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पिथौरागढ़: लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने तैनात किए सैनिक, भारत ने भी बढ़ाई सुरक्षा

लद्दाख के बाद अब चीन ने लिपुलेख बॉर्डर के पास पीएलए की एक बटालियन के एक हजार सैनिकों को तैनात कर दिया हैं. वहीं, भारत ने भी चीनी सैनिकों के बराबर ही अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है.

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लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने तैनात किए 1000 सैनिक
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Published : Aug 2, 2020, 1:47 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 2:54 PM IST

पिथौरागढ़: लद्दाख के बाद अब चीनी सेना ने लिपुलेख बार्डर पर मोर्चा खोल दिया है. मिली जानकारी के अनुसार चीन ने लिपुलेख बॉर्डर के पास पीएलए की एक बटालियन तैनात कर दी हैं. जिसमें करीब एक हजार सैनिक हैं. वहीं, भारत ने भी चीनी सैनिकों के बराबर ही अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. भारत के लिए ये अधिक चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल के बीच तनाव चल रहा है. भारत इसे हमेशा अपना क्षेत्र मानता रहा है, जबकि नेपाल ने भी इस पर अपना दावा जता रहा है. जिसके बाद नेपाल ने भारत के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपने राजनीतिक नक्शे में शामिल कर लिया है.

लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने तैनात किए सैनिक, भारत ने भी बढ़ाई सुरक्षा

सैन्य सूत्रों के अनुसार लिपुलेख दर्रे के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक हजार सैनिक तैनात हो गए है. ड्रैगन की इस हिमाकत को देखते हुए भारत ने भी लिपुलेख बॉर्डर पर एक हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं. भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए एकदम तैयार है. दरअसल, लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल के बीच विवाद जारी है. चीन के इशारे पर नेपाल ने भारत के लिपुलेख पर अपना दावा जताया है. वहीं, लिपुलेख दर्रे पर चीनी सैनिकों की तैनाती ये दर्शाती है कि चीन पूरी तरह तैयार है.

ये भी पढ़ें: आपदा प्रभावित क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से किया गया रेस्क्यू

बता दें कि लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल में नया विवाद उस समय खड़ा हो गया. जब लिपुलेख को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना का 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया. जिसके बाद नेपाल ने ये कहते हुए विरोध जताया ता कि यह सड़क उनके क्षेत्र में बनी हुई है. उसके बाद नेपाल की संसद ने संविधान संशोधन अधिनियम पारित कर लिपुलेख, कालापनी और लिम्पियाधुरा को नेपाल के नक्शे में शामिल कर लिया है. नक्शे में शामिल करने के बाद लगातार भारत-नेपाल के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है कि चीन के इशारे पर नेपाल भारतीय क्षेत्रों पर अपना दावा जता रहे है. वहीं चीन ने लिपुलेख बॉर्डर पर सैनिकों की सक्रियता बढ़ाकर अपनी विस्तारवादी नीति का स्पष्ट संदेश दिया है.

पिथौरागढ़: लद्दाख के बाद अब चीनी सेना ने लिपुलेख बार्डर पर मोर्चा खोल दिया है. मिली जानकारी के अनुसार चीन ने लिपुलेख बॉर्डर के पास पीएलए की एक बटालियन तैनात कर दी हैं. जिसमें करीब एक हजार सैनिक हैं. वहीं, भारत ने भी चीनी सैनिकों के बराबर ही अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. भारत के लिए ये अधिक चिंता का विषय इसलिए है क्योंकि लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल के बीच तनाव चल रहा है. भारत इसे हमेशा अपना क्षेत्र मानता रहा है, जबकि नेपाल ने भी इस पर अपना दावा जता रहा है. जिसके बाद नेपाल ने भारत के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपने राजनीतिक नक्शे में शामिल कर लिया है.

लिपुलेख बॉर्डर के पास चीन ने तैनात किए सैनिक, भारत ने भी बढ़ाई सुरक्षा

सैन्य सूत्रों के अनुसार लिपुलेख दर्रे के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक हजार सैनिक तैनात हो गए है. ड्रैगन की इस हिमाकत को देखते हुए भारत ने भी लिपुलेख बॉर्डर पर एक हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं. भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए एकदम तैयार है. दरअसल, लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल के बीच विवाद जारी है. चीन के इशारे पर नेपाल ने भारत के लिपुलेख पर अपना दावा जताया है. वहीं, लिपुलेख दर्रे पर चीनी सैनिकों की तैनाती ये दर्शाती है कि चीन पूरी तरह तैयार है.

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बता दें कि लिपुलेख को लेकर भारत-नेपाल में नया विवाद उस समय खड़ा हो गया. जब लिपुलेख को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजना का 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया. जिसके बाद नेपाल ने ये कहते हुए विरोध जताया ता कि यह सड़क उनके क्षेत्र में बनी हुई है. उसके बाद नेपाल की संसद ने संविधान संशोधन अधिनियम पारित कर लिपुलेख, कालापनी और लिम्पियाधुरा को नेपाल के नक्शे में शामिल कर लिया है. नक्शे में शामिल करने के बाद लगातार भारत-नेपाल के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है कि चीन के इशारे पर नेपाल भारतीय क्षेत्रों पर अपना दावा जता रहे है. वहीं चीन ने लिपुलेख बॉर्डर पर सैनिकों की सक्रियता बढ़ाकर अपनी विस्तारवादी नीति का स्पष्ट संदेश दिया है.

Last Updated : Aug 2, 2020, 2:54 PM IST
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