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सीमांत जिलों में संचार व्यवस्था चरमराई, बंदी की कगार पर बीएसएनएल - bsnl in almora zone updates

बीएसएनएल की हालत कई जिलों में बेहद खराब चल रही है. ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी साल भर से भुगतान नहीं हुआ है, जिस कारण सभी ठेका कर्मचारी काम छोड़ चुके हैं.

bsnl pithoragarh latest updates , बीएसएनएल पिथौरागढ़ समाचार
बीएसएनएल की हालत खस्ता .
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Published : Dec 14, 2019, 1:09 PM IST

पिथौरागढ़: बीएसएनएल की खस्ताहाली के चलते सूबे के सीमांत इलाकों में संचार व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है. कर्मचारियों की छंटनी और एक्सचेंज बंद होने के कारण वे इलाके सबसे अधिक प्रभावित हो गए हैं, जहां संचार का मतलब सिर्फ बीएसएनएल था. पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत और बागेश्वर में सरकारी संचार सेवा का जिम्मा संभाल रहा बीएसएनएल सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है .

इन चारों जिलों में अब तक 12 अधिकारियों के साथ ही 41 कर्मचारियों ने नए नियमों के तहत वीआरएस (स्‍वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना) ले लिया है. बड़ी संख्या में कर्मचारियों के हटने से बीएसएनएल की मोबाइल, फोन और इंटरनेट सेवा बुरी तरह चौपट हो गई है. हालात इस कदर खराब हैं कि ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी साल भर से भुगतान नहीं हुआ है, जिस कारण सभी ठेका कर्मचारी काम छोड़ चुके हैं.

बीएसएनएल की हालत खस्ता .

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड: 4G का नेटवर्क रोक पाने में नाकाम जेलों के जैमर, टेक्नोलॉजी ने खतरे में डाली सुरक्षा

अल्मोड़ा जोन के चारों जिलों मे बीएसएनएल अब तक 12 एक्सचेंज बंद कर चुका है, जबकि महीने भर के भीतर 16 एक्सचेंज भी पूरी तरह बंद होने हैं. कुछ ऐसा ही हाल मोबाइल टॉवर का भी है. बिजली का बिल जमा नहीं होने से चारों जिलों में 45 मोबाइल टॉवर्स की बिजली काटी गई. हालांकि इनमें 30 टॉवर्स की बिजली जैसे-तैसे रिस्टोर कराई जा चुकी है. फिर भी 15 टॉवर्स काम नहीं कर रहे हैं. बॉर्डर इलाकों में संचार की इस खस्ताहाली पर सियासत भी गरम है.

पिथौरागढ़: बीएसएनएल की खस्ताहाली के चलते सूबे के सीमांत इलाकों में संचार व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है. कर्मचारियों की छंटनी और एक्सचेंज बंद होने के कारण वे इलाके सबसे अधिक प्रभावित हो गए हैं, जहां संचार का मतलब सिर्फ बीएसएनएल था. पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत और बागेश्वर में सरकारी संचार सेवा का जिम्मा संभाल रहा बीएसएनएल सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है .

इन चारों जिलों में अब तक 12 अधिकारियों के साथ ही 41 कर्मचारियों ने नए नियमों के तहत वीआरएस (स्‍वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना) ले लिया है. बड़ी संख्या में कर्मचारियों के हटने से बीएसएनएल की मोबाइल, फोन और इंटरनेट सेवा बुरी तरह चौपट हो गई है. हालात इस कदर खराब हैं कि ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी साल भर से भुगतान नहीं हुआ है, जिस कारण सभी ठेका कर्मचारी काम छोड़ चुके हैं.

बीएसएनएल की हालत खस्ता .

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड: 4G का नेटवर्क रोक पाने में नाकाम जेलों के जैमर, टेक्नोलॉजी ने खतरे में डाली सुरक्षा

अल्मोड़ा जोन के चारों जिलों मे बीएसएनएल अब तक 12 एक्सचेंज बंद कर चुका है, जबकि महीने भर के भीतर 16 एक्सचेंज भी पूरी तरह बंद होने हैं. कुछ ऐसा ही हाल मोबाइल टॉवर का भी है. बिजली का बिल जमा नहीं होने से चारों जिलों में 45 मोबाइल टॉवर्स की बिजली काटी गई. हालांकि इनमें 30 टॉवर्स की बिजली जैसे-तैसे रिस्टोर कराई जा चुकी है. फिर भी 15 टॉवर्स काम नहीं कर रहे हैं. बॉर्डर इलाकों में संचार की इस खस्ताहाली पर सियासत भी गरम है.

Intro:पिथौरागढ़: बीएसएनएल की खस्ताहाली के चलते सूबे के सीमांत इलाकों में संचार व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई है। कर्मचारियों की छटनी और एक्सचेंज बंद होने के कारण वे इलाके सबसे अधिक प्रभावित हो गए हैं, जहां संचार का मतलब सिर्फ बीएसएनएल था। पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत और बागेश्वर में सरकारी संचार सेवा का जिम्मा संभाल रहा बीएसएनएल सबसे बुरे दौर में है। इन चारों जिलों में अब तक 12 अधिकारियों के साथ ही 41 कर्मचारियों ने नए नियमों के तहत बीआरएस ले लिया है। बड़ी संख्या में कर्मचारियों के हटने से बीएसएनएल की मोबाइल, फोन और इंटरनेट सेवा बुरी तरह चौपट हो गई है। हालात इस कदर खराब है कि ठेके में रखे कर्मचारियों को भी साल भर से भुगतान नही हुआ है। जिस कारण सभी ठेका कर्मचारी भी काम छोड़ चुके हैं।

Body:अल्मोड़ा जोन के चारों जिलों मे बीएसएनएल अब तक 12 एक्सचेंज बंद कर चुका है। जबकि महीने भर के भीतर 16 एक्सचेंज भी पूरी तरह बंद होने हैं। कुछ ऐसा ही हाल मोबाइल टॉवर का भी है। बिजली का बिल जमा नही होने से चारों जिलों में 45 मोबाइल टॉबर्स की बिजली काटी गई । हालांकि इनमें 30 टॉवर्स की बिजली जैसे-तैसे रिस्टोर कराई जा चुकी है। फिर 15 टॉवर्स काम नही कर रहे हैं। बॉर्डर इलाकों में संचार की इस खस्ताहाली पर सियासत भी गर्माई है।

Byte1: एके गुप्ता, महाप्रबंधक, बीएसएनएल
Byte2: प्रदीप टम्टा, सांसद, कांग्रेस
Byte3: अजय टम्टा, सांसद, भाजपा
Conclusion:
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