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भूख हड़ताल पर बैठे चिकित्सा विभाग से निकाले गए स्वास्थ्य कर्मी - पिथौरागढ़ लेटेस्ट न्यूज

नौकरी से निकाले गए स्वास्थ्यकर्मी वेतन का भुगतान करने और सेवा विस्तार की मांग को लेकर 16 सितंबर से आंदोलनरत थे. मांग पूरी नहीं होने पर स्वास्थ्यकर्मी अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

Pithoragarh hunger strike news
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Published : Nov 11, 2021, 9:38 PM IST

पिथौरागढ़: पिछले 56 दिनों से आंदोलनरत पिथौरागढ़ के चिकित्सा विभाग से निकाले गए आउटसोर्सिंग कर्मियों ने आज (गुरुवार) से जिला मुख्यालय में भूख हड़ताल शुरू कर दी है. आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और सरकार द्वारा उनकी कोई भी बात नहीं सुनी जा रही है, जिसके चलते अब उन्होंने भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

कर्मचारियों का कहना है कि जिला प्रशासन ने 282 आउटसोर्स कर्मियों को बिना किसी नोटिस के बाहर निकाल दिया और उन्हें 3 महीने का वेतन भी नहीं दिया गया. परेशान हो चुके कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर कई बार मुख्यमंत्री तक भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें सिवाय आश्वासन उन्हें अब तक कुछ नहीं मिला.

पढ़ें- ग्रामीण के सवाल पर भड़के BJP विधायक विजय पंवार, 'विकास' को लेकर हुई तकरार

आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी. बता दें कि नौकरी से निकाले गए स्वास्थ्यकर्मी वेतन का भुगतान करने और सेवा विस्तार की मांग को लेकर 16 सितंबर से आंदोलनरत थे. मांग पूरी नहीं होने पर स्वास्थ्यकर्मी अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

पिथौरागढ़: पिछले 56 दिनों से आंदोलनरत पिथौरागढ़ के चिकित्सा विभाग से निकाले गए आउटसोर्सिंग कर्मियों ने आज (गुरुवार) से जिला मुख्यालय में भूख हड़ताल शुरू कर दी है. आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और सरकार द्वारा उनकी कोई भी बात नहीं सुनी जा रही है, जिसके चलते अब उन्होंने भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

कर्मचारियों का कहना है कि जिला प्रशासन ने 282 आउटसोर्स कर्मियों को बिना किसी नोटिस के बाहर निकाल दिया और उन्हें 3 महीने का वेतन भी नहीं दिया गया. परेशान हो चुके कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर कई बार मुख्यमंत्री तक भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें सिवाय आश्वासन उन्हें अब तक कुछ नहीं मिला.

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आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी. बता दें कि नौकरी से निकाले गए स्वास्थ्यकर्मी वेतन का भुगतान करने और सेवा विस्तार की मांग को लेकर 16 सितंबर से आंदोलनरत थे. मांग पूरी नहीं होने पर स्वास्थ्यकर्मी अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

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