पिथौरागढ़: एसओजी और पिथौरागढ़ पुलिस ने ढाई किलो चरस के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. चरस को परचून की दुकान से बरामद किया है. चरस की कीमत करीब तीन लाख रुपए बताई जा रही है. एसपी पिथौरागढ़ लोकेश सिंह ने बताया कि मुखबिर ने पुलिस को परचून की दुकान में कई दिनों से चरस बिकने की सूचना दी.
मुखबिर से सूचना पाकर एसओजी और मुनस्यारी पुलिस ने मुनस्यारी में होटल ब्रह्मकमल के सामने एक परचून की दुकान पर छापामारी. दुकानदार लक्ष्मण सिंह निवासी दराती ख़ासियाबाड़ा को ढाई किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया है. पूछताछ में पता चला कि आरोपी द्वारा दुकान में चरस को रखा गया था, जिसे मैदानी क्षेत्र में सप्लाई किया जाना था. आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
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एसपी लोकेश सिंह ने बताया कि जनपद को नशा मुक्त बनाए जाने के लिए पुलिस द्वारा लगातार कार्य किए जा रहे हैं. जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ लोगों से नशे से दूर रहने की भी अपील की जा रही है.
उत्तराखंड सरकार चला रही है ड्रग्स फ्री स्टेट अभियान: उत्तराखंड में अवैध ड्रग्स का काला कारोबार जोर पकड़ता जा रहा है. आए दिन ड्रग तस्कर पकड़े जा रहे हैं और उनसे भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद हो रहा है. इन ड्रग तस्करों के निशाने पर छात्र और युवा पीढ़ी है. सरकार उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री स्टेट बनाना चाहती है. इसके लिए शीघ्र ही ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025 अभियान’ (Drugs Free Devbhoomi 2025 campaign) चलाया जायेगा.
एंटी ड्रग्स एंड रिहैबिलिटेशन पॉलिसी की तैयारी: पॉलिसी का ड्राफ्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है. इसके लिये सभी संबंधित विभागों से दो सप्ताह के भीतर सुझाव देने को कहा गया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित एफआरडीसी सभागार में उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने को लेकर मैराथन बैठक हुई. बैठक में डॉक्टर रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड को साल 2025 तक ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए शीघ्र ही एंटी ड्रग्स एंड रिहैबिलिटेशन पॉलिसी (Anti Drugs and Rehabilitation Policy) अस्तित्व में आ जायेगी.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को बनाया नोडल: राज्य में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को इस अभियान का नोडल बनाया गया है. पुलिस, समाज कल्याण, श्रम, सेवा योजन एवं कौशल विकास, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा एवं आयुष शिक्षा आदि विभागों को भी अभियान में शामिल किया गया है. डॉक्टर रावत ने बताया कि अभियान के अंतर्गत प्रत्येक माह राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक राजकीय एवं निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों, जिला कारागारों, अनाथालयों एवं सरकारी कार्यालयों में ड्रग्स के दुष्प्रभावों को लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे.