पिथौरागढ़: विशेष सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी पाते हुए युवक को 15 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त को 70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. ये धनराशि पीड़ित लड़की को दी जाएगी. दोषी ने गांव की किशोरी को हवस का शिकार बनाया था. जिसके बाद परिजनों ने मामले की तहरीर पुलिस को दी थी. कोर्ट के फैसले के बाद दोषी को जेल भेजा गया है. बताया गया है कि दोषी व्यक्ति पीड़िता का रिश्ते का भाई लगता है.
नाबालिग को बनाया हवस का शिकार: अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रमोद पंत ने बताया कि मामला पिथौरागढ़ थाना क्षेत्र में मई 2022 में एक गांव की नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही युवक ने दुष्कर्म किया था. जैसे ही परिजनों को इस बात की जानकारी लगी वो पुलिस के पास पहुंचे. पीड़िता के परिजनों द्वारा पिथौरागढ़ कोतवाली में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 376 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
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दोषी पाए जाने पर 15 साल की सजा: यह मामला विशेष सत्र न्यायालय में चला दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश शंकर राज की कोर्ट ने 13 जुलाई 2023 को दोष सिद्ध करते हुए अभियुक्त को 15 साल का कठोर सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त को 70 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी डीजीसी प्रमोद पंत और एडीजीसी प्रेम भंडारी ने की. कोर्ट में तमाम दलीलें सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाया.
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क्या था मामला: अधिवक्ता प्रमोद पंत के अनुसार, दोषी व्यक्ति अपने रिश्ते की नाबालिग बहन को स्कूल से घर लौटते वक्त अपने कमरे में ले जाता था और उससे रेप करता था. लड़की के परिवार को जान से मारने की धमकी देकर वो उसे डरा-धमकाकर रखता था. इस दौरान लड़की जब गर्भवती हो गई तो दोषी ने गर्भपात कराने के लिए उसे दवा खिलाई. जब परिजनों को पता चला तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.