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भूकंप से हिली उत्तराखंड की धरती, इस बार 3.1 की तीव्रता के साथ पिथौरागढ़ था केंद्र

पिथौरागढ़ में एक बार फिर भूकंप आया है. इस बार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का 3.1 मापी गई है. भूकंप आने के बाद लोगों में डर का माहौल है.

Earthquake in Pithoragarh
Earthquake in Pithoragarh
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Published : Sep 28, 2021, 4:31 PM IST

देहरादून/पिथौरागढ़: उत्तराखंड में एक बार फिर से धरती डोली है. इस बार भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ बताया जा रहा है. 3 बजकर 40 मिनट भूकंप आया है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का 3.1 मापी गई है. वहीं, भूकंप आने के बाद लोगों में डर का माहौल है.

भूकंप एप के माध्यम से पता चला है कि इस बार भूकंप 10 किलोमीटर नीचे से आया है. भूकंप के झटके 35 किलोमीटर की एरिया में महसूस किये गये हैं. बता दें, भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड राज्य में लगातार भूकंप के झटके आते रहते हैं. ऐसे में उत्तराखंड को भूकंप से होने वाली दिक्कतों और उसके बचाव को लेकर सचेत रहना होगा. भूगर्भ शास्त्रियों की मानें तो प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में एक बड़ा भूकंप आ सकता है.

पढ़ें- 105 दिन से बंद है भारत-चीन बॉर्डर की लाइफ लाइन, दारमा-चौदास घाटी का मुख्यालय से कटा संपर्क

200 साल से नहीं आया कोई बड़ा भूकंप : भूगर्भ वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है. क्योंकि यहां पर पिछले 200 साल से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. इस कारण इस क्षेत्र में जमीन के नीचे काफी ऊर्जा जमा हो रही है, जो कभी भी लावा बनकर फूटेगी. मतलब वो भूकंप उत्तराखंड के लिए विनाशकारी साबित होगा. बता दें कि वैसे भी उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है.

100 साल में एक बार बड़ा भूकंप आना जरूरी : वैज्ञानिकों की मानें तो हर 100 साल में एक बार 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आना जरूरी है. ताकि जमीन की एकत्र हुई ऊर्जा रिलीज हो सके. ऐसा नहीं होने पर छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं और धरती के अंदर बड़ी-बड़ी दरारों को उत्पन्न करते हैं, जो ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं.

देहरादून/पिथौरागढ़: उत्तराखंड में एक बार फिर से धरती डोली है. इस बार भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ बताया जा रहा है. 3 बजकर 40 मिनट भूकंप आया है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का 3.1 मापी गई है. वहीं, भूकंप आने के बाद लोगों में डर का माहौल है.

भूकंप एप के माध्यम से पता चला है कि इस बार भूकंप 10 किलोमीटर नीचे से आया है. भूकंप के झटके 35 किलोमीटर की एरिया में महसूस किये गये हैं. बता दें, भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड राज्य में लगातार भूकंप के झटके आते रहते हैं. ऐसे में उत्तराखंड को भूकंप से होने वाली दिक्कतों और उसके बचाव को लेकर सचेत रहना होगा. भूगर्भ शास्त्रियों की मानें तो प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में एक बड़ा भूकंप आ सकता है.

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200 साल से नहीं आया कोई बड़ा भूकंप : भूगर्भ वैज्ञानिकों की मानें तो उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है. क्योंकि यहां पर पिछले 200 साल से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. इस कारण इस क्षेत्र में जमीन के नीचे काफी ऊर्जा जमा हो रही है, जो कभी भी लावा बनकर फूटेगी. मतलब वो भूकंप उत्तराखंड के लिए विनाशकारी साबित होगा. बता दें कि वैसे भी उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन पांच में आता है.

100 साल में एक बार बड़ा भूकंप आना जरूरी : वैज्ञानिकों की मानें तो हर 100 साल में एक बार 7.5 मैग्नीट्यूड का भूकंप आना जरूरी है. ताकि जमीन की एकत्र हुई ऊर्जा रिलीज हो सके. ऐसा नहीं होने पर छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं और धरती के अंदर बड़ी-बड़ी दरारों को उत्पन्न करते हैं, जो ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं.

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