पिथौरागढ़: साइबर अपराधी लोगों को नए-नए तरीके से ठगने का काम कर रहे हैं. पिथौरागढ़ में सीमेंट की डीलरशिप दिलाने के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले एक साइबर अपराधी को पिथौरागढ़ पुलिस ने बिहार के बिहार शरीफ से गिरफ्तार किया है. लेकिन पुलिस आरोपी से ठगी की रकम रिकवर नहीं कर पाई है.
पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हिम्मत सिंह खम्पा निवासी पवन विहार कॉलोनी, बिण पिथौरागढ़ द्वारा कोतवाली पिथौरागढ़ में तहरीर दी गई थी कि उनके द्वारा सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद आजीविका के लिए सीमेंट की डीलरशिप के लिए आवेदन किया. इस दौरान अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी लिमिटेड में रजिस्ट्रेशन कराने हेतु ऑनलाइन आवेदन किया गया.
आवेदन के कुछ दिन बाद अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हें कॉल कर स्वयं को अंधेरी मुंबई स्थित अल्ट्राटेक कंपनी के प्रधान कार्यालय का सीनियर एक्जेक्यूटिव अधिकारी बताया गया. साथ ही एक अन्य महिला द्वारा कार्यालय में सेल्स एग्जीक्यूटिव बताया गया. उन लोगों द्वारा विभागीय कार्रवाई का हवाला देते हुए डीलरशिप देने के नाम पर अलग-अलग तारीखों में ऑनलाइन 20 लाख 35 हजार 600 ठग लिए गए. वादी द्वारा ठगी का एहसास होने पर कोतवाली पिथौरागढ़ में धारा 420 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया था. जहां आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की टीम लगाई गई.
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ठग ने अन्य व्यक्ति को बनाया जरिया: जांच पड़ताल में पुलिस ने (खाताधारक) विनोद कुमार पुत्र विजय तांती निवासी उब्राहिमपुर थाना बिन्द, बिहार को साइबर सैल की मदद से उसके घर पर दबिश देकर पूछताछ की तो पता चला कि एक व्यक्ति जिसका नाम प्रिंस है, उसे बिहार शरीफ में मिला था. जो नौकरी दिलाने को लेकर उसे झारखंड ले गया. जहां उसके द्वारा विनोद का पीएनबी में खाता खुलवाया गया. मोबाइल नंबर भी फर्जी रजिस्टर्ड करवाया गया तथा खाते का एटीएम कार्ड और मोबाइल नंबर अपने पास ही रखा गया. परंतु विनोद को कोई नौकरी नहीं दिलाई गई जिसके बाद विनोद घर वापस आ गया.
इस पर पुलिस टीम द्वारा साइबर क्राइम के मुख्य आरोपी 24 वर्षीय प्रिंस कुमार पुत्र मुकेश कुमार गुप्ता निवासी- कांटापर थाना लहेरी बिहार शरीफ जिला नालंदा बिहार को गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से घटना में प्रयोग किए गए चार मोबाइल फोन, 8 सिम और पांच एटीएम कार्ड बरामद किए गए.
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साइबर ठगी का तरीका: पूछताछ में आरोपी ने बताया कि लोगों को ठगने के लिए सबसे पहले फर्जी वेबसाइट खोली गई थी. जिसमें गूगल के माध्यम से अपना अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी का फर्जी डोमेन बनाया गया. ऐसे में कोई भी व्यक्ति उक्त डोमेन में दिए गए नंबरों पर संपर्क करता था तो साइबर ठगों द्वारा उनसे कंपनी में रजिस्ट्रेशन कराने और डीलरशिप दिलाने के नाम पर ठगी कर ली जाती थी. आरोपी द्वारा स्थानीय लोगों को झांसे में लेकर उनके फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाए गए थे. उन खातों में फर्जी आईडी से अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराया गया था. खाते के एटीएम कार्ड अपने पास रखे गये थे. जिनमें संपूर्ण ट्रांजेक्शन करने के अलग-अलग एटीएम का प्रयोग करते हुए रुपए निकाले जाते थे. मामले में आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया है. आरोपी से अन्य अपराधों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.