पिथौरागढ़: बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) ने कड़ी मशक्कत के बाद मुनस्यारी में टूटा वैली ब्रिज फिर बनकर तैयार हो गया है. चीन सीमा को जोड़ने वाले मुनस्यारी-मिलम मोटरमार्ग पर बीआरओ ने 5 दिन के भीतर नया पुल तैयार कर लिया है. सैनरगाड़ नदी पर बना पुल 22 जून को ओवरलोडिंग ट्रक के गुजरने से टूट गया था, जिसकी वजह से चीन सीमा से संपर्क कट गया था.
मुनस्यारी के धापा में बना यह ब्रिज सामरिक रूप से बेहद अहम था और सीमावर्ती गांव मिलम को प्रदेश के दूसरे हिस्सों से जोड़ता था. सामरिक महत्व को देखते हुए बीआरओ ने 23 जून से नया पुल बनाने का काम शुरू किया था और 27 जून तक पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया. वैली ब्रिज तैयार होने से चीन सीमा के लिए आवागमन फिर से बहाल हो गयी है. इसके साथ ही जोहार घाटी के ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है.
शनिवार को बीआरओ की टीम ने पोकलैंड, ड्रोजर और ट्रक को चलाकर नए पुल का कई बार ट्रायल किया. पुल निर्माण से जुड़े बीआरओ के ओसी बीके रॉय का कहना है कि ट्रायल के आधार पर जल्द ही पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी.
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23 जून को धापा के पास सैनर नाले पर बना पुल पोकलैंड मशीन ले जा रहे ट्रक के कारण टूट गया था. ब्रिज टूटने की तस्वीरें दुनिया भर में वायरल हुई थी और चीन की ग्लोबल टाइम्स ने भी चीन सीमा को जोड़ने वाले वैली ब्रिज के ध्वस्त होने का वीडियो ट्वीट किया था. जिसके बाद बीआरओ ने युद्ध स्तर पर काम करते हुए 5 दिन के भीतर नया पुल तैयार कर दिया है.
सैनर नाले पर बना वैली ब्रिज सामरिक रूप से काफी अहम है. सेना और आईटीबीपी के जवानों के लिए रशद और अन्य सामग्री की सप्लाई इसी पुल के जरिए होती है. जोहार घाटी के माइग्रेशन वाले 10 गांवों की आवाजाही के लिए ये पुल खास महत्व रखता है.