पिथौरागढ़: चीन सीमा से सटे लास्पा गांव को वाई-फाई कनेक्टिविटी से जोड़कर बीआरओ ने इतिहास रच दिया है. सीमांत जिले में यह पहला मौका है जब चीन से सटे उच्च हिमालयी क्षेत्र में वाई-फाई सेवा शुरू हुई है. वाई-फाई कनेकक्टिविटी से जुड़ने के बाद अब चीन सीमा पर तैनात जवान वीडियो कॉलिंग के जरिये अपने परिजनों से बातचीत कर सकेंगे. बता दें कि बर्फबारी के बाद गर्मियों के सीजन में सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण लास्पा गांव लौटेंगे, जो वाईफाई सेवा के जरिये सीधे तौर पर देश-दुनिया से जुड़ सकेंगे.
चीन बॉर्डर से लगा लास्पा गांव वाई-फाई कनेक्टिविटी से जुड़ गया है. 11 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर वाई-फाई कनेक्टिविटी मुहैय्या कराकर बीआरओ ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बता दें कि मुनस्यारी से 56 किमी दूर चीन सीमा के नजदीक लास्पा गांव में बीआरओ ने अपना कैंप स्थापित किया है. माइनस 10 डिग्री तापमान के बीच मुनस्यारी-मिलम सड़क निर्माण के साथ ही बीआरओ ने वाई-फाई सेवा से लास्पा गांव को जोड़ दिया है.
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इस पहल से बीआरओ के अधिकारियों और मजदूरों के साथ ही बॉर्डर पर डटे जवान भी इंटरनेट कनेक्टिविटी से जुड़ गए हैं. इससे वे वीडियो कॉलिंग के जरिये अपने परिजनों से बातचीत कर रहे हैं. बता दें कि चीन से लगे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारतीय सेना के जवान विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी डटे हुए हैं, लेकिन इन इलाकों में अभी तक संचार सेवा का कोई नामोनिशान नहीं था.
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बीआरओ के इस कारनामे के बाद अब लास्पा गांव वाई-फाई सेवा से जुड़ गया है. चीन सीमा की अंतिम रेलकोट चौकी के जवान भी अब 5 किलोमीटर दूर लास्पा गांव पहुंचकर अपने परिवार से वीडियो कॉल के जरिये बातचीत कर सकेंगे.