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ऑपरेशन डेयरडेविल: पर्वतारोहियों की लाशों की शिनाख्त करना मुश्किल, सिर्फ एक की हुई पहचान

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Published : Jul 3, 2019, 5:16 PM IST

Updated : Jul 3, 2019, 6:40 PM IST

नंदा देवी ईस्ट के बेस कैंप 2 से 7 पर्वतारोहियों के शवों को आज वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिये पिथौरागढ़ मुख्यालय लाया गया. लेकिन चेहरा गलने के कारण सात में से 6 पर्वतारोहियों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. शवों को पोस्टमार्टम और प्रिजर्वेशन के लिए हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया गया है.

ऑपरेशन डेयरडेविल

पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट से रेस्क्यू किये गए 7 पर्वतारोहियों के शवों में से 6 की पहचान नहीं हो पाई है. पर्वतारोहियों के चेहरे और शरीर के कई हिस्से गल गए हैं. जिस कारण शवों की शिनाख्त करना मुश्किल हो रहा है. इन शवों में से एक शव आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडे का है, जिनकी पहचान परिजनों के आधार पर की गई है.

ऑपरेशन डेयरडेविल

नंदा देवी ईस्ट के बेस कैंप 2 से 7 पर्वतारोहियों के शवों को आज वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिये पिथौरागढ़ मुख्यालय लाया गया. नैनी-सैनी एयरपोर्ट में ही पर्वतारोहियों के शवों के पंचनामे की कार्रवाई की गई. नंदा देवी ईस्ट में लंबे समय तक बर्फ में पड़े शवों के चेहरे और शरीर के हिस्से गल गए हैं. जिस कारण शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है.

पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी लाए गए शव.

पढे़ं- दिल्ली में खुलेगा बदरी-केदार टिकट काउंटर, सस्ते दामों पर यहां मिलेगी BKTC की धर्मशाला

वहीं, आईएमएफ के जवान चेतन पांडे की पहचान परिजनों के आधार पर की गई है. प्रशासन का कहना है कि इन शवों में से एक शव महिला का है, जो ऑस्ट्रेलियन पर्वतारोही हो सकती है. लेकिन चेहरा गलने के कारण उसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई है.

पुलिस प्रशासन द्वारा जो पंचनामा भरा गया है, उसमें 6 शवों को अज्ञात बताया गया है. फिलहाल इन शवों की पहचान के लिए विदेशी दूतावास से संपर्क किया गया है. फिलहाल, प्रशासन ने शवों को पोस्टमार्टम और प्रिजर्वेशन के लिए हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया है.

बता दें कि नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांच की चपेट में आने से ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, जोन चार्लीस मैकलर्न, अमेरिका के रोनाल्ड बीमेल, एंथोनी सुडेकम, ऑस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रुथ मैकन्स और आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडे की मौत हो गयी थी.

पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट से रेस्क्यू किये गए 7 पर्वतारोहियों के शवों में से 6 की पहचान नहीं हो पाई है. पर्वतारोहियों के चेहरे और शरीर के कई हिस्से गल गए हैं. जिस कारण शवों की शिनाख्त करना मुश्किल हो रहा है. इन शवों में से एक शव आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडे का है, जिनकी पहचान परिजनों के आधार पर की गई है.

ऑपरेशन डेयरडेविल

नंदा देवी ईस्ट के बेस कैंप 2 से 7 पर्वतारोहियों के शवों को आज वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिये पिथौरागढ़ मुख्यालय लाया गया. नैनी-सैनी एयरपोर्ट में ही पर्वतारोहियों के शवों के पंचनामे की कार्रवाई की गई. नंदा देवी ईस्ट में लंबे समय तक बर्फ में पड़े शवों के चेहरे और शरीर के हिस्से गल गए हैं. जिस कारण शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है.

पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी लाए गए शव.

पढे़ं- दिल्ली में खुलेगा बदरी-केदार टिकट काउंटर, सस्ते दामों पर यहां मिलेगी BKTC की धर्मशाला

वहीं, आईएमएफ के जवान चेतन पांडे की पहचान परिजनों के आधार पर की गई है. प्रशासन का कहना है कि इन शवों में से एक शव महिला का है, जो ऑस्ट्रेलियन पर्वतारोही हो सकती है. लेकिन चेहरा गलने के कारण उसकी भी शिनाख्त नहीं हो पाई है.

पुलिस प्रशासन द्वारा जो पंचनामा भरा गया है, उसमें 6 शवों को अज्ञात बताया गया है. फिलहाल इन शवों की पहचान के लिए विदेशी दूतावास से संपर्क किया गया है. फिलहाल, प्रशासन ने शवों को पोस्टमार्टम और प्रिजर्वेशन के लिए हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया है.

