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NIT Innovation Fest: अब बच्चों की चिंता न करें मां-बाप, युवा वैज्ञानिकों ने बनाया AI इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम, मिला फर्स्ट प्राइज

श्रीनगर गढ़वाल स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में चल रहे इनोवेशन फेस्ट में युवा साइंटिस्ट अपनी खोज और कार्यों को प्रदर्शित कर रहे हैं. इसी कड़ी में हल्द्वानी के कुछ छात्रों ने इस इनोवेशन फेस्ट में आर्टिफिकल इंटेलिजेंस से काम करने वाला बेबी हेल्थ केयर सिस्टम तैयार किया है. ये सॉफ्टवेयर उन माता-पिता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो कामकाजी होने के कारण छोटे बच्चों पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे पाते.

Innovation Fest NIT Srinagar
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Published : Feb 27, 2023, 2:21 PM IST

Updated : Feb 27, 2023, 3:06 PM IST

युवा वैज्ञानिकों ने बनाया AI इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम.

श्रीनगर: आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में बच्चों का ख्याल रखना मां-बाप के लिए पहली प्राथमिकता में रहता है, ऐसा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब माता-पिता दोनों नौकरी करते हों. इसी समस्या को देखते हुए उत्तराखंड की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी हल्द्वानी के छात्रों ने ऐसा आर्टिफिकल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर बनाया है जो बच्चों और घर पर पूरा ख्याल रखेगा.

दरअसल, इन दिनों उत्तराखंड की एकमात्र एनआईटी श्रीनगर में इनोवेशन फेस्ट चल रहा है. यहां देशभर से आए युवा वैज्ञानिक अपने इनोवेशन का प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्ही में से कुछ युवा वैज्ञानिकों ने आर्टिफिकल इंटेलिजेंस इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम तैयार किया है, जो पूरी तरह से एआईएस तकनीक पर काम करता है. इन छात्रों को इस इनोवेशन फेस्ट में प्रथम पुरस्कार से भी नवाजा गया है.

ये आर्टिफिकल इंटेलिजेंस बच्चे के रोने पर खुद ब खुद उसे एंटरटेन तो करेगा ही साथ ही अगर वो अपने पालने में टॉयलेट तक कर दे तो आपको एक मैसेज रिसीव होगा और इसकी जानकारी प्राप्त हो जाएगी. छात्रों के इस कारनामे को भारतीय पेटेंट संस्थान ने पेटेंट भी प्रदान कर दिया है.
पढ़ें- Startup Boot Camp: युवा उद्यमियों को दिया जा रहा बिजनेस आइडिया, स्वरोजगार से जुड़ेंगे छात्र

बेबी हेल्थ केयर सिस्टम सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की मदद से काम करता है. हार्डवेयर के तौर पर मोबाइल कैमरा, लैपटॉप, सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाती है, जिसके बाद सॉफ्टवेयर को लैपटॉप पर लोड कर ये पूरा आर्टिफिकल इंटेलिजेंस अपना काम करना शुरू कर देता है.

आर्टिफिकल इंटेलिजेंस इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम को तैयार करने वाले युवा वैज्ञानिक दीपांकर शर्मा बताते हैं कि आज के दौर में सभी बच्चों के माता-पिता जॉब करने वाले होते हैं, उन्ही की मदद के लिए उन्होंने ये सिस्टम तैयार किया है. ये सिस्टम बच्चों के फेस को रीड कर उनके मूड के अनुसार काम करता है और उन्हें मनोरंजन प्रदान करता है.

इसी टीम के युवा वैज्ञानिक विपिन बताते हैं कि अभी ये सिस्टम ₹10 हजार की न्यूनतम कॉस्ट पर लगाया जा सकता है और इसके फीचर भी बढ़ाए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस पूरे सिस्टम को पांच लोगों ने मिलकर तैयार किया है.

युवा वैज्ञानिकों ने बनाया AI इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम.

श्रीनगर: आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में बच्चों का ख्याल रखना मां-बाप के लिए पहली प्राथमिकता में रहता है, ऐसा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब माता-पिता दोनों नौकरी करते हों. इसी समस्या को देखते हुए उत्तराखंड की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी हल्द्वानी के छात्रों ने ऐसा आर्टिफिकल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर बनाया है जो बच्चों और घर पर पूरा ख्याल रखेगा.

दरअसल, इन दिनों उत्तराखंड की एकमात्र एनआईटी श्रीनगर में इनोवेशन फेस्ट चल रहा है. यहां देशभर से आए युवा वैज्ञानिक अपने इनोवेशन का प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्ही में से कुछ युवा वैज्ञानिकों ने आर्टिफिकल इंटेलिजेंस इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम तैयार किया है, जो पूरी तरह से एआईएस तकनीक पर काम करता है. इन छात्रों को इस इनोवेशन फेस्ट में प्रथम पुरस्कार से भी नवाजा गया है.

ये आर्टिफिकल इंटेलिजेंस बच्चे के रोने पर खुद ब खुद उसे एंटरटेन तो करेगा ही साथ ही अगर वो अपने पालने में टॉयलेट तक कर दे तो आपको एक मैसेज रिसीव होगा और इसकी जानकारी प्राप्त हो जाएगी. छात्रों के इस कारनामे को भारतीय पेटेंट संस्थान ने पेटेंट भी प्रदान कर दिया है.
पढ़ें- Startup Boot Camp: युवा उद्यमियों को दिया जा रहा बिजनेस आइडिया, स्वरोजगार से जुड़ेंगे छात्र

बेबी हेल्थ केयर सिस्टम सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की मदद से काम करता है. हार्डवेयर के तौर पर मोबाइल कैमरा, लैपटॉप, सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जाती है, जिसके बाद सॉफ्टवेयर को लैपटॉप पर लोड कर ये पूरा आर्टिफिकल इंटेलिजेंस अपना काम करना शुरू कर देता है.

आर्टिफिकल इंटेलिजेंस इनेबल्ड बेबी हेल्थ केयर सिस्टम को तैयार करने वाले युवा वैज्ञानिक दीपांकर शर्मा बताते हैं कि आज के दौर में सभी बच्चों के माता-पिता जॉब करने वाले होते हैं, उन्ही की मदद के लिए उन्होंने ये सिस्टम तैयार किया है. ये सिस्टम बच्चों के फेस को रीड कर उनके मूड के अनुसार काम करता है और उन्हें मनोरंजन प्रदान करता है.

इसी टीम के युवा वैज्ञानिक विपिन बताते हैं कि अभी ये सिस्टम ₹10 हजार की न्यूनतम कॉस्ट पर लगाया जा सकता है और इसके फीचर भी बढ़ाए जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस पूरे सिस्टम को पांच लोगों ने मिलकर तैयार किया है.

Last Updated : Feb 27, 2023, 3:06 PM IST
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