पिथौरागढ़: भारत-नेपाल का रिश्ता सदियों पुराना है. भारत, नेपाल को हमेशा से अपना छोटा भाई मानता रहा है और हमेशा उसकी मदद की है. कहा जाता है कि दोनों देश के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है. जिसकी वजह से दोनों मुल्कों में रहने वाले एक दूसरे को परिवार का हिस्सा मानते हैं. हालांकि, पिछले दिनों भारत का हिस्सा लिपुलेख, कालापानी और लिम्पयाधुरा को लेकर नेपाली प्रधानमंत्री के दावे ने दोनों देश के बीच कड़वाहट जरूर पैदा कर दी है, लेकिन इसका असर दोनों देश में रहने वाले लोगों पर देखने को नहीं मिल रहा है.
आज हम आपको एक ऐसी ही खबर बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप भी ये मान जाएंगे की दोनों देश के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता आज भी कायम है. मंगलवार को पिथौरागढ़ के जाजरदेवल निवासी कमलेश चंद सरहद पार अपनी दुल्हनियां लेने गए और नेपाल निवासी राधिका के साथ परिणय सूत्र में बंध गए.
इतना ही नहीं, विवाह के बाद अपनी दुल्हन राधिका को लेकर अपने घर भी लौट आए. शादी की ये तस्वीरें साबित करती हैं कि भारत-नेपाल के बीच सियासी रिश्तों का फिर से सामान्य होना सीमांत के लोगों के लिए कितना अहम है. हालांकि यह इतना आसान नहीं था. कमलेश चंद की फरियाद पर दोनों मुल्कों के बीच आधे घण्टे तक अंतरराष्ट्रीय पुल खोला गया, जिसके बाद ही यह संभव हो पाया.
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दूल्हे कमलेश चंद ने बताया कि उनकी शादी मार्च महीने में होनी थी, लेकिन लॉकडाउन होने के कारण झूलापुल बंद हो गया. जिसकी वजह से शादी को रोक दिया गया. कमलेश ने कहा कि दोनों देशों के प्रशासन की अनुमति से पुल खुलने के कारण ही उनकी शादी हो पाई है. शादी करने के बाद नेपाल से वापस लौटे दूल्हा-दुल्हन ने दोनों देशों के स्थानीय प्रशासन का आभार प्रकट किया है. वहीं पुल खुलने के दौरान 50 से अधिक भारतीय लोगों ने नेपाली रिश्तेदारों को राशन भी पहुंचाया.