पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर सुवाकोट में सेना और ग्रामीणों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. असल में ये सारा विवाद सेना के जवानों द्वारा पानी की टंकी तोड़े जाने से शुरू हुआ है, जिससे ग्रामीण खासे नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सेना के जवानों ने अंधेरे में पानी की टंकी को तोड़ दिया. जबकि, सेना पानी की टंकी वाली जमीन को अपना बता रही है. विवाद बढ़ता देख स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराने की कोशिश की.
पिथौरागढ़ में तैनात भारतीय सेना की स्थानीय इकाई ने गुरुवार देर रात सुवाकोट गांव में नवनिर्मित पेयजल टैंक को तोड़ डाला. जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह सेना की कार्रवाई के विरोध में हंगामा शुरू कर दिया. विवाद को तूल पकड़ता देख जिला प्रशासन भी मौके पर पहुंचा.
पढ़ें- रेजांग ला की ठंडी चोटियों में गोलियों की आवाज से दम तोड़ती सच्चाई
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर सेना के अधिकारी कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद प्रशासन ने सार्वजनिक संपत्ति को ध्वस्त करने में उपयोग की गई मशीन को सीज कर दिया है साथ ही जल निगम और सुवाकोट ग्राम पंचायत की ओर से सेना के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है.
पढ़ें- प्रधानमंत्री मोदी की 'राह' पर हरदा, बजाएंगे घंटी-शंख, रखेंगे उपवास
गौरतलब है कि सुवाकोट ग्राम पंचायत में 15 दिन पहले ही साढ़े छह लाख की लागत से 60 हजार लीटर क्षमता का पेयजल टैंक बनाया गया था, जिससे करीब तीन हजार की आबादी को पानी सप्लाई होना था. मगर, गुरुवार की रात सेना के जवानों ने इस टैंक को जेसीबी मशीन से ध्वस्त कर दिया. इसके साथ ही व्यू प्वाइंट और आम रास्ते भी ध्वस्त किये गए हैं, जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है.