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बारिश-ओलावृष्टि से खेती और बागवानी को भारी नुकसान, रिपोर्ट शासन को भेजेगा कृषि विभाग

पिथौरागढ़ में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, जौं, चना, मसूर और सरसों की खेती जहां बुरी तरह चौपट हुई है. वहीं सब्जियों और फलों को भी भारी नुकसान हुआ है. जिससे किसानों की कमर टूट गई है.

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Published : Apr 30, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 10:25 PM IST

Pithoragarh
फसल

पिथौरागढ़: लॉकडाउन के चलते जहां पहले से ही किसानों की कमर टूटी है. वहीं, इन दिनों पहाड़ का मौसम कोढ़ में खाज का काम रहा है. बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि ने रबी की फसलों के साथ ही बागवानी को भी चौपट कर दिया है. अप्रैल का महीना खत्म होने को है, लेकिन पहाड़ों में बारिश रुकने का नाम नही ले रही है.

बारिश के साथ हो रही भारी ओलावृष्टि ने रबी की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. बारिश और ओलावृष्टि से अब तक हजारों हेक्टेयर खेती चौपट हो गई है. पिथौरागढ़ कृषि विभाग खेती को हुए नुकसान का आंकलन कर जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजेगा.

बारिश-ओलावृष्टि से खेती और बागवानी को भारी नुकसान.

बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों की खेती जहां बुरी तरह चौपट हुई है. वहीं सब्जियों और फलों को भी भारी नुकसान हुआ है. पहाड़ी फल आड़ू, पूलम और खुमानी के फूल ओलावृष्टि के साथ ही पूरी तरह जमीदोंज हो गए हैं. गौरतलब है कि इस साल लॉकडाउन के चलते लोग समय पर रबी की फसलें नहीं काट पाए थे. साथ ही किसानों को मजदूरों की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें: हरदा ने CM को लिखा ई-पत्र, कहा- प्रवासियों को वापस लाएं, उनकी हिम्मत टूट रही है

पहाड़ों में इस साल बीते 6 महीने से लगातार बारिश जारी है. मौसम चक्र में बदलाव खेती के लिए खतरनाक माना जा रहा है. बीते सालों में मौसम चक्र के बदलाव की मार पहाड़ के किसान लगातार झेल रहे हैं.

पिथौरागढ़: लॉकडाउन के चलते जहां पहले से ही किसानों की कमर टूटी है. वहीं, इन दिनों पहाड़ का मौसम कोढ़ में खाज का काम रहा है. बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि ने रबी की फसलों के साथ ही बागवानी को भी चौपट कर दिया है. अप्रैल का महीना खत्म होने को है, लेकिन पहाड़ों में बारिश रुकने का नाम नही ले रही है.

बारिश के साथ हो रही भारी ओलावृष्टि ने रबी की फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है. बारिश और ओलावृष्टि से अब तक हजारों हेक्टेयर खेती चौपट हो गई है. पिथौरागढ़ कृषि विभाग खेती को हुए नुकसान का आंकलन कर जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेजेगा.

बारिश-ओलावृष्टि से खेती और बागवानी को भारी नुकसान.

बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों की खेती जहां बुरी तरह चौपट हुई है. वहीं सब्जियों और फलों को भी भारी नुकसान हुआ है. पहाड़ी फल आड़ू, पूलम और खुमानी के फूल ओलावृष्टि के साथ ही पूरी तरह जमीदोंज हो गए हैं. गौरतलब है कि इस साल लॉकडाउन के चलते लोग समय पर रबी की फसलें नहीं काट पाए थे. साथ ही किसानों को मजदूरों की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है.

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पहाड़ों में इस साल बीते 6 महीने से लगातार बारिश जारी है. मौसम चक्र में बदलाव खेती के लिए खतरनाक माना जा रहा है. बीते सालों में मौसम चक्र के बदलाव की मार पहाड़ के किसान लगातार झेल रहे हैं.

Last Updated : Apr 30, 2020, 10:25 PM IST
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