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पिथौरागढ़ः थाना इंचार्ज के खिलाफ अभद्रता की शिकायत, DM ने दिए जांच के आदेश

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Published : Apr 15, 2020, 10:07 PM IST

ईई रंजीत धर्मसत्तू का आरोप है कि थाना इंचार्ज ने उनके और उनके स्टाफ के साथ अभ्रदता की है. साथ ही ईई ने थाना इंचार्ज पर जबरन उनके फोन से डाटा डिलीट करने के आरोप भी लगाया है.

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ईई ने थाना इंचार्ज के खिलाफ शिकायत दर्ज की.

पिथौरागढ़: जल निगम के अधिशासी अभियंता ने थाना इंचार्ज के खिलाफ शिकायत की है. ईई रंजीत धर्मसत्तू का आरोप है कि थाना इंचार्ज ने उनके और उनके स्टाफ के साथ अभ्रदता की है. साथ ही ईई ने थाना इंचार्ज पर जबरन उनके फोन से डाटा डिलीट करने का भी आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत डीएम से की है. मामले में डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

दरअसल, आवश्यक सेवा के तहत भैंसखाल में जल निगम द्वारा पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा था. 26 मार्च को नाचनी के थाना इंचार्ज दीपक बिष्ट ने निर्माण स्थल पर पहुंचकर कार्य को रोका और विभाग के जेई और ठेकेदार को हिरासत में लिया. जिसके बाद जिलाधिकारी के हस्तक्षेप करने पर दोनों को छोड़ा गया. इसके बाद 13 अप्रैल को जब जल निगम के ईई रंजीत धर्मसत्तू अपनी साइट से वापस लौट रहे थे तो उन्होंने नाचनी थाने के पास निर्माण कार्य होते हुए देखा.

ईई ने थाना इंचार्ज के खिलाफ शिकायत दर्ज की.

यह भी पढ़ें-हल्द्वानी: कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले पुलिसकर्मियों को किया गया सम्मानित

क्षेत्र का विकास प्राधिकरण प्रभारी होने के नाते धर्मसत्तू ने काम को बंद करवाया. जिसके बाद वो मुख्यालय की ओर निकल पड़े. रंजीत धर्मसत्तू ने बताया कि नाचनी के थानाध्यक्ष ने उनका पीछा किया और उन्हें हिरासत में लिया गया. साथ ही उनके मोबाइल का डाटा भी डिलीट कर दिया. ईई ने इस मामले में जिलाधिकारी से जांच की मांग की है. वहीं जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

पिथौरागढ़: जल निगम के अधिशासी अभियंता ने थाना इंचार्ज के खिलाफ शिकायत की है. ईई रंजीत धर्मसत्तू का आरोप है कि थाना इंचार्ज ने उनके और उनके स्टाफ के साथ अभ्रदता की है. साथ ही ईई ने थाना इंचार्ज पर जबरन उनके फोन से डाटा डिलीट करने का भी आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत डीएम से की है. मामले में डीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं.

दरअसल, आवश्यक सेवा के तहत भैंसखाल में जल निगम द्वारा पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा था. 26 मार्च को नाचनी के थाना इंचार्ज दीपक बिष्ट ने निर्माण स्थल पर पहुंचकर कार्य को रोका और विभाग के जेई और ठेकेदार को हिरासत में लिया. जिसके बाद जिलाधिकारी के हस्तक्षेप करने पर दोनों को छोड़ा गया. इसके बाद 13 अप्रैल को जब जल निगम के ईई रंजीत धर्मसत्तू अपनी साइट से वापस लौट रहे थे तो उन्होंने नाचनी थाने के पास निर्माण कार्य होते हुए देखा.

ईई ने थाना इंचार्ज के खिलाफ शिकायत दर्ज की.

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क्षेत्र का विकास प्राधिकरण प्रभारी होने के नाते धर्मसत्तू ने काम को बंद करवाया. जिसके बाद वो मुख्यालय की ओर निकल पड़े. रंजीत धर्मसत्तू ने बताया कि नाचनी के थानाध्यक्ष ने उनका पीछा किया और उन्हें हिरासत में लिया गया. साथ ही उनके मोबाइल का डाटा भी डिलीट कर दिया. ईई ने इस मामले में जिलाधिकारी से जांच की मांग की है. वहीं जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.

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