पिथौरागढ़: देवलथल तहसील क्षेत्र में आदमखोर गुलदार का आतंक देखने को मिल रहा है. आगर गांव में गुलदार ने एक महिला पर हमला बोल दिया, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई. घटना से इलाके में सनसनी फैल गई. बताया जा रहा था कि 40 वर्षीय महिला जंगल में घास लेने गई थी. पहले से घात लगाकर बैठे गुलदार ने हमला कर दिया.
बताया जा रहा है कि हमले के वक्त महिला से साथ दो और महिलाएं भी थीं, जो किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से भाग निकलीं. महिलाओं ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी. जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो उन्हें महिला का शव क्षत-विक्षत हालत में बरामद हुआ. वहीं, घटना के बाद से स्थानीय लोगों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर गुलदार को मारा नहीं गया तो वे सड़कों में उतरकर आंदोलन करेंगे. इस पर डीएफओ ने बताया कि गुलदार को मारने के लिए शिकारी बुला लिये गए हैं.
बता दें, इस इलाके में बीते दो महीनों में गुलदार तीन महिलाओं को निवाला बना चुका है, जबकि दो महिलाओं को गंभीर रूप से घायल कर चुका है. गुलदार के आतंक से इलाके के लोग खौफजदा हैं. वन विभाग ने आदमखोर को पकड़ने के लिए टीमें तैनात की हैं, लेकिन अभी तक गुलदार को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है.
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कांग्रेसियों ने किया डीएम और डीएफओ का घेराव
गुलदार के हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को चार महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिलने से नाराज कांग्रेसियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध जताया. राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मयूख महर की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. साथ ही शीघ्र मुआवजा नहीं दिए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
बता दें, सितंबर माह में मड़गांव निवासी भूपेंद्र सिंह सौन को गुलदार ने निवाला बनाया था. भूपेंद्र का शव सुकौली गांव में मिला था. घटना के चार माह बाद भी युवक के परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है. वहीं, पौण गांव में गुलदार के हमले में घायल एक नेपाली बच्चे को भी वन विभाग द्वारा मुआवजा नहीं दिया गया. बेहतर इलाज ना मिल पाने के कारण बच्चे की मौत हो गयी. वहीं, जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने दोनों मामलों में कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिलाये जाने का आश्वासन दिया है.