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मजदूरी नहीं मिलने से श्रमिक परेशान, हरक सिंह रावत ने लिया संज्ञान - kotdwar Workers not getting wages

कोटद्वार स्थित फैक्ट्रियों द्वारा श्रमिकों को वेतन नहीं देने का मामला सामने आया है. इस पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने संज्ञान लेते हुए फैक्ट्रियों से सूचना एकत्रित करने के लिए लेबर कमिश्नर को निर्देशित किया है.

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मजदूरी नहीं मिलने से श्रमिक परेशान
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Published : May 9, 2020, 8:50 AM IST

Updated : May 9, 2020, 2:05 PM IST

कोटद्वार: लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा मजदूर तबके पर पड़ी है. कई श्रमिकों का रोजगार छिन गया तो कई श्रमिकों को वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसा ही मामला कोटद्वार से सामने आया है. यहां फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन नहीं मिला है. इसकी वजह से श्रमिकों की परेशानी बढ़ गई है. मामले का कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने संज्ञान लिया है. मंत्री ने प्रदेश में सभी औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों से सूचना एकत्रित करने के लिए लेबर कमिश्नर को निर्देशित किया है.

प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों के द्वारा श्रमिकों को वेतन न दिए जाने को लेकर लगातार श्रमिक आवाज उठाते आ रहे हैं. इसके बाद भी फैक्ट्री मालिकों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. स्थानीय प्रशासन इन फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है. मामला पौड़ी जिले के कोटद्वार के जसोधरपुर औद्योगिक क्षेत्र का है. यहां श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया जा रहा है.

मजदूरी नहीं मिलने से श्रमिक परेशान

श्रमिकों का कहना है कि फैक्ट्री मालिकों द्वारा फरवरी माह से ही वेतन नहीं दिया गया है. कई बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत की गई है, लेकिन कोई हल नहीं निकला. जब इस संबंध में मंत्री हरक सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है और लेबर कमिश्नर को निर्देशित कर दिया गया है. लेबर कमिश्नर प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों से सूचना एकत्रित करेंगे कि किन कारणों से फैक्ट्री मालिकों द्वारा श्रमिकों को वेतन नहीं दिया गया है. अगर फैक्ट्री मालिक श्रमिकों को वेतन देने में सक्षम हैं और वह नहीं दे रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़े: जनता के बीच जाएंगे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, बांटेंगे 10 हजार राशन किट

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि हम पूरे प्रदेश से सूचना इकट्ठा करवा रहे हैं. लेबर कमिश्नर को हमने कहा कि कोई भी उद्योग श्रमिकों को वेतन देने की स्थिति में है और वह नहीं देना चाहता है तो उसके खिलाफ सख्ती से कदम उठाएं. जो मजदूर हैं वह उद्योगों के परिवार के ही सदस्य हैं. ऐसे दुख के समय में जो उद्योग अपने परिवार के सदस्यों का साथ छोड़ देता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कोटद्वार: लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा मजदूर तबके पर पड़ी है. कई श्रमिकों का रोजगार छिन गया तो कई श्रमिकों को वेतन नहीं मिल रहा है. ऐसा ही मामला कोटद्वार से सामने आया है. यहां फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन नहीं मिला है. इसकी वजह से श्रमिकों की परेशानी बढ़ गई है. मामले का कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने संज्ञान लिया है. मंत्री ने प्रदेश में सभी औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों से सूचना एकत्रित करने के लिए लेबर कमिश्नर को निर्देशित किया है.

प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों के द्वारा श्रमिकों को वेतन न दिए जाने को लेकर लगातार श्रमिक आवाज उठाते आ रहे हैं. इसके बाद भी फैक्ट्री मालिकों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. स्थानीय प्रशासन इन फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है. मामला पौड़ी जिले के कोटद्वार के जसोधरपुर औद्योगिक क्षेत्र का है. यहां श्रमिकों को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया जा रहा है.

मजदूरी नहीं मिलने से श्रमिक परेशान

श्रमिकों का कहना है कि फैक्ट्री मालिकों द्वारा फरवरी माह से ही वेतन नहीं दिया गया है. कई बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत की गई है, लेकिन कोई हल नहीं निकला. जब इस संबंध में मंत्री हरक सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में है और लेबर कमिश्नर को निर्देशित कर दिया गया है. लेबर कमिश्नर प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित फैक्ट्रियों से सूचना एकत्रित करेंगे कि किन कारणों से फैक्ट्री मालिकों द्वारा श्रमिकों को वेतन नहीं दिया गया है. अगर फैक्ट्री मालिक श्रमिकों को वेतन देने में सक्षम हैं और वह नहीं दे रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़े: जनता के बीच जाएंगे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, बांटेंगे 10 हजार राशन किट

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि हम पूरे प्रदेश से सूचना इकट्ठा करवा रहे हैं. लेबर कमिश्नर को हमने कहा कि कोई भी उद्योग श्रमिकों को वेतन देने की स्थिति में है और वह नहीं देना चाहता है तो उसके खिलाफ सख्ती से कदम उठाएं. जो मजदूर हैं वह उद्योगों के परिवार के ही सदस्य हैं. ऐसे दुख के समय में जो उद्योग अपने परिवार के सदस्यों का साथ छोड़ देता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 9, 2020, 2:05 PM IST
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