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भूस्खलन के बाद धारचूला में 54 परिवारों को किया गया शिफ्ट, सेना ने संभाला मोर्चा

भूस्खलन के बाद धारचूला में 54 परिवारों को शिफ्ट किया गया है. यहां सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. प्रशासन इन सभी लोगों को रहने खाने की व्यवस्था में जुटा हुआ है. सेना और एसडीआरएफ की टीमें लोगों के घर से मलबा हटाने और उनके सामानों को सुरक्षित निकालने का काम में लगी हैं.

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भूस्खलन के बाद धारचूला में 54 परिवार शिफ्ट
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Published : Jul 31, 2022, 9:26 PM IST

पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला तल्ली बाजार में शुक्रवार को हुए लैंडस्लाइड के बाद 54 घरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. शुक्रवार को भूस्खलन में आधा दर्जन मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये थे. जिसके बाद से यहां लगातार राहत बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और सेना के जवान लगाए गए हैं. खतरे को देखते हुए 54 परिवार को अन्य जगह पर शिफ्ट करने के लिए सेना और एसडीआरएफ को उतारना पड़ा है.

शुक्रवार के बाद से ही धारचूला में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. बताया जा रहा है कि अभी भी बोल्डर गिरने के चलते राहत बचाव कार्य में देरी हो रही है. धारचूला के एलधारा के पास स्थित बेहद नाजुक बनी है. टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर लगभग दस मीटर से अधिक गड्ढा बन चुका है. अस्सी मीटर ऊपर से भूमि दरक रही है. जमीन के अंदर से पानी का स्रोत फूट चुका है. जिसके चलते यहां पर मलबा हटाना संभव नहीं हो पा रहा है. यहां पर कार्य करने वाली हिलवेज कंपनी मलबा हटाने में हाथ खड़े कर चुकी है.

भूस्खलन के बाद धारचूला में 54 परिवार शिफ्ट

पढ़ें- VIDEO: भारी बारिश के बाद उफान पर कैंपटी फॉल, नहाना तो दूर, पास जाने से भी डरेंगे

मशीन लगाते ही ऊपर से पत्थर गिरने लगते हैं, जिसके कारण जेसीबी मशीनों के ऑपरेटरों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. प्रशासन के पास प्रभावित क्षेत्र में बसे परिवारों को मकानों से हटाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है. 54 परिवारों को अलग-अलग बने शिविरों में रखा गया है. बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने रिश्तेदार के यहां भी चले गए हैं. एलधारा के पास बनी नाजुक स्थिति को देखते हुए दोनों तरफ सेना और एसएसबी के जवान तैनात कर दिए गए हैं.

पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला तल्ली बाजार में शुक्रवार को हुए लैंडस्लाइड के बाद 54 घरों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. शुक्रवार को भूस्खलन में आधा दर्जन मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गये थे. जिसके बाद से यहां लगातार राहत बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और सेना के जवान लगाए गए हैं. खतरे को देखते हुए 54 परिवार को अन्य जगह पर शिफ्ट करने के लिए सेना और एसडीआरएफ को उतारना पड़ा है.

शुक्रवार के बाद से ही धारचूला में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. बताया जा रहा है कि अभी भी बोल्डर गिरने के चलते राहत बचाव कार्य में देरी हो रही है. धारचूला के एलधारा के पास स्थित बेहद नाजुक बनी है. टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर लगभग दस मीटर से अधिक गड्ढा बन चुका है. अस्सी मीटर ऊपर से भूमि दरक रही है. जमीन के अंदर से पानी का स्रोत फूट चुका है. जिसके चलते यहां पर मलबा हटाना संभव नहीं हो पा रहा है. यहां पर कार्य करने वाली हिलवेज कंपनी मलबा हटाने में हाथ खड़े कर चुकी है.

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मशीन लगाते ही ऊपर से पत्थर गिरने लगते हैं, जिसके कारण जेसीबी मशीनों के ऑपरेटरों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. प्रशासन के पास प्रभावित क्षेत्र में बसे परिवारों को मकानों से हटाने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है. 54 परिवारों को अलग-अलग बने शिविरों में रखा गया है. बहुत से ऐसे परिवार हैं जो अपने रिश्तेदार के यहां भी चले गए हैं. एलधारा के पास बनी नाजुक स्थिति को देखते हुए दोनों तरफ सेना और एसएसबी के जवान तैनात कर दिए गए हैं.

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