बता दें कि नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांच की चपेट में आने से ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, जोन चार्लीस मैकलर्न, अमेरिका के रोनाल्ड बीमेल, एंथोनी सुडेकम, ऑस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रुथ मैकन्स और आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडे की मौत हो गयी थी.

Intro:पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट से रेस्क्यू किये गए 7 पर्वतारोहियों के शवों में से 6 की पहचान अभी तक नही हो पाई है। पर्वतारोहियों के चेहरे और शरीर के कई हिस्से गल गए है जिस कारण शवों की शिनाख्त मुश्किल है। इन शवों में से एक शव आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडे का है जिनकी पहचान परिजनों के आधार पर की गई है।

नंदा देवी ईस्ट के बेस कैंप 2 से 7 पर्वतारोहियों के शवों को आज वायुसेना के हेलीकाप्टर के जरिये पिथौरागढ़ मुख्यालय लाया गया। नैनी-सैनी एयरपोर्ट में ही पर्वतारोहियों के शवों के पंचनामे की कार्रवाई की गई। नंदा देवी ईस्ट में लंबे समय तक बर्फ में पड़े शवों का धूप से संपर्क होने के कारण चेहरे और शरीर के हिस्से गल गए है। जिस कारण शवों की शिनाख्त नही हो पाई है। वही आईएमएफ के जवान चेतन पांडे की पहचान परिजनों के आढ़ार पर की गई है। वही प्रशासन का कहना है कि इन शवों में से एक शव महिला का है जो संभवतया ऑस्ट्रेलियन पर्वतारोही का हो सकता है। मगर चेहरा गलने के कारण उसकी भी शिनाख्त नही हो पाई है। पुलिस प्रशासन द्वारा जो पंचनामा भरा गया है उसमे 6 शवों को अज्ञात बताया गया है। फिलहाल इन शवों की पहचान के लिए विदेशी दूतावास से संपर्क किया गया है। फिलहाल प्रशासन ने शवों को पोस्टमार्टम और प्रिजर्वेशन के लिए हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया है। आपको बता दें कि नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांस की चपेट में आने से ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, जोन चार्लीस मैकलर्न, अमेरिका के रोनाल्ड बीमेल, एंथोनी सुडेकम, ऑस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रुथ मैकन्स और आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडेय की मौत हो गयी थी।

Byte: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़
Byte: आर सी राजगुरु, पुलिस अधीक्षक, पिथौरागढ़


Body:पिथौरागढ़: नंदा देवी ईस्ट से रेस्क्यू किये गए 7 पर्वतारोहियों के शवों में से 6 की पहचान अभी तक नही हो पाई है। पर्वतारोहियों के चेहरे और शरीर के कई हिस्से गल गए है जिस कारण शवों की शिनाख्त मुश्किल है। इन शवों में से एक शव आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडे का है जिनकी पहचान परिजनों के आधार पर की गई है।

नंदा देवी ईस्ट के बेस कैंप 2 से 7 पर्वतारोहियों के शवों को आज वायुसेना के हेलीकाप्टर के जरिये पिथौरागढ़ मुख्यालय लाया गया। नैनी-सैनी एयरपोर्ट में ही पर्वतारोहियों के शवों के पंचनामे की कार्रवाई की गई। नंदा देवी ईस्ट में लंबे समय तक बर्फ में पड़े शवों का धूप से संपर्क होने के कारण चेहरे और शरीर के हिस्से गल गए है। जिस कारण शवों की शिनाख्त नही हो पाई है। वही आईएमएफ के जवान चेतन पांडे की पहचान परिजनों के आढ़ार पर की गई है। वही प्रशासन का कहना है कि इन शवों में से एक शव महिला का है जो संभवतया ऑस्ट्रेलियन पर्वतारोही का हो सकता है। मगर चेहरा गलने के कारण उसकी भी शिनाख्त नही हो पाई है। पुलिस प्रशासन द्वारा जो पंचनामा भरा गया है उसमे 6 शवों को अज्ञात बताया गया है। फिलहाल इन शवों की पहचान के लिए विदेशी दूतावास से संपर्क किया गया है। फिलहाल प्रशासन ने शवों को पोस्टमार्टम और प्रिजर्वेशन के लिए हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल भेज दिया है। आपको बता दें कि नंदा देवी ईस्ट अभियान के दौरान एवलांस की चपेट में आने से ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, जोन चार्लीस मैकलर्न, अमेरिका के रोनाल्ड बीमेल, एंथोनी सुडेकम, ऑस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रुथ मैकन्स और आईएमएफ के लाइजनिंग ऑफिसर चेतन पांडेय की मौत हो गयी थी।

Byte: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़
Byte: आर सी राजगुरु, पुलिस अधीक्षक, पिथौरागढ़


Conclusion:
Last Updated : Jul 3, 2019, 6:40 PM IST
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