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वनाग्नि बुझाने को विभाग रो रहा कर्मचारियों का रोना, HC ने दिया ये आदेश

राज्य में बढ़ती वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को वन विभाग के खाली पदों को जल्द से जल्द भरने का आदेश दिया है.

पिथौरागढ़
जंगलों में धधक रही आग
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Published : Apr 12, 2021, 1:25 PM IST

Updated : Apr 17, 2021, 3:43 PM IST

पिथौरागढ़: इन दिनों राज्य के जंगल धधक रहे हैं. इस वजह से पहाड़ी राज्य की वन संपदा जलकर खाक रही है. वहीं, वन विभाग के नॉर्थ सर्किल कुमाऊँ में अधिकारियों और कर्मचारियों का भारी टोटा पड़ा हुआ है. आलम ये है कि आग बुझाने में अहम रोल अदा करने वाले वन दारोगा और वन रक्षक जैसे जरूरी पद आधे से अधिक खाली हैं. इस डिवीजन में वन रक्षक के 479 पदों के मुकाबले मात्र 183 पद ही भरे हैं. जबकि वन दरोगा के 347 पद स्वीकृत हैं. मगर तैनाती सिर्फ 201 पदों पर है. कुछ ऐसा ही हाल डिप्टी रेंजरों का भी है. डिप्टी रेंजर के यहां 60 पद हैं, जिसमें 19 पद खाली पड़े हैं.

वनाग्नि बुझाने को विभाग रो रहा कर्मचारियों का रोना
पढ़ें:रुद्रप्रयाग: गर्मी शुरू होते ही धधकने लगे जंगल, आग बुझाने में जुटे ग्रामीण

कुमाऊं के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जिलों की नॉर्थ डिवीजन वन संम्पदा से भरपूर है. बरसाती सीजन को छोड़कर इस डिवीजन में वनाग्नि की घटनाएं भी जमकर होती है. मगर हैरानी की बात ये है कि आग पर काबू पाने के जरूरी संसाधन इस डिवीजन के पास न के बराबर हैं. हालात ये है कि वन रक्षक से लेकर डिप्टी रेंजर तक के कई अहम पद सालों से खाली पड़े हैं. अब तक इस वन प्रभाग में आग लगने की 400 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं.

जबकि जंगल की आग ने 4 लोगों ने अपनी जान गवां दी. नैनीताल हाईकोर्ट ने 6 महीनों के भीतर वन महकमे में जरूरी पदों को भरने का फरमान जारी किया है. ऐसे में देखना ये है कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले पर कब तक अमल करती है.

पिथौरागढ़: इन दिनों राज्य के जंगल धधक रहे हैं. इस वजह से पहाड़ी राज्य की वन संपदा जलकर खाक रही है. वहीं, वन विभाग के नॉर्थ सर्किल कुमाऊँ में अधिकारियों और कर्मचारियों का भारी टोटा पड़ा हुआ है. आलम ये है कि आग बुझाने में अहम रोल अदा करने वाले वन दारोगा और वन रक्षक जैसे जरूरी पद आधे से अधिक खाली हैं. इस डिवीजन में वन रक्षक के 479 पदों के मुकाबले मात्र 183 पद ही भरे हैं. जबकि वन दरोगा के 347 पद स्वीकृत हैं. मगर तैनाती सिर्फ 201 पदों पर है. कुछ ऐसा ही हाल डिप्टी रेंजरों का भी है. डिप्टी रेंजर के यहां 60 पद हैं, जिसमें 19 पद खाली पड़े हैं.

वनाग्नि बुझाने को विभाग रो रहा कर्मचारियों का रोना
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कुमाऊं के अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और चम्पावत जिलों की नॉर्थ डिवीजन वन संम्पदा से भरपूर है. बरसाती सीजन को छोड़कर इस डिवीजन में वनाग्नि की घटनाएं भी जमकर होती है. मगर हैरानी की बात ये है कि आग पर काबू पाने के जरूरी संसाधन इस डिवीजन के पास न के बराबर हैं. हालात ये है कि वन रक्षक से लेकर डिप्टी रेंजर तक के कई अहम पद सालों से खाली पड़े हैं. अब तक इस वन प्रभाग में आग लगने की 400 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं.

जबकि जंगल की आग ने 4 लोगों ने अपनी जान गवां दी. नैनीताल हाईकोर्ट ने 6 महीनों के भीतर वन महकमे में जरूरी पदों को भरने का फरमान जारी किया है. ऐसे में देखना ये है कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले पर कब तक अमल करती है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 3:43 PM IST
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