग में 4 पुल ध्वस्त पड़े हैं. पुमदेयो, रेलकोट, लासपा और गोखागाड़ में बने पुल जमीदोंज होने से जवानों को चीन सीमा तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

यह भी पढ़ें-'ड्रैगन' के तेवरों से अलर्ट हुए 'हिमवीर', 17 हजार फीट की उंचाई पर ले रहे कड़ी ट्रेनिंग

वहीं मिलम से चीन सीमा की अंतिम चौकी दुंग तक पहुंचने के लिए 9 किलोमीटर का पैदल मार्ग पार करना होता है. लगातार ग्लेशियर पिघलने से ये मार्ग अक्सर बन्द रहता है. इस मार्ग पर सम गांव के पास पुल ध्वस्त होने से आर्मी की अंतिम चौकी के लिए सप्लाई रुकी हुई है.

पिथौरागढ़: चीन सीमा को जोड़ने वाला मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग बुरी तरह खस्ताहाल है. इस मार्ग पर 5 स्थानों पर अस्थायी पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण आर्मी की सप्लाई रुकी हुई है. यही नहीं सीमा पर तैनात जवानों को गश्त पर जाने के लिए यहां उफनते नालों को पार करना पड़ता है. माइग्रेशन करने वाले लोग भी रास्ता खराब होने के कारण गांव को नहीं लौट पा रहे हैं. इस मार्ग के रखरखाव का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के पास है. विभाग ने मार्ग और पुलों के निर्माण के लिए 34 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन अभी तक विभाग को कोई धनराशि नही मिल पाई है.

सामरिक नजरिये से महत्वपूर्ण मुनस्यारी-मिलम-दुंग पैदल मार्ग भारी बर्फबारी के बाद से ही खस्ताहाल पड़ा है. इस मार्ग पर बर्फबारी के चलते कुल 5 पुल पहले से ही ध्वस्त पड़े हैं, जिस कारण सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को तख्ते और बल्लियों के सहारे उफनते हुए नालों को पार करना पड़ रहा है. मुनस्यारी से मिलम तक 58 किलोमीटर मार्ग में 4 पुल ध्वस्त पड़े हैं. पुमदेयो, रेलकोट, लासपा और गोखागाड़ में बने पुल जमीदोंज होने से जवानों को चीन सीमा तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

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वहीं मिलम से चीन सीमा की अंतिम चौकी दुंग तक पहुंचने के लिए 9 किलोमीटर का पैदल मार्ग पार करना होता है. लगातार ग्लेशियर पिघलने से ये मार्ग अक्सर बन्द रहता है. इस मार्ग पर सम गांव के पास पुल ध्वस्त होने से आर्मी की अंतिम चौकी के लिए सप्लाई रुकी हुई है.

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