हल्द्वानी/पिथौरागढ़: उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में बाल विवाह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन ने बाल विवाह रोकने के लिए बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) जन जागरूकता अभियान भी चला रही है, जिससे बाल विवाह को रोका जा सके. एसपी पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह ने कहा है कि जनपद में बाल विवाह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं ऐसे में लोगों से अपील की गई है कि जहां कहीं बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं या बच्चों से संबंधित उत्पीड़न के मामले की तुरंत सूचना करें या पुलिस को शिकायत दर्ज कराएं. जिससे बच्चों को तुरंत न्याय मिल सके.
लोकेश्वर सिंह ने बताया कि बाल विवाह करवाने के मामले में कई लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है. इसके अलावा बच्चों के उत्पीड़न मामले में भी पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. एसपी लोकेश्वर सिंह ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि बाल विवाह के मामले को गंभीरता से लेते हुए उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए. एसपी पिथौरागढ़ लोकेश्वर सिंह ने बताया कि साल 2022 में बाल विवाह से संबंधित कुल 8 प्रकरण पुलिस के संज्ञान में आये, जिनमें कुल 4 मामलों में धारा 376,पॉक्सो अधिनियम तथा 9/11 बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत मुकदमे पंजीकृत किये गये हैं.
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वहीं 4 मामलों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व थानों द्वारा बाल विवाह रूकवाकर परिजनों की काउंसलिंग की गयी. इसके अलावा पिथौरागढ़ पुलिस द्वारा ऐसे कुल 29 बच्चों को चिन्हित किया गया. जिनमें अभिभावकों के जागरूक न होने, छात्र की उदासीनता, आर्थिक रूप से कमजोर होने, परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने व अन्य कई कारणों से स्कूल ड्रॉप आउट कर लिया था. पिथौरागढ़ पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व महिला हेल्प लाइन द्वारा इनमें से अधिकतर बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग करने के उपरान्त उन बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया. गौरतलब है कि पिथौरागढ़ जनपद नेपाल सीमा से लगे होने के चलते बाल विवाह और मानव तस्करी की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में पुलिस ने लोगों से सहयोग करने की अपील की है, जिससे बाल विवाह और मानव तस्करी को रोका जा सके.