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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में मजदूरों का धरना खत्म, 10 लाख का मुआवजा देगी कंपनी - Workers protest in Rishikesh Karnprayag railway project ends

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में वाहन चालक की मौत के बाद मजदूरों ने धरना प्रदर्शन किया, जो देर रात कंपनी के अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के बाद खत्म कर दिया गया. कंपनी ने पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने का फैसला किया है.

Workers' protest in Rishikesh Karnprayag railway project ends
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में मजदूरों का धरना खत्म
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Published : May 29, 2022, 5:45 PM IST

Updated : May 29, 2022, 6:00 PM IST

श्रीनगर: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत श्रीनगर के स्वीत गांव में चल रहे टनल निर्माण कार्य में कार्यरत मजदूर की मौत के बाद अन्य मजदूरों ने निर्माण कार्य बाधित किया. मजदूरों ने परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ कार्यदाई संस्था के कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. देर रात तक चली बहस के बाद कंपनी ने 10 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों का देने का फैसला किया. जिसके बाद आक्रोशित मजूदरों ने अपना धरना खत्म किया.

दरअसल, सुरंग निर्माण कार्य में वाहन चालक वीर सिंह की तबीयत खराब होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद रेलवे परियोजना की कार्यदाई संस्था आनन-फानन में शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले आई. जब इसकी सूचना स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होनें पुलिस को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद शव को घाट से वापस लाकर पोस्टमॉर्टम करवाया गया.

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना में मजदूरों का धरना खत्म

पढे़ं- बर्फबारी और बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा रोकी गई, हेली सेवाएं भी निलंबित

कंपनी में कार्यरत मजूदरों की मांग थी कि मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाये. जिस पर कंपनी के अधिकारियों के साथ सहमति न बनने पर उन्होनें शव के साथ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. मौके पर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिये पुलिस बल को भी तैनात किया गया.

पढे़ं- केदारनाथ: 16 दिनों में 60 घोड़े-खच्चरों की मौत, दाह संस्कार की व्यवस्था नहीं, महामारी फैलने का खतरा

देर रात तक चली बहस के बाद कंपनी ने 10 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों का देने का फैसला किया. जिसके बाद आक्रोशित मजदूरों ने अपना धरना खत्म किया. वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी बिना चिता बनाए दो लकड़ियों और टायरों पर अंतिम संस्कार कर रही थी, जो सनातन धर्म के खिलाफ है. उन्होंने इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

श्रीनगर: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत श्रीनगर के स्वीत गांव में चल रहे टनल निर्माण कार्य में कार्यरत मजदूर की मौत के बाद अन्य मजदूरों ने निर्माण कार्य बाधित किया. मजदूरों ने परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ कार्यदाई संस्था के कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया. देर रात तक चली बहस के बाद कंपनी ने 10 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों का देने का फैसला किया. जिसके बाद आक्रोशित मजूदरों ने अपना धरना खत्म किया.

दरअसल, सुरंग निर्माण कार्य में वाहन चालक वीर सिंह की तबीयत खराब होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद रेलवे परियोजना की कार्यदाई संस्था आनन-फानन में शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले आई. जब इसकी सूचना स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होनें पुलिस को इसकी जानकारी दी. जिसके बाद शव को घाट से वापस लाकर पोस्टमॉर्टम करवाया गया.

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कंपनी में कार्यरत मजूदरों की मांग थी कि मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाये. जिस पर कंपनी के अधिकारियों के साथ सहमति न बनने पर उन्होनें शव के साथ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. मौके पर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिये पुलिस बल को भी तैनात किया गया.

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देर रात तक चली बहस के बाद कंपनी ने 10 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों का देने का फैसला किया. जिसके बाद आक्रोशित मजदूरों ने अपना धरना खत्म किया. वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी बिना चिता बनाए दो लकड़ियों और टायरों पर अंतिम संस्कार कर रही थी, जो सनातन धर्म के खिलाफ है. उन्होंने इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.

Last Updated : May 29, 2022, 6:00 PM IST

